नागार्जुन सागर परियोजना

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नागार्जुन सागर बांध
नागार्जुन सागर परियोजना के अन्तर्गत बना बांध
नागार्जुन सागर परियोजना is located in भारत
नागार्जुन सागर परियोजना
भारत में नागार्जुन सागर बांध की स्थिति
स्थानGuntur district, आन्ध्र प्रदेश and Nalgonda district, तेलंगाना
निर्देशांक16°34′32″N 79°18′42″E / 16.57556°N 79.31167°E / 16.57556; 79.31167निर्देशांक: 16°34′32″N 79°18′42″E / 16.57556°N 79.31167°E / 16.57556; 79.31167
उद्देश्यHydroelectric & Irrigation
निर्माण आरम्भदिसम्बर 10, 1955 (1955-12-10)
आरम्भ तिथि1967
निर्माण लागत132.32 crore rupees
बाँध एवं उत्प्लव मार्ग
घेरावकृष्णा नदी
~ऊँचाई124 मीटर (407 फीट) from river level
लम्बाई1,550 मीटर (5,085 फीट)
जलाशय
बनाता हैNagarjuna Sagar Reservoir
कुल क्षमता11.56 कि॰मी3 (9×10^6 acre⋅ft)
(405 Tmcft)
सक्रिय क्षमता5.44×10^9 मी3 (4,410,280 acre⋅ft)[1]
जलग्रह क्षेत्र215,000 वर्ग किलोमीटर (2.31×1012 वर्ग फुट)
सतह क्षेत्रफ़ल285 कि॰मी2 (3.07×109 वर्ग फुट)
पावर स्टेशन
संचालकAndhra Pradesh Power Generation Corporation
Telangana State Power Generation Corporation Limited
प्रचालन तिथि1978–1985
टर्बाइन्स1 x 110 MW Francis turbine, 7 x 100.8 MW reversible Francis turbines
स्थापित क्षमता816 मेगा॰वाट (1,094,000 अश्वशक्ति)

नागार्जुन सागर बाँध परियोजना भारत के तेलंगाना राज्य में स्थित एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं।इसका नामकरण बौद्ध विद्वान नागार्जुन जी के नाम पर की गई है। इस बाँध को बनाने की परिकल्पना १९०३ में ब्रिटिश राज के समय की गयी थी। १० दिसम्बर १९५५ में इस बाँध की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी।

उन्होने उस समय यह कहा था।

"When I lay the foundation stone here of this Nagarjunasagar, to me it is a sacred ceremony". This is the foundation of the temple of humanity of India, i.e. symbol of the new temples that we are building all over India".

नागार्जुन बाँध हैदराबाद से 150 किमी दूर, कृष्णा नदी पर स्थित है। इसका निर्माण १९६६ में पूरा हुआ था। ४ अगस्त १९६७ में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा इसकी दोनों नहरों में पहली बार पानी छोड़ा गया था। इस बाँध से निर्मित नागार्जुन सागर झील दुनिया की तीसरी सब से बड़ी मानव निर्मित झील है। विश्व की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविन्द वल्लभ पंत सागर झील है, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सीमा पर है।

नदी[संपादित करें]

कृष्णा नदी पर स्थित है।

उद्देश्य[संपादित करें]

मुख्यत गुंटूर के किसानो को लाभ मिलता है। पहली इकाई १९७८ में और आठवीं इकाई १९८५ में लगाई गयी थी। -नालगोंडा क्षेत्र को पीने का पानी भी इसी बांध से मिलता है। -दाहिनी मुख्य नहर का नाम-- जवाहर नहर है। -बायीं मुख्य नहर का नाम लाल बहादुर नहर है।

नागार्जुन बाँध बनाते समय हुई खुदाई में नागार्जुनकोंडा में तीसरी सदी के बौद्ध धर्म के अवशेष मिले हैं। यहाँ खुदाई के दौरान महाचैत्य स्तूप के भी अवशेष प्राप्त हुए थे। यहाँ कभी विहार, बोद्ध मोनेस्ट्री और एक विश्वविद्यालय हुआ करता था।


बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

स्त्रोत- भूगोल

  1. "India: National Register of Large Dams 2009" (PDF). Central Water Commission. मूल (PDF) से 21 July 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 August 2011.