चेन्नई में पर्यटन

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मरीना बीच में एमजीआर (MGR) समाधि

अपने ऐतिहासिक स्थलों और इमारतों, लंबी रेतीले समुद्र तट, सांस्कृतिक और कला केन्द्रों और पार्कों के साथ, चेन्नई का पर्यटन आगंतुकों को कई मनोरम स्थान प्रदान करता है। चेन्नई का एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्यटक आकर्षण वास्तव में निकटवर्ती शहर महाबलीपुरम में अपने प्राचीन मंदिरों एवं 7वीं सदी के पल्लव साम्राज्य के चट्टान की नक्काशियों के साथ स्थित है।

दिल्ली एवं मुंबई के बाद चेन्नई विदेशियों द्वारा तीसरा सर्वाधिक भ्रमण किया जाने वाला शहर है। 2007 में संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), युनाइटेड किंगडम (यूके), श्रीलंका, मलेशिया, एवं सिंगापुर के लगभग 65,000 पर्यटकों ने शहर का भ्रमण किया है।[1]

आकर्षण[संपादित करें]

बीच (समुद्र तट)[संपादित करें]

मरीना बीच

15 किमी लंबे और 400 से 500 मीटर चौड़े मरीना बीच में प्रकाश घर, स्मारक, पैदल रास्ते, बगीचे एवं तटाभिमुख भूमि के किनारे सैर की सुविधाएं हैं। चेन्नई के युवाओं के द्वारा चेन्नई शहर के दक्षिण की ओर स्थित विहारस्थल, रेस्तरां एवं कॉफी दुकानों से युक्त बसंत नगर में स्थित इलियट के बीच को अधिक पसंद किया जाता है।[2] ईस्ट कोस्ट रोड के किनारे इलियट बीच एवं महाबलीपुरम के मध्य में अनेक बीच हैं। इनमें से सबसे उल्लेखनीय हैं कोविलोंग बीच जिसमें कर्नाटक के नवाब द्वारा निर्मित एक छोटी खाड़ी एवं एक किला है।[3]

सरकारी संग्रहालय परिसर[संपादित करें]

एगमोर में सरकारी संग्रहालय परिसर में सरकारी संग्रहालय, कोनिमारा सार्वजनिक पुस्तकालय और राष्ट्रीय कला दीर्घा स्थित हैं। 1851 में स्थापित, छह भवनों और 46 दीर्घाओं वाला संग्रहालय लगभग 16.25 एकड़ (66,000 वर्ग मी) क्षेत्र में व्याप्त है। संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुओं में पुरातत्व विज्ञान, मुद्राशास्त्र,प्राणीशास्त्र, प्राकृतिक इतिहास, मूर्तिकला, ताड़ की पत्तियों से निर्मित पांडुलिपियों एवं अमरावती चित्रकला सहित विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित शिल्पकृतियां एवं वस्तुएं शामिल हैं। कोनिमारा सार्वजनिक पुस्तकालय भारत के चार राष्ट्रीय संग्रह पुस्तकालयों में से एक है जहां भारत में प्रकाशित होने वाले सभी पुस्तकों, समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की एक प्रति उपलब्ध है। 1890 में स्थापित पुस्तकालय सदियों पुराने प्रकाशनों का भंडार है, जिसमें देश की कुछ सर्वाधिक सम्मानित कृतियां एवं संग्रह मौजूद हैं। यह संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए एक संग्रह पुस्तकालय के रूप में भी कार्य करता है। राष्ट्रीय कला दीर्घा भवन देश भारतीय-सार्सिनियाई रूप वाले सबसे बेहतरीन स्थापत्यकलाओं में से एक है।

सेंट जॉर्ज का किला[संपादित करें]

फोर्ट सैंट जॉर्ज के अंदर सेंट मेरी चर्च

फोर्ट सेंट जॉर्ज (या ऐतिहासिक रूप से, व्हाइट टाउन) भारत के प्रथम ब्रिटिश किले का नाम है, जिसकी स्थापना 1639[4] में तटीय शहर मद्रास (आधुनिक शहर चेन्नई) में हुई। इस किले को सेंट जॉर्ज दिवस के ही दिन इंग्लैण्ड के संरक्षक संत के सम्मान में 23 अप्रैल को पूरा किया गया। इस प्रकार नामित फोर्ट सेंट जॉर्ज का मुख समुद्र और कुछ मछुवारों के गाँवों की तरफ था, एवं यह शीघ्र ही व्यापारिक गतिविधि का केंद्र बन गया। इसने जॉर्ज टाउन नामक एक नई उपनिवेश व्यवस्था (ऐतिहासिक रूप से ब्लैक टाउन कहे जाने वाले) को जन्म दिया, जिसने गांवों को घेरना शुरू किया एवं मद्रास शहर को जन्म दिया। यह किला 6 मीटर ऊंची दीवारों वाला गढ़ है जिसने 18 वीं सदी में अनेक हमले सहे हैं। आज, यह किला तामिलनाडु राज्य विधानसभा का प्रशासनिक मुख्यालय है, एवं उसमे अभी भी दक्षिण भारत एवं अंडमान के विभिन्न स्थानों में मार्गस्थ सैन्य टुकड़ी को रखा जाता है। किले के संग्रहालय में कई गवर्नरों सहित राज के अनेक अवशेष शामिल हैं। किले के अंदर मौजूद अन्य स्मारक हैं सेंट मेरी चर्च, जो भारत में सबसे पुराना आंग्लिक चर्च है, एवं वेलेस्ली हाउस, जिसमें किले के गवर्नर एवं शासन के अन्य उच्चाधिकारियों के चित्र हैं।

कला और शिल्प[संपादित करें]

विभिन्न कला दीर्घाओं एवं सांस्कृतिक केन्द्रों में तमिल एवं भारतीय संस्कृति और परंपरा प्रदर्शित होते हैं। वल्लुवर कोट्टम कवि-संत थिरूवल्लुवर की स्मृति में एक प्रेक्षागृह है। इसमें 101 फुट ऊंचा एक मंदिर रथ संरचना भी है। कलाक्षेत्र जो भारतीय कला एवं शिल्प के पुनरुत्थान का एक केन्द्र है - विशेष रूप से नृत्य रूप भरतनाट्यम - बसंत नगर में स्थित है। राष्ट्रीय कला दीर्घा, जिसकी स्थापना 1907 में की गई, में 11वीं और 12वीं सदी के भारतीय हस्तशिल्प, 17वीं सदी की दक्षिण भारत की चित्रकलाएं, 16वीं से 18वीं सदी तक की मुगल और राजस्थान चित्रकलाएं एवं 10वीं से 13वीं सदी तक के कांसे की कृतियां उपलब्ध हैं और यह सरकारी संग्रहालय का एक हिस्सा है।

थियोसोफिकल सोसायटी के विश्व मुख्यालय की स्थापना 1886 में अडयार नदी के तट पर की गई। सभी प्रमुख धर्मों के तीर्थ स्थल इसके विस्तृत रूप से फैले हुए भू-उद्यानों में स्थित हैं। ईस्ट कोस्ट रोड पर स्थित चोलामंडलम कलाकारों का गांव कलाकारों एवं मूर्तिकारों का अपने स्टूडियो एवं स्थायी दीर्घाओं में कार्यरत अवस्था का एक दृश्य प्रदान करता है। चेन्नई कला संस्थान द्वारा संचालित दक्षिणचित्र दक्षिण भारत के कलाओं एवं शिल्पों एवं रंगकर्मियों के माध्यम से दक्षिण भारत में प्रचलित जीवन का एक चित्रण है।

पूजा स्थल[संपादित करें]

मायलापुर में कपलीश्वरर मंदिर

आरंभिक युगों से ही, चेन्नई का एक सर्वदेशीय समाज था जिसमें विभिन्न धार्मिक समूहों के व्यक्ति साथ-साथ रहते थे। परिणामस्वरूप विभिन्न धर्मों से संबंधित ऐतिहासिक और आधुनिक दोनों पूजा स्थल शहर में मौजूद हैं। चेन्नई में सबसे प्रसिद्ध मंदिर मयलापुर में कपालीश्वर मंदिर है। वादापलानी मंदिर भी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण पूजा स्थल है। सेंट थॉमस माउंट, वह स्थल जहां माना जाता है कि ईसा मसीह के एक शिष्य सेंट थॉमस शहीद हो गए,[5] भारतीय ईसाईयों के लिए महत्वपूर्ण एक तीर्थ स्थल है। सैन्थोम महागिरजाघर, जो अनुमानत: सेंट थॉमस के कब्र के ऊपर बनाया गया था, रोम के कैथोलिकों द्वारा पूजनीय चर्च है। चेन्नई स्थित सेंट जॉर्ज का प्रधान गिरजाघर प्रोटेस्टैंट ईसाइयों के लिए एक महत्वपूर्ण पूजा स्थल है। हजार बत्तियों वाला मस्जिद देश के सबसे बड़े मस्जिदों में से एक है और मुसलमानों का एक पवित्र पूजा स्थल है।

उद्यान[संपादित करें]

2.76 वर्ग किमी में फैला देश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान गिंडी राष्ट्रीय उद्यान पूर्ण रूप से शहर के भीतर स्थित है। यह हिरण, लोमड़ियों, बंदरों और सांपों की विभिन्न विलुप्तप्रायः किस्मों को सहेजे है। राष्ट्रीय उद्यान में स्थित गिंडी सर्प उद्यान में सांपों का विशाल संग्रह है एवं यह विषरोधी सीरम का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। अरिग्नार अन्ना प्राणी उद्यान (जिसे वन्डालुर चिड़ियाघर के नाम से बेहतर रूप में जाना जाता है) शहर के दक्षिण पश्चिम में स्थित है और 5.1 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां प्रदर्शन करने के लिए अस्सी प्रजातियां हैं और इसमें एक शेर सफ़ारी, एक हाथी सफ़ारी, एक निशाचर पशु घर और एक मछलीघर शामिल हैं। शहर के दक्षिण में, ईस्ट कोस्ट रोड के किनारे, उभयचर प्राणिविज्ञान संबंधी अनुसंधान का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है जिसे मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट कहा जाता है, जिसमें कई ताजे पानी और खारे पानी वाले मगरमच्छों, ग्राहों, घड़ियालों और कछुए तथा सांपों का भी आवास है। उद्यानकृषि (बागवानी) विभाग के वनस्पति उद्यान में पौधों की एक बहुत व्यापक विविधता है और 2 करोड़ वर्ष पुराना एक जीवाश्मीकृत पेड़ का तना भी है। हर वर्ष यहां मई के महीने में एक ग्रीष्मकालीन समारोह आयोजित किया जाता है।

ख़रीदारी[संपादित करें]

चेन्नई में स्पेंसर प्लाजा सबसे बड़े शॉपिंग मॉल में से एक है

चेन्नई खरीदारी के लिए कुछ अनोखे स्थान हैं। कला और शिल्प, समकालीन और पारंपरिक कलाकृति, प्राचीन वस्तुएँ, गहने आदि शहर में उपलब्ध हैं। पारंपरिक वस्तुएं जैसे कि तिरूनेल्वी के पत्ती सदृश एवं पाल्मायरा-रेशे वाले हस्तशिल्प, कांसा एवं तांबा की की नक्काशियां एवं कुम्बकोनम के पारंपरिक आभूषण, तंजावुर के धातु कर्म, महाबलीपुरम के पत्थर की नक्काशियां, कांचीपुरम के रेशम दुकानों एवं बुटिक (वस्त्रालय) में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। जॉर्ज टाउन और पैरिज कॉर्नर चेन्नई के थोक बाजार हैं जहां कोई लगभग सबकुछ खरीद सकता है। कई मार्ग पूरी तरह से एक विशेष प्रकार की वस्तु की बिक्री के लिए समर्पित हैं। नजदीकी बर्मा बाजार अपने नकली इलेक्ट्रॉनिक सामानों एवं मीडिया के लिए एवं मूर मार्केट एक बड़ी संख्या में अपनी पुस्तकों की दुकानों के लिए प्रसिद्ध है। टी.नगर में स्थित पांडी बाजार, चेन्नई के लिये अनोखे, बहुमंजिली दुकानों का गढ़ है, जो मुख्य रूप से वस्त्रों एवं रेशमों या सोना, चांदी, सोना और हीरे के आभूषण की बिक्री से संबंधित है।

मनोरंजन[संपादित करें]

चेन्नई की सरहद पर तीन विशाल मनोरंजन पार्क, एमजीएम डिज़्ज़ी वर्ल्ड, वीजीपी यूनिवर्सल किंगडम और किशकिंता एवं एक जल क्रीड़ा केन्द्र तथा डैश एन स्प्लैश स्थित हैं। शहर में ईस्ट कोस्ट रोड के किनारे एक पेंटबॉल केंद्र[6] और जल क्रीड़ा क्लब भी है। ईस्ट कोस्ट रोड उच्च पथ से लेकर महाबलीपुरम तक किनारे चारों तरफ एक बड़ी संख्या में बीच रिज़ॉर्ट भी हैं। तमिल फिल्म उद्योग का घर होने के कारण इस शहर में कुछ बहुपटीय सिनेमा हाल सहित 100 से अधिक विशाल सिनेमा थियेटर हैं जिसमें तमिल, अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगु और मलयालम फिल्में प्रदर्शित की जाती हैं।[7] शहर में एक बड़ी संख्या में रेस्तरां हैं जो विभिन्न किस्म के तमिल, भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यंजन पेश करते हैं।[8] चेन्नई का रात्रिजीवन जीवंत है एवं इसमें निखार आता जाता है जिसमें बार से लेकर पूल पार्लर और लाउंज तथा क्लब हैं।[9]

चित्रशाला[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. http://www.timeofindia.com Archived 2014-12-18 at the वेबैक मशीन टाइम्स ऑफ़ इंडिया, 2 जून 2008
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 अक्तूबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 अक्तूबर 2010.
  3. "Chennai Tourism". lifeinchennai.com. मूल से 13 फ़रवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-07-27.
  4. रॉबर्ट्स, जे: "विश्व का इतिहास.". पेंगुइन, 1994.
  5. "भारत में सेंट थॉमस". मूल से 29 जनवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 अक्तूबर 2010.
  6. "Paintball Chennai". http://www.paintballchennai.com/. मूल से 20 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-14. |publisher= में बाहरी कड़ी (मदद)
  7. "Chennai Cinema Theatres". lifeinchennai.com. मूल से 20 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-07-27.
  8. "Chennai Hotels and Restaurants". lifeinchennai.com. मूल से 20 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-07-27.
  9. "Chennai Pubs and Discs (Discotheques) - Entertainment". lifeinchennai.com. मूल से 8 नवंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-07-27.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

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