गजनी (2008 फ़िल्म)

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(ग़जिनि (2008 फ़िल्म) से अनुप्रेषित)
गजनी
निर्देशक ए आर मुरूगाडोस
लेखक ए आर मुरूगाडोस
निर्माता गीता आर्ट्स
अभिनेता आमिर खान
असिन
जिया ख़ान
प्रदीप रावत
रियाज़ खान
छायाकार रवि के. चंद्रन
संपादक एंथोनी
संगीतकार ए आर रहमान
वितरक स्टूडियो 18
एडलैब्स
प्रदर्शन तिथि
२५ दिसम्बर २००८
लम्बाई
186 मिनट
देश भारत
भाषा हिंदी
लागत ४५ करोड रूपये
कुल कारोबार २८०.१ करोड रूपये
$ 54,316,564[1]

ग़जनी (हिन्दी: घजनी) गीता आर्ट्स के बैनर तले बनी ए.आर. मुरुगाडोस द्वारा निर्देशित एवं निर्मित 2008 की एक बॉलीवुड फिल्म है। तमिल फिल्म जो मुरुगाडोस द्वारा ही निर्देशित थी, इसी नाम से बनी ग़जनी की पटकथा क्रिस्टोफ़र नोलन द्वारा लिखित तथा निर्देशित हॉलीवुड की फिल्म "मेमेंटो" पर आधारित है। इसकी मुख्य भूमिका में आमिर खान और असिन है जबकि जिया खान, प्रदीप रावत और रियाज़ खान सहायक भूमिकाओं में हैं। आमिर खान ने इस भूमिका के लिए अपने निजी प्रशिक्षक के साथ लगातार एक साल अपनी निजी व्यायामशाला में प्रशिक्षण के लिए बिताया।

यह फिल्म मारधाड़ वाली अपने रोमांटिक तत्वों के साथ एक्शन-थ्रिलर फिल्म है जो कि उच्च प्रकृति के पूर्व स्मृति लोप (एंटीरोग्रेड एम्नेसिया) रोग से ग्रस्त एक अमीर व्यापारी की जिंदगी की छानबीन करती है, जिसे यह रोग अपनी प्रेयसी मॉडल कल्पना की एक हिंसक मुठभेड़ में हत्या के कारण हो जाता है। वह पोलोरोयड इंस्टैंट कैमरा के फोटोग्राफ्स एवं चिरस्थायी टैटूज के जरिये हत्या का बदला लेने की कोशिश करता है। आमिर खान का चरित्र ग़जनी द गेम शीर्षक वाले 3-डी वीडियो गेम में, जो इसी फिल्म पर आधारित है, विशेष स्थान पाएगा.[2]

कथासार[संपादित करें]

इस फिल्म की कहानी मेडिकल छात्रा सुनीता और उसकी सह्पाठिनें जो उसके साथ मानव-मस्तिष्क की एक परियोजना पर काम कर रहीं हैं, से खुलती है। ह संजय सिंघानिया, शहर के नामजद (भूतपूर्व) व्यापारी जो सूचनानुसार घटनोत्तर स्मृति लोप से पीड़ित हैं, की विलक्षण वस्तु-स्थिति की जांच पड़ताल करना चाहती है। उसके प्रोफेसर संजय के अभिलेखन तक अभिगमन से अस्वीकार कर देते हैं क्योंकि वर्तमान में उसके सारे आपराधिक तथ्यों की जांच जारी है। इसके बावजूद सुनीता इस जांच को खुद ही अंजाम देने का फैसला करती है।

संजय को एक दूसरे व्यक्ति की क्रूरता से हत्या करता हुआ पेश किया जाता है। वह उस व्यक्ति की तस्वीर खींचता है और समय तथा तिथि के साथ 'निष्पादित' की मुहर अपने नोट में लगा देता है। ऐसा दर्शाया गया है कि संजय को घटनोत्तर स्मृति लोप की एक अजीबोगरीब बीमारी है जिसमें उसकी याददाश्त हर 15 मिनट के बाद मिट जाती है। संजय खींची गई तस्वीरें, नोट कर लेना एवं बदन पर गुदवाए गोदने की पद्धतियों का प्रयोग हर 15 मिनट के चक्र के बाद अपनी याददाश्त को फिर से लौटने के लिए करता है। हर सुबह जब संजय शौचालय जाता है, वह वाश बेसिन में नल की टोंटी के पास ही "कमीज़ उतारो" लिखा हुआ एक नोट देखता है। जैसे ही वह कमीज़ उतारता है अपने चौड़े सीने पर गोदने की एक श्रृंखला देखता है। जब वह "कल्पना की हत्या कर दी गई थी" गुदा हुआ देखता है तो एक सिरे से यह उदघाटित हो जाता है कि संजय अंततः कल्पना की हत्या का बदला लेने के लिए प्र तिबद्ध है और इसीलिए वह परिकल्पित तरीके से एक-एक कर उन लोगों को मार रहा है जो कल्पना की मौत के जिम्मेदार थे। लिखे हुए नोट्स और गुदे हुए गोदनों से यह साफ़ सबूत मिलता है कि उसका मुख्य निशाना ग़जनी है। आखिरकार यह भी साफ़-साफ़ जाहिर हो जाता है कि ग़जनी और कोई नहीं बल्कि शहर का एक प्रसिद्ध सामाजिक व्यक्तित्व है।

मुंबई पुलिस निरीक्षक अर्जुन यादव सीरियल हत्याओं के संगीन मामले की छानबीन से जुड़े हैं। वह संजय का पता लगाते हुए उसे उसके फ्लैट में खोज निकालते हैं और उसपर हमला कर उसे अपाहिज कर देते हैं। अर्जुन यादव तस्वीरों और लिखित नोट्स के व्यापक सेट को देखकर हैरान हो जाते हैं। उन्हें ऐसी दो डायरियां मिलतीं हैं जिनमें 2005 और 2006 की घटनाओं को क्रम से लिपिबद्ध किया गया है। जैसे ही इंसपेक्टर यादव 2005 की डायरी पढ़ते है फिल्म 2005 के पूर्व दृश्य में प्रवेश करती है। संजय सिंघानिया एक प्रतिष्ठित व्यापारी वंश का व्यक्ति है जो एयर वोयस टेलीफोन कंपनी का मालिक है। विदेश में उसने अपनी शिक्षा-दीक्षा समाप्त कर ली है और लौटकर अपने परिवार के व्यवसाय को संभाल लिया है। अपने कारोबार के दौरान संजय अपने कर्मचारियों को एक जुझारू अभिनेत्री/मॉडल कल्पना से मिलने एवं उसके अपार्टमेन्ट के ऊपर एयर वोयस का विशाल विज्ञापन बोर्ड (बिल बोर्ड) लगाने के बारे में बातचीत करने के लिए भेजता है। कल्पना की मोडलिंग/विज्ञापन कंपनी का मालिक इसे एक रोमांस का चक्कर समझने की भूल कर बैठता है और (एयर वोयस के विज्ञापन-विमोचन अभियान के लाभप्रद पहलू एवं अन्य मुनाफों के मद्देनज़र) कल्पना को यह प्रस्ताव मंजूर कर लेने को प्रोत्साहित करता है। वह प्रमुख मॉडल के रूप में उसकी पदोन्नति कर देता है। कल्पना आमतौर पर प्यारी और रहमदिल है। वह इसे बतौर एक मासूम शरारत करने के लिए स्वीकार कर लेती है (ताकि उसे बेहतर मोडलिंग के काम मिल सकें) और इस प्रकार संजय के गर्लफ्रेंड के रूप में पहेलियों से भरा नाटकीय खेल शुरू करती है।

आखिरकार संजय कल्पना से मिलता है लेकिन वह उससे कहता है कि वह सचिन है और नई जिंदगी की तलाश में छोटे क़स्बे से निकल कर बड़े शहर में आया एक अदना इन्सान है। कल्पना उसे मोडलिंग के छोटे-मोटे काम दिलाती है। धीरे-धीरे वह उसके सम्मोहन में उसकी ओर खींची चली जाती हैऔर सचिन भी उसकी सौम्यता, सादगी और करुणा में बह जाता है। (वह कई मौकों पर गौर करता है कि वह लाचारों और बेसहारा गरीबों की मदद करने को हमेशा तैयार रहती है।) उन्हें एक दूसरे से प्यार हो जाता है और संजय को अंततः उससे शादी का प्रस्ताव पेश करने की हिम्मत हो जाती है। वह उसके प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कुछ समय मांगती है। संजय स्थिर करता है कि अगर वह उसके प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है तो वह अपनी असली पहचान उसके सामने उजागर कर देगा; और अगर वह अस्वीकार करती है, तो वह चुपचाप बिना कोई हानि पहुंचाए वापस लौट जाएगा.

फिल्म की कहानी फिर वर्तमान में लौट जाती है; जब यादव 2006 की डायरी पढने लगता है। संजय अचानक आ जाता है, यादव पर हमला कर देता है और उसे बांध देता है। वह ग़जनी को एक कॉलेज के समारोह में खोज निकालता है जहां वह सम्माननीय प्रधान अतिथि है। संजय ग़जनी के कुछ छायाचित्र लेता है और उसे जान से मार डालने का फैसला करता है (यद्यपि वह यह नहीं जानता कि आखिर क्यों). उसी समारोह में उसकी मुलाक़ात सुनीता से हो जाती है; वह भी उसके फाइल पर लगे कवर से उसे पहचान लेती है और उससे दोस्ती करने का इरादा करती है। बाद में उसी शाम संजय ग़जनी के एक गुंडे को पार्किंग क्षेत्र में मार गिराता है। वह ग़जनी के आने का इंतजार करने लगता है लेकिन अंत में उसपर फिर कभी किसी और मौके पर आखिरी हमला करने का फैसला करता है। मरता हुआ घायल गुंडा ग़जनी को दो साल पहले घटी एक घटना की याद दिलाता है जिसमे कल्पना की हत्या कर दी गई थी और संजय आहत होकर एक मरीज़ बन गया था। ग़जनी असमंजस में पड़ जाता है और कुछ भी याद कर पाने में नाकाम हो जाता है।

इस बीच, सुनीता संजय के फ्लैट में आती है और यादव को पीटकर बंधा हुआ पड़ा पाती है। उसे इस बात का पता भी लग जाता है कि ग़जनी ही संजय का निशाना है। यादव उसे इस बात की भी जानकारी देता है कि संजय एक जानामाना सीरियल हत्यारा है। सुनीता के हाथों दो डायरियां लग जातीं हैं और वह यादव को आजाद कर देती है। अचानक इसी बीच संजय वहां पहुँच जाता है; उसे उनमे से किसी की याद नहीं आती है और वह उनका पीछा करता हुआ बाहर निकल जाता है। अंततोगत्वा यादव एक बस से टकरा जाता है और सुनीता बड़ी मुश्किल से सनकी संजय से बच निकलती है। यह जानकर कि ग़जनी खतरे में है, वह उसे सूचित कर देती हैं कि यह संजय ही है जो उसकी जान के पीछे पड़ा हुआ है। इस नाम को लक्ष्य बनाकर पता लगाता हुआ ग़जनी संजय के फ्लैट में उसकी हत्या के इरादे से पहुँच जाता है। वह उसके सारे फोटोग्राफ्स और नोट्स नष्ट कर देता है और उसके गुंडे संजय को काबू में कर उसके मौजूदा गोदने पर पुनः गोदवा देते है (इस प्रकार खरोंच कर मिटाते हुए) ताकि पुरानी यादों को संकेतित करने वाले सारे निशान मिट जाएं. इत्मिनान होकर एक पुरानी यादों से जोड़नेवाले सारे निशान मिटा दिए गए, ग़जनी संजय को इसी हालत में छोड़कर चला जाता है।

इस बीच, छात्रावास में लौटकर सुनीता 2006 की डायरी पढ़ती है। फिल्म की कहानी फिर 2006 के पूर्व दृश्य में लौट जाती है। ऐसा दिखाया जाता है कि कल्पना ने संजय के विवाह प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। यह डायरी भी अचानक समाप्त हो जाती है। सुनीता और आगे छानबीन कर पता लगाती है और यह खोज निकालती है कि 2006 में किसी पड़ाव पर कल्पना अनजाने में अनचाहे ही वेश्यावृति करवाने वालों के बुरे जाल में उलझ गई थी। रेलयात्रा के दौरान उसकी भेंट 25 निरीह भोली भाली कमसिन लड़कियों से हुई जो धंधे के लिए मुंबई भेजी जा रहीं थीं। वह उन लड़कियों की रक्षा कर उनका उद्धार करती है। लेकिन लड़कियां गिरोह के सरगना के रूप में ग़जनी का नाम लेतीं हैं। ग़जनी अपने तरीके से अपने माध्यमों (भ्रष्ट पुलिस और नेताओं) का प्रयोग लड़कियों की जुबान बंद करने के लिए करता है और कल्पना को खुद खोज निकलने के लिए निकल पड़ता है। ग़जनी और उसके गुंडे तोड़-फोड़ करते हुए कल्पना के अपार्टमेन्ट में घुस जाते हैं और उसके लौट आने की प्रतीक्षा करते है जबकि कल्पना अन्दर ही मिल जाती है। संयोगवश, संजय वहां कल्पना से मिलने पहुंच गया। कल्पना का अंतिम उच्चारित शब्द था "ग़जनी ". गुंडों ने कल्पना पर हमला कर दिया। संजय हस्तक्षेप करने ही वाला था कि अचानक ग़जनी ने लोहे की छड़ से उसके सिर पर आघात कर दिया। संजय की आँखों के सामने अंतिम दृश्य कौंध जाता है, कि ग़जनी के लोहे की छड़ के क्रूर प्रहार से ही कल्पना की हत्या हुई थी।

सुनीता को अब सदमा वाली सच्चाई का पता चल जाता है, वह संजय से मुलाक़ात करती है और उसे बताती है कि सच क्या है। गुस्से से बेकाबू होकर वह जी-जान से ग़जनी का पीछा करता है। मुंबई में ग़जनी की मांद में पहुंचकर संजय ग़जनी के सभी अनुचर गुर्गों को एक-एक कर बाकायदा सुनियोजित ढंग से क्रूरतापूर्वक मार डालता है और ग़जनी के पीछे पिल पड़ता है। दुर्दम्य ढंग से खदेड़ता हुआ वह उसके पास पहुँच कर लड़ाई में भिड़ जाता है। वह ग़जनी को मारना ही चाहता है कि उसका स्मृति लोप चक्र फिर घूम जाता है और वह वर्तमान को भूल जाता है। ग़जनी मुड़ता है और छुरा भोंक देता है। वह संजय का मज़ाक उड़ाते हुए वीभत्स घिनौनी कहानी सुनाता है कि उसने कैसे कल्पना की हत्या की थी, तभी अचानक अपनी ताकत का अंतिम उबाल पाकर संजय ग़जनी को काबू में कर लेता है। संजय ग़जनी को ठीक उसी तरह मारता है जिस तरह ग़जनी ने कल्पना की हत्या की थी।

फिल्म अपनी समाप्ति की ओर बढ़ती है, संजय अभी भी अपनी स्मृति-लोप की बीमारी से ग्रसित एक अनाथालय में स्वंयसेवक के रूप में काम कर रहा है। सुनीता उसे एक छोटा-सा उपहार देती है जो कि प्लास्टर के पट्ट पर संजय और कल्पना के दबे क़दमों के निशान हैं जब उनदोनों ने एक नए अपार्टमेन्ट में प्रवेश किया था - कल्पना के साथ उसके अन्तरंग साहचर्य की याद ताजा करने के लिए ही वह ऐसा करती है। फैसला दर्शकों पर छोड़ दिया जाता है कि क्या संजय की याददाश्त दोबारा वापस लौट आती है या नहीं (यद्यपि अंतिम दृश्य में वह अपनी पुरानी यादों में खोया हुआ है इसलिए दावे के साथ यह कहा जा सकता है कि - हाँ लौट आती है).

भूमिका[संपादित करें]

  • आमिर खान संजय सिंघानिया के किरदार की भूमिका में है। संजय सिंघानिया एक अमीर व्यापारी है; मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनी का मालिक है। संजय कल्पना के प्यार में पड़ जाता है जिसकी बाद में हत्या कर दी जाती है। इसी घटना-क्रम में संजय एक हादसे का शिकार हो जाता है जो सिर पर लोहे की छड़ के प्रहार के कारण हुई अजीबोगरीब बीमारी एम्नेसिया है जिसमे 15 मिनट पहले घटी सभी घटनाएं उसके याददाश्त से कुछ पल के लिए मिट जातीं है। स्वास्थ्य सुधार की प्रक्रिया से गुज़र कर चंगा होकर संजय सिंघानिया पर अपनी प्रेमिका की हत्या का बदला लेने का जुनून सवार हो जाता है। अपनी विकलांगता को वश में रखने के लिए वह अपने धड़ पर गोदना गोदवा लेता हैं ताकि ये उसे हमेशा याद दिलाता रहे कि उसके इरादे क्या हैं ? आमिर खान को इस भूमिका के लिए कठिन शारीरिक क्षमता प्रणाली के सत्र से गुज़रना पड़ता है ताकि किरदार के अनुसार चुस्त और दुरुस्त शारीरिक गठन तैयार हो सके। वे रोज़ नियमित रूप से अपने व्यक्तिगत प्रशिक्षक के साथ अपने घर पर ही व्यायामशाला में कठिन अभ्यास करते है और फलतः सुडौल, सुगठित बदन बनाते है जिसमे बाहों की मांसपेशियों की मोटाई 16 इंच और 8 पैक वाली पेट की मांसपेशियां होजाती है।[3]


  • असिन कल्पना का किरदार निभाती है। कल्पना पेशे से टेलीविजन के विज्ञापनों में मॉडल के चरित्र में है जो सफल व्यवसायी संजय सिंघानिया की प्रेमिका के रूप में अपने आपको प्रचारित करती है। बाद में अनजाने ही उसे संजय से, भूल से उसे सचिन के रूप में साधारण इन्सान समझ कर, प्यार हो जाता है। कल्पना रहमदिल लड़की है और वह लड़कियों की किडनी बेचने की ग़जनी तथा उसके अनुचर गुंडों की साजिश नाकाम कर देती है। संजय के सामने ही कल्पना की हत्या ग़जनी के हाथों हो जाती है और तदनंतर प्रतिशोध की विषय-वस्तु को जन्म देती है जो फिल्म की पटकथा की रहस्यमय पहेली का ताना-बाना बुनती है।


  • सुनीता की भूमिका में जिया खान है। सुनीता मेडिकल कॉलेज की एक जिज्ञासु छात्रा है, जिसे यद्यपि अनुमति नहीं प्राप्त होती फिर भी वह संजय सिंघानिया एवं उसकी अजीबोगरीब विस्मृति की बीमारी के अध्ययन में लग जाती है। वह पूरी फिल्म में संजय के रहस्यमय अतीत को उजागर करने की कोशिश में लगी हुई रहती है और उस मनोरोगी से मिलने के लिए कई जगहों से सूचनाएं प्राप्त करती है। संजय और उसके बीच आरंभिक मनमुटाव के बावजूद वह संजय को ग़जनी पर काबू पाने में मदद करती है।


  • प्रदीप रावत ग़जनी धर्मात्मा की भूमिका में है। ग़जनी मुख्य प्रतिपक्षी की भूमिका निभाता है जो अपने अपमान एवं साजिश को नाकामयाब होने के कारण प्रतिशोध में कल्पना की क्रूरतापूर्वक हत्या कर देता है। वह नाजायज़ गिरोह का सरदार है जिसकी ऊपर तक पहुँच है और पुलिस उसकी खुशामदी टट्टू है। फिल्म में उसका चरित्र अनेक अवैध एवं अपराधिक कारनामों को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड के रूप में पेश किया गया है।


  • रियाज़ खान इंसपेक्टर अर्जुन यादव की भूमिका निभाते है। अर्जुन पुलिस इंसपेक्टर की सहायक भूमिका अदा करते है जो संजय सिंघानिया द्वारा की गई हत्याओं की छान-बीन में जुटी है। संजय के विगत जीवन के बारे में उसे भी जानकारी मिलती है लेकिन फिल्म में बाद में वह एक दुर्घटना का शिकार हो मारा जाता है।

विमोचन[संपादित करें]

बॉक्स ऑफिस[संपादित करें]

ग़जनी 25 दिसम्बर 2008 को 1500 प्रिंटों के साथ प्रसारित हुई थी जिसमें से 213 विदेशी बाजारों के लिए प्रसारित थीं। यह मूवी 650 पूर्वदर्शन हेतु भुगतान पा चुकी थी जिसने इसे 70 मिलियन (1 मिलियन = दस लाख) भारतीय मुद्रा की आमदनी दिलवाई थी। ग़जनी के घरेलू वितरण अधिकार गीता आर्ट्स द्वारा 530 मिलियन भारतीय मुद्रा में बेचे गए और घरेलू वीडियो अधिकार साथ ही साथ विदेशों में वितरण के अधिकार तथा उपग्रह द्वारा विमोचन के अधिकार 690 मिलियन भारतीय मुद्रा में एडलैब्स फिल्म्स लिमिटेड को बेचे गए।

बॉक्स ऑफिस मोज़ो के आंकड़ों के आधार पर ग़जनी ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 280 करोड़ रुपये (54,316,564 US डॉलर) की 29 जनवरी 2009 तक मूल 37 दिनों/5.3 सप्ताहों[4] के विश्वव्यापी प्रदर्शनों पर आमदनी की जो बॉलीवुड की अब तक की सर्वाधिक मिश्रित लाभ वाली फिल्म रही (मुद्रास्फीति के कारण अनाकलित)।

बिग होम वीडियो ने 2-डिस्क कलेक्टर्स संस्करण डीवीडी निर्मित किया जिसे अंतर्राष्ट्रीय वितरण एडलैब्स फिल्म्स लिमिटेड ने 13 मार्च 2009 को 19.99 अमेरिकी डॉलर के MSRP पर वितरित कर दिया। इसने ब्रिटिश बोर्ड ऑफ़ फिल्म क्लैसिफिकेशन द्वारा 15+ उम्र की रेटिंग लगातार अत्यधिक हिंसा के कारण पाई।[5]

वीडियो गेम[संपादित करें]

संगणक के लिए वीडियो गेम का निर्माण एवं प्रस्तुति एफएक्स लैब्स स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड एवं गीता आर्ट्स ने किया जिसका विपणन और वितरण एरोस होम इंटरटेनमेंट ने ग़जनी - द गेम शीर्षक से किया।

सारांश - क्या आमिर खान बनने का कभी सपना देखा है ? तो आओ यही तुम्हारे लिए मौका है कि बॉलीवुड की फिल्म ग़जनी पर आधारित तुम भारत की पहली 3D PC के खेल में आमिर खान की भूमिका अदा करो. आमिर खान की आवाज़ में संजय की अनोखी दास्तान का अनुभव प्राप्त करो. उसकी आवाज़ सुनो जो तुम्हें एक सुराग से दूसरे सुराग में ले जाती हुई सबूत की बारीक पगडण्डी पकड़ा देती है। उसके मुकाबला करने और लड़ने के दांव-पेंच को अपने तरीके से अपनाओं हालांकि गुंडों के दल-के-दल तुम्हारा खात्मा करने को तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। ग़जनी की दुनिया का उसकी ही आँखों से अनुसन्धान करो जब वह अजीबोगरीब सेट्स से गुजारता हुआ मूल मूवी से पुनः सृष्ट आभासी दुनिया में पहुंचा देता है। कहानी पर नियंत्रण करो और अपनी PC में मूवी को पुनः सृष्ट कर मनोरंजन का जायजा लो.

यह खेल जो मूवी पर आधारित है जो प्रथम पुरुषमें (अर्थात् वक्ता कहानी खुद कह रहा है); पांच स्टारों में खेला जाने वाला खेल है। इसमें खिलाड़ी खेल का नायक संजय सहायक की भूमिका अदा करता है। अपने मिशन की प्राप्ति में मार्शल आर्ट्स, हथियारों का व्यवहार और तरह-तरह की कलाबाजियां ठीक उसी प्रकार करता है जिसप्रकार हिटमैन गेम्स में दर्शाई गईं हैं।[6] इसे भारत की पहली 3D PC गेम के रूप में 14.99 अमेरिकन डॉलर (लगभग ९०० रूपये) की MSRP के साथ सराहा गया, वितरकों के द्वारा 15+ उम्र के बच्चों के खेल में हिस्सा लेने के लिए अनुशंसित की गई जबकि आधिकारिक तौर पर इसे 15+ के लिए रेटेड नहीं की गई।[7]

समीक्षकीय स्वागत[संपादित करें]

इस फिल्म को समालोचकों से सकारात्मक समीक्षाएं प्राप्त हुईं। सिफी की सोनिया चोपड़ा ने फिल्म को साढ़े चार सितारे दिए और इसे देखने की सिफारिश की "चार के लिए जैसे आमिर, असिन, ए.आर. मुरुगोडोस और ए.आर.रहमान" .[8] सीएनएन आईबीएन के राजीव मसंद ने तीन सितारे टांकते हुए लिखा है: "ग़जनी विशेष रूप से एक अच्छी फिल्म नहीं है, लेकिन मनोरंजन के लिहाज़ से बाल्टी भर भर कर उड़ेलता है।"[9] बॉलीवुड ट्रेड न्यूज़ नेटवर्क के मार्टिन डी'सूजा ने फिल्म को 3.5 सितारों से नवाजा है, एक्शन की तारीफ़ तो की है पर पटकथा की कमजोरियों का उल्लेख भी किया है।[10] तरन आदर्श ने टिपण्णी की है कि मूवी "हर प्रकार से विजेता है" और उन्होंने 4.5 सितारे दिए हैं।[11] द टाईम्स ऑफ़ इंडिया के निखट काज़मी ने आमिर खान के अपनी श्रेष्ठ सीमा तक के प्रदर्शन की सराहना की है और 3.5 सितारों से सम्मानित किया है।[12] जी न्यूज़ ने इसे अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कहा है।[13] रेडिफ की सुकन्या वर्मा ने मूवी को 3.5 सितारे दिए हैं।[14] बॉलीवुड मूवीज समीक्षा द्वारा अच्छी पटकथा, निर्देशन और आमिर खान तथा असिन थोट्टूमकल के अच्छे अभिनय के लिए 4 सितारे भेंट किए गए।[15] एक्सप्रेस इंडिया की शुभ्रा गुप्ता ने ग़जनी को अधिक लम्बी, अधिक हिंसा से भरपूर तथा जिया खान की अभिनय और नृत्यकला की आलोचना करते हुए आमिर खान और असिन के अभिनय की प्रशंसा की है।[16]

हालांकि कुछ नकारात्मक समीक्षाएं भी हुई हैं।इंडिया टाईम्स के गौरव मलानी ने फिल्म की लम्बाई की आलोचना और कलाकारों के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए केवल 2 सितारे दिए हैं।[17] कुछ समालोचकों ने तमिल शैली के अनुकरण पर एक्शन और मार-धाड़ की दृश्यों की भी आलोचना की है। रेडिफ के राजा सेन ने असिन के प्रदर्शन की आलोचना करते हुए और "अभिभूत कर देने वाली जबरदस्त अनुभूतिको दुखद कारण" कहकर निष्कर्ष निकालते हुए मूवी को 2.5/5 सितारे दिए है।[18] AOL इंडिया की नयन ज्योति परासरा ने कहा है, "कई तुलनाएं यह संकेतित करती है कि पुनर्निमाण उतनी योग्य नहीं होती. फिर भी, ग़जनी की तुलना जब इसके तमिल संस्करण से की जाती है जो कि एक ही निर्देशक द्वारा निर्देशित है तो इसे सफल ही माना जा सकता है।[19]

IMDB पर ग़जनी ने 6.9 उपभोक्ताओं की श्रेणी पाई है।[20]

प्रेरणा[संपादित करें]

ग़जनी और इसके 2005 के तमिल/तेलगु संस्करण, दोनों ही मेमेंटो पर आधारित है। क्रिस्टोफर नोलन की मेमेंटो भी उनके भाई जोनाथन नोलान की लघु कथा मेमेंटो मोरी का रूपांतरण है जिसमे लियोनार्ड शेलबी की भूमिका में गाई पीयर्स एक भूतपूर्व बीमा जालसाजी के जांच अधिकारी है जो उस व्यक्ति की तलाश में है जिसके बारे में उन्हें विश्वास है कि सेंधमारी और चोरी के दौरान उनकी पत्नी का बलात्कार कर हत्या उसी ने की है। लियोनार्ड भी उच्च श्रेणी की स्मृति लोप की बीमारी एंटीरोग्रेड एम्नेसिया से ग्रस्त है जो अपनी पत्नी पर हमले के दरमियान उनके सिर पर लगने वाले चोटों से हुई थी। कुछ अवधारनाएं जैसे कि पोलोरोयड फोटोग्राफ्स के पीछे कुछ फुटकर टिप्पणियां लिखकर रखना और अपने तथ्यों को गोदने की शक्ल में शरीर पर गोदवा लेना, उसी से प्रेरित है।

मोबाइल सामग्री[संपादित करें]

इंडियागेम्स ग़जनी एक मोबाइल गेम है और इसके प्रयोग फिल्म पर ही आधारित हैं। इंडियागेम्स ने 4 खेल विकसित किए हैं जिसमे से 1 का व्यवहार मोबाइल प्लेटफॉर्म के शीर्षक पर आधारित है। इसमें अनेक प्रकार के गेम्स हैं, जैसे कि अल्टीमेट वर्कआउट, मेमोरी रिवाइवल, ब्रेन ट्रेक, एवं असंख्य मिनी गेम्स .

संगीत[संपादित करें]

गजनी
चित्र:Ghajini2008album.jpg
संगीत ए आर रहमान द्वारा
जारी
November 24, 2008 (India)
रिकॉर्डिंग पंचथन रेकॉर्ड इन और ए एम स्टूडियोज़
संगीत शैली फ़िल्म संगीत
लंबाई 28:23 मिनट
लेबल
निर्माता ए आर रहमान
पेशेवर समीक्षायें
ए आर रहमान कालक्रम

युवराज
(2008)
गजनी
(2008)
स्लमडॉग मिलेनियर
(2009)

फिल्म में छः गाने हैं जिसके गीतकार प्रसून जोशी और संगीतकार ए.आर.रहमान हैं। तमिल संस्करण का संगीत हैरिस जयराज ने दिया है। रहमान ने छिटपुट बिखरी कड़ियों को जोड़कर हिंदी संस्करण के संगीत की शुरुआत की है।

स्वागत[संपादित करें]

इस एल्बम को आलोचकों और प्रशंसकों की सकारात्मक समीक्षा प्राप्त हुई है, जिसमे से अनेक ने यह महसूस किया कि साउंड ट्रैक पर ए.आर.रहमान जैसी हस्ती के लिए कुछ नीची नजर आती है। फिर भी इसे बॉलीवुड हंगामा ने सकारात्मक समीक्षा यह कहकर दी है कि "ग़जनी का संगीत 2009 में क्रिसमस के अवसर पर प्रसारित होकर लहरें पैदा कर देगा. जब 'सर्वोत्तम में सर्वोत्तम' सूची के साथ वर्ष के अंत में इसको संकलित किया जायेगा तो ग़जनी को नज़रअंदाज़ करना कठिन होगा."[21] Rediff.com ने इसे पांच सितारों के साथ सामान्य उच्चतम रेटिंग दी है रहमान के बारे में इस समीक्षा के साथ कि "यह उनकी अबतक की सर्वोत्तम एल्बमों में से एक है। केवल इसलिए नहीं कि ट्रैक्स महान है बल्कि हर एक सूर से दूसरे सूर की ओर सरल संक्रमण अपनी अगली कड़ी के साथ असंभावित तरीके से जुड़ती चली जाती है।[22]

ट्रैक्स[संपादित करें]

गीत गायक अवधि नोट्स
गुजारिश जावेद अली और सोनू निगम 5:29 आमिर खान और असिन पर दृष्यांकित
ऐ बच्चू सुजेन डी'मेलो 3:48 असिन पर दृष्यांकित
कैसे मुझे बेनी दयाल एवं श्रेया घोषाल 5:46 आमिर खान और असिन पर दृष्यांकित
बहका कार्तिक 5:13 आमिर खान और असिन पर दृष्यांकित
लट्टू श्रेया घोषाल 4:30 जिया खान पर दृष्यांकित
कैसे मुझे (वाद्य यंत्र) वाद्य यंत्र 4:01

पुरस्कार[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Ghajini (2008)". बॉक्स आफ़िस मोज़ो. मूल से 21 फ़रवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-23.
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