काला नमक

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काला नमक के टुकड़े
काला नमक का पाउडर

काला नमक (बंगला : बिट लबन (বিট লবণ); नेपाली: बिरे नुन ; Hindi काला नमक ; गुजराती: સંચળ संचल) भारतीय उपमहाद्वीप में निर्मित और भारतीय भोजन में बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाने वाला खाद्य नमक है। काले नमक का प्रयोग चाट, चटनी, रायता और कई अन्य भारतीय व्यंजनों में किया जाता है। भारतीय चाट मसाला, अपनी खुशबू और स्वाद के लिए काले नमक पर निर्भर करता है।

काले नमक में मुख्यतः सोडियम क्लोराइड होता है। इसके अतिरिरिक्त इसमें सोडियम सल्फेट, आइरन सल्फाइड, हाइड्रोजन सल्फाइड आदि की कुछ मात्रा भी मिश्रित होती है। सोडियम क्लोराइड के कारण ही यह नमकीन स्वाद देता है, आइरन सल्फाइड के कारण इसका गहरा बैंगनी रंग दिखता है और सभी सल्फर लवण इसके विशिष्ट स्वाद और गंध के लिये जिम्मेदार हैं। इनमें से हाइड्रोजन सल्फाइड मुख्यत: इसके गंध का कारण प्राकृतिक काला नमक चट्टानों से प्राप्त होता है ये चट्टानें मुख्यतः भारत, पाकिस्तान में पायी जाती हैं काले नमक का सबसे अधिक उपयोग भारत मे होता है।

तैयारी[संपादित करें]

कुछ स्रोतों में काला नमक बनाने की निम्नलिखित विधि बतायी गयी है-

काला नमक को बनाने के लिए नमकीन पानी में हरड़ के बीज डाल कर उबाला जाता है, उबलने के बाद पानी तो भाप बन कर उड़ जाता है और शेष बचता है क्रिस्टलीय नमक, जिसका रंग काला होता है इसलिए इसका नाम काला नमक है। जब इसे पीसा जाता है तब इसका पाउडर गुलाबी हो जाता है।[1] रासायनिक रूप से, काला नमक सोडियम सल्फाइड होता है जिसमे कुछ मात्रा मे, खनिज लवण भी होते हैं। इसका उत्पादन सोडियम थाओसल्फेट के निर्माण के दौरान एक बायप्रोडक्ट के तौर पर भी होता है।

उपयोग[संपादित करें]

काले नमक को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धिति में एक ठंडी तासीर का मसाला माना जाता है और इसका प्रयोग एक रेचक और पाचन सहायक के रूप में किया जाता है। यह भी माना जाता है कि यह पेट की गैस (उदर वायु) और पेट की जलन में राहत प्रदान करता है। इसे कभी कभी उच्च रक्तचाप या कम नमक का आहार लेने वाले व्यक्ति भी प्रयोग करते हैं क्योंकि यह माना जाता है कि इसमे आम नमक की तुलना में कम सोडियम होता है और यह रक्त में सोडियम की मात्रा में वृद्धि नहीं करता है। हरड़ के बीजों को आयुर्वेदिक चिकित्सा[2] में कामोत्तेजक माना जाता और यह रक्तचाप को कम करने और जलन में मदद करता है। इस आशय का कारण हरड़ के बीजों का सल्फ्यूरस यौगिक हैं जो निर्माण प्रक्रिया के दौरान काला नमक का हिस्सा बन जाते हैं।[3]

काले नमक को इसके अंडे जैसे स्वाद के चलते शाकाहारी लोगों द्वारा पसन्द किया जाता है, उदाहरण के लिए, इसका इस्तेमाल मसाला टोफू को अंडा सलाद जैसा स्वाद देने के लिए किया जाता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 25 मई 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मई 2009.
  2. "Sex drug hope over rotten egg gas". BBC News. 2009-03-03. मूल से 4 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-03.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 दिसंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मई 2009.