गजेटियर

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गजेटियर (Gazzeteer) मूलतः अँगरेज़ प्रशासकों की जानकारी और सुविधा के लिए आविष्कृत बहुप्रयुक्त वह ग्रन्थ-परम्परा है जिसमें एक क्षेत्र विशेष की सम्पूर्ण प्रामाणिक भौगोलिक, सांस्कृतिक, समाज-संबंधी जानकारियों का यथासंभव सचित्र संचयन होता है ताकि उसके अध्ययन से सभी बुनियादी जानकारियां, उस क्षेत्र में नए आने वाले पाठक तक को एक ही जगह उपलब्ध हो जाएँ।

गज़ेटियर एक क्षेत्र-विशेष का वर्णनात्मक विवरण है जिसमें प्रायः अकारादि क्रम से वहां के इतिहास, भूगोल, जलवायु, अवस्थिति, वर्षा, जनसँख्या, साक्षरता, उद्योग-धंधों, आर्थिक गतिविधियों, नगरों, जातियों, भाषा-साहित्य-संस्कृति आदि आदि अनेकानेक बातों का का उचित आंकड़ों सहित 'निरपेक्ष' उल्लेख होता है। पहले इसका रूप स्थानीय अथवा प्रादेशिक था, लेकिन १९वीं शताब्दी में समस्त संसार के उर्पुक्त विषयों से संबंधित हो गया और इस ढंग के अनेक कोश अद्यावधि प्रकाशित हो चुके हैं।

वर्ष २०१० में केंद्र सरकार के स्तर पर गजेटियर-पुनर्लेखन की योजना कार्यान्वित किये जाने की खबर आयी थी जैसा ४-२-१०१० को दैनिक हिंदुस्तान में प्रकाशित इस समाचार [1] से ज्ञात होता है-

"देश भर में गजेटियर को नए सिरे से बनाने के लिए सरकार ने तैयारियों को शुरू कर दिया है। केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई की अध्यक्षता में सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है जो कि राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट की देखरेख करेगी। पिल्लई ने देश के मुख्य सचिवों को सरकार की इस प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए कहा है कि इस दिशा में तेजी से काम करना होगा। पिल्लई ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि देश में कई नए राज्य और कई जिलों का गठन कर लिया गया है, लेकिन इनके गजेटियर नहीं बनाए गए हैं।

गजेटियर जिले और राज्यों के बारे में सरकारी दस्तावेज है, जो कि सबसे प्रामाणिक माने जाते हैं। गजेटियर में न सिर्फ जिलों का इतिहास होता है बल्कि उस जिले के बारे में एक एक जानकारी होती है। पिल्लई ने कहा है कि राष्ट्र्रीय स्तर पर इस दिशा में काम करने के लिए नेशनल इनफारमेटिक्स सेंटर (एनआईसी) से मिलकर काम किया जा रहा है इसलिए राज्यों को अपने स्तर पर एनआईसी के साथ मिल कर काम शुरू करना होगा।

उन्होंने कहा है कि योजना के पहले चरण में सभी गजेटियर को वेबसाइट पर भी डालना होगा तकि लोगों को इससे आसानी हो सके। गजेटियर को बनाने की परंपरा को ब्रिटिश शासन में शुरू किया गया था। गजेटियर में इलाके की सामाजिक, आर्थिक व भौगोलिक जानकारी होती है।

ब्रिटिश शासन में पहला गजेटियर इंपीरियर गजेटियर ऑफ इंडिया के नाम से सन 1881 में प्रकाशित किया गया था। सर विलियम हंटर ने इसकी योजना को तैयार किया था और 1869 में इस पर काम शुरू किया गया था। देश में उस समय के प्रशासकीय ढांचे के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इसके बाद में सन 1908, 1909, व 1931 में एडीशन प्रकाशित किए गए थे। इसके बाद प्रादेशिक स्तर पर भी इन्हें तैयार किया गया था। इससे पूर्व भारत में गजेटियर की शुरुआत सन् 1815 से देखने को मिलती है, जब वाल्टर हेमिल्टन ने ‘ईस्ट इंडिया गजेटियर’ प्रकाशित किया। सन् 1828 में इसका फिर दूसरा संस्करण निकला। यह दो वोल्यूम में था। इसके बाद सन् 1854 में गजेटियर आॅफ टेरिटरी का प्रकाशन हुआ।

किन्तु इस दिशा में वास्तविक प्रगति अब भी प्रतीक्षित है |

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

इम्पीरियल गजेटियर आफ़ इण्डिया