थाई राजनीतिक संकट २०१३–१४

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थाईलैण्ड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन चिनावाट का थाई राजनिति में प्रभाव समाप्त करने के लिए नवम्बर २०१३ से थाईलैण्ड में सरकार विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं।[1] विरोध की शुरूआत विवादास्पद क्षमादान विधेयक (एमनेस्टी बिल) के विरोध से आरम्भ हुई। यह बिल २००४ के बाद से विभिन्न उपद्रवी घटनाओं में शामिल लोगों को माफ़ी देने के उद्देश्य से लाया गया था जिसमें थाकसिन चिनावाट भी शामिल हैं।[2]

पृष्ठभूमि[संपादित करें]

वर्ष २००६ में थाईलैण्ड में सैन्य तख्तापलट हुआ। इस तख्तापलट के परिणामस्वारूप वहाँ के प्रमुख नेता थाकसिन चिनावाट को पद से हटा दिया गया जो ग्रामीण लोगों में काफी लोकप्रिय माने जाते हैं। इस तख्तापलट के बाद वे स्वत: निर्वासन पर चले गये और विदेश में रहने लग गये। २००९ में थाकसिन चिनावाट की बहन यिंगलक चिनावाट की फ़ियु थाई पार्टी ने एक क्षमादान विधेयक पेश किया जिसे वहाँ के नीचले सदन ने अस्वीकार कर दिया और इसके परिणामस्वरूप सरकार विरोधी प्रदर्शन आरम्भ हो गये।[3] प्रदर्शनकारियों ने शुरू से मांग रखी कि यिंगलक चिनावाट की सरकार त्यागपत्र दे। उनके अनुसार चिनावट सरकार सरकार पूर्व प्रधानमंत्री और यिंगलक के भाई थाकसिन चिनावाट के नियंत्रण में कार्य करती है।[4]

धान आर्थिक सहायता घोटाला[संपादित करें]

फ़रवरी २०१४ में थाईलैंड की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने विवादित धान आर्थिक सहायता योजना में प्रधानमंत्री यिंगलक चिनावाट के ख़िलाफ़ मामला दायर करने की घोषणा की।[5] उनपर आरोप लगा कि उन्होंने क सरकारी धान खरीद एजेंसी के किसानों की फ़सल का भुगतान नहीं किया। यिंगलक की पार्टी इसी योजना के तहत सत्ता में आई थी।[6]

राजनीतिक संकट[संपादित करें]

२ फ़रवरी २०१४ को बैंकाक में व्यापक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री यिंगलक चिनावाट ने मध्यावधि चुनाव करावाये। उन्हें इन चुनावों में जीत की उम्मीद थी लेकिन विपक्षी पार्टियों और के बहिष्कार और प्रदर्शनकारियों द्वारा मतदान में बाधा डाले जाने के कारण चुनाव पूरे नहीं हो सके। चुनाव पूरे देश में एकसाथ सम्पन्न नहीं हो पाने के कारण वहाँ की अदालत ने इसे असंवैधानिक क़रार दिया।[7] कई माह चले गतिरोध के बाद संवैधानिक अदालत ने मई २०१४ में धानमंत्री यिंगलक चिनावाट को पद छोड़ने का आदेश दिया। यिंगलक चिनावाट पर आरोप था कि उन्होंने विपक्ष द्वारा नियुक्त किए गए सुरक्षा प्रमुख थाविल प्लायंस्री को ग़लत तरीके से पद से हटा दिया था।[8] इस बीच कई माह के गतिरोध को देखते हुये थाईलैण्ड की सेना ने देश में मार्शल लॉ लगा दिया। इस नियम के तहत सेना ने बड़े पैमाने पर अधिकार अपने हाथ में ले लिये।[9][10] [11] इसके दो दिन बाद ही थाईलैंड के सैन्य प्रमुख ने तख़्तापलट की घोषणा की। उन्होंने घोषणा की कि सरकार का नियंत्रण अपने हाथ में ले रही है।[12]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Thailand opposition to protest amnesty bill" [एमनेस्टी बिल के विरोध में थाईलैण्ड विपक्ष] (अंग्रेज़ी में). बीबीसी न्यूज़. ३० अक्टूबर २०१३. मूल से 20 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  2. एंड्र्यू आर॰सी॰ मार्शल (३० जनवरी २०१४). "Insight: How Thaksin's meddling sparked a new Thai crisis for PM sister" [सूक्ष्म दृष्टि: थाकसिन की दखल से कैसे प्रधानमंत्री तक थाई संकट छिड़ा] (अंग्रेज़ी में). रोइटर्स. मूल से 5 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  3. "थाईलैंड में आखिर प्रदर्शन क्यों". बीबीसी हिन्दी. ३ दिसम्बर २०१३. मूल से 24 जून 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  4. "थाईलैंड में सरकार विरोधी प्रदर्शन". बीबीसी हिन्दी. २७ नवम्बर २०१४. मूल से 5 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  5. "थाईलैंडः पुलिस-प्रदर्शनकारियों में झड़प, 4 की मौत". बीबीसी हिन्दी. १८ फ़रवरी २०१४. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  6. "थाईलैंडः किसानों ने प्रधानमंत्री को घर में घेरा". बीबीसी हिन्दी. १८ फ़रवरी २०१४. मूल से 28 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  7. "थाईलैंड में हुए चुनाव अवैध क़रार". बीबीसी हिन्दी. २१ मार्च २०१४. मूल से 24 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  8. "थाईलैंडः अदालत ने प्रधानमंत्री को हटाया". बीबीसी हिन्दी. ७ मई २०१४. मूल से 10 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  9. "थाईलैंड में मार्शल लॉ, अधिकार सेना के हाथ में". बीबीसी हिन्दी. २० मई २०१४. मूल से 21 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  10. "Thailand army declares martial law" [थाईलैण्ड की सेना ने मार्शल लॉ लागू किया] (अंग्रेज़ी में). बीबीसी न्यूज़. २० मई २०१४. मूल से 20 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  11. "Thailand's army declares martial law, troops take over TV stations, acting PM still in office" [थाईलैंड की सेना मार्शल लॉ घोषित किया, सैनिकों ने टीवी स्टेशनों पर कब्ज़ा किया, कार्यवाहक प्रधानमंत्री अभी भी कार्यालया में] (अंग्रेज़ी में). रेडियो ऑस्ट्रेलिया. २० मई २०१४. मूल से 20 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० मई २०१४.
  12. "थाईलैंड में तख़्तापलट, सत्ता पर सेना का क़ब्ज़ा". बीबीसी हिन्दी. २२ मई २०१४. मूल से 25 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 मई 2014.