कैलाश चन्द्र पन्त

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कैलाश चन्द्र पन्त (जन्मतिथि : 26 अप्रैल 1936), हिन्दी-साहित्यकार, पत्रकार एवं प्रमुख हिन्दीसेवी हैं। उनके जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब नौकरी छोड़कर स्वतंत्र प्रेस डाला और साप्ताहिक पत्र ‘जनधर्म’ निकाला।

जीवनी[संपादित करें]

श्री कैलाश चन्द्र पन्त की माताजी का नाम श्रीमती हरिप्रिया पंत एवं पिताजी का नाम स्व. लीलाधर पन्त है। इनका जन्म मध्य प्रदेश में इन्दौर के पास महू में हुआ। किन्तु इनका पैतृक गाँव उत्तराखण्ड के बागेश्वर जिले का खन्तोली गाँव है।

शिक्षा : एम॰ए॰ साहित्याचार्य

प्राथमिक शिक्षा - पब्लिक बॉयज प्राइमरी स्कूल, महू

मैट्रिक - के.बी.ई.पी. मेमोरियल हाईस्कूल, महू

एम॰ए॰ (हिन्दी) - क्रिश्चियन कॉलेज, इन्दौर

प्रमुख उपलब्धियाँ[संपादित करें]

महू में 'स्वाध्याय विद्यापीठ' की स्थापना;

22 वर्षों तक साप्ताहिक जनधर्म का नियमित प्रकाशन किया,

भोपाल में किसान भवन का निर्माण और हिन्दी भवन का विकास किया,

‘कौन किसका आदमी’ और ‘धुंध के आर पार’ का प्रकाशन,

20 मई 1995 को भोपाल में नागरिक अभिनन्दन तथा 1,61,000 रु. की राशि भेंट स्वरूप प्राप्त की।

‘मालवांचल में कूर्मांचल’ नामक अभिनंदन-ग्रन्थ का प्रकाशन।

मध्य प्रदेश के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में प्रतिष्ठा प्राप्त करने के अतिरिक्त राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सहायक मंत्री रहे;

'हम भारतीय' अभियान के राष्ट्रीय संयोजक

सम्प्रतिः राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के राष्ट्रीय संयोजक।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]