ऐंब्रोज़ पारे

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ऐंब्रोज़ पारे

ऐंब्रोज़ पारे (Ambroise Pare , सन् 1510 - 1590) को फ्रेंच शल्यचिकित्सा का जनक कहा जाता है।

परिचय[संपादित करें]

इनका जन्म फ्रांस के लावाल नामक नगर के पास दूर-हेर्सेंत (Bourg-Hersent) में हुआ था। इन्होंने उस समय के रीत्यनुसार पहले एक नाई की दूकान में काम सीखा। बाद में होटल द्यु (Hotel Dieu) नामक संस्था में, तथा सन् १५४५-५० तक सिल्वियस जैकोबस के शिष्यत्व में शरीरशास्त्र का अध्ययन किया।

सेना में शल्यचिकित्सक नियुक्त होने पर इन्होंने, बड़ी प्रसिद्धि प्राप्त की तथा फ्रांस के एक के पश्चात् एक चार राजाओं के शल्यचिकित्सक रहे। इन्होंने शल्यचिकित्सा में कष्ट को कम करनेवाली तथा लाभदायक अनेक रीतियों का आविष्कार तथा प्रसार किया, जैसे रक्तस्राव को बंद करने के लिये घाव को जलाने के स्थान पर इन्होंने धमनी को बाँधने की रीति निकाली। चिकित्साशास्त्र संबंधी इन्होंने कई ग्रंथ फ्रेंच भाषा में लिखे। इन्हीं का यह नम्र कथन था कि चिकित्सा मैंने की, किंतु निरोग ईश्वर ने किया।