डॉप्लर प्रभाव

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जब किसी ध्वनि स्रोत और श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है तो श्रोता को जो ध्वनि सुनाई पड़ती है उसकी आवृत्ति मूल आवृति से कम या अधिक होती है। इसी को डॉप्लर प्रभाव (Doppler effect) कहते हैं।

यही प्रभाव प्रकाश स्रोत और प्रेक्षक के बीच आपेक्षिक गति से भी होता है, जिसमे प्रेक्षक को प्रकाश की आवृत्ति मे परिवर्तन का अनुभव नही होता है क्योंकि प्रकाश की गति के तुलना मे उन दोनो की आपेक्षिक गति बहुत ही कम होती है । यदि प्रेक्षक और प्रकाश स्रोत के बीच की आपेक्षिक गति प्रकाश की गति का ३% भी हो तो प्रेक्षक ध्वनि की तरह प्रकाश की आवृति मे परिवर्तन का अनुभव कर पायेगा । ब्रह्माण्ड फैल रहा है आकाशीय पिंड एक दूसरे से दूर जा रहे हैं । अरबों साल पीछे सभी पदार्थ एक बिंदु पर केंद्रित थे । एक विशाल धमाके के साथ ये बिखर गये और तब से ब्रह्माण्ड निरंतर फैल रहा है यह सिद्धांत बिग बैंग सिद्धान्त के नाम से जाना जाता है आकाशीय पिंडों के दूर जाने की चाल इनके बीच की दूरी का अनुक्रमाणुपाती है । इस सिद्धांत की व्याख्या भी प्रकाश के डॉप्लर प्रभाव से की जाती है । Moon sun