पिक माइक्रोकंट्रोलर

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पिक (PIC) के कुछ माइक्रोकंट्रोलर

पिक माइक्रोकंट्रोलर (PIC microcontroller) माइक्रोचिप टेक्नॉलॉजी (Microchip Technology) द्वारा विकसित माइक्रोकंट्रोलरों की शृंखला है। ये माक्रोकंट्रोलर परिवर्धित हार्वर्ड आर्किटेक्चर पर आधारित हैं। 'PIC' का अर्थ मूलतः 'पेरिफेरल इंटरफेस कंट्रोलर' था।

PIC माइक्रोकंट्रोलर औद्योगिक तथा शौकिया दोनों दृष्टियों से लोकप्रिय हैं। ये सस्ते, सुलभ, बड़ा प्रयोक्ता आधार, उपयोग के लिए आवश्यक कोड की सुलभता, सस्ते विकास-कित की सुलभता, सीरियल प्रोग्रामिंग आदि के कारण बहुत लोकप्रिय हैं। इनका उपयोग शैक्षिक प्रोग्रामिंग में भी बहुतायत से होता है।

क्रोड संरचना (Core architecture)[संपादित करें]

PIC की क्रोड की संरचना की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • कोड और डेटा के लिए अलग-अलग स्थान (हार्वर्ड आर्किटेक्चर)
  • नियत लम्बाई वाली अनुदेश (instructions), जिनकी संख्या बहुत कम है।
  • अधिकांश अनुदेश एक ही क्लॉक-चक्र में पूरी हो जातीं हैं। ब्रांचिंग अनुदेशों में एक और क्लॉक-चक्र की आवश्यकता पड़ती है।
  • एक एकुमुलेटर
  • सभी रैम स्थान (RAM locations) रजिस्टर (registers) की तरह व्यवहार करते हैं। ये गणितीय एवं अन्य फलनों के स्रोत भी हो सकते हैं और गन्तव्य (destination) भी।
  • वापसी के पतों (return addresses) को स्टोर करने के लिए एक हार्डवेयर स्टैक की व्यवस्था
  • एक छोटे आकार के डेटा-स्पेस की भी व्यवस्था जो ऐड्रेस किया जा सकता है (addressable)।
  • सीपीयू रजिस्टर, पोर्ट रजिस्टर तथा पेरिफेरल रजिस्टर डेटा स्पेस में मैप्ड होते हैं।

इसमें मेमोरी-स्पेस और रजिस्टर-स्पेस में कोई अन्तर नहीं किया गया है क्योंकि RAM ही मेमोरी और रजिस्टर दोनों का कार्य करता है।


सन्दर्भ[संपादित करें]