उर्दू भाषा

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उर्दू
اردو
उच्चारण हिन्दुस्तानी: [ˈʊrd̪u]
बोलने का  स्थान पाकिस्तान, भारत, मॉरिशस, दक्षिण अफ़्रीका, बहरीन, फ़िजी, क़तर, ओमान, संयुक्त अरब अमिरात, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, सुरिनाम, इरान, अफ़्ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान
मातृभाषी वक्ता १०-१५ करोड़
भाषा परिवार
भाषा कोड
आइएसओ 639-1 ur
आइएसओ 639-2 urd
आइएसओ 639-3 urd
भाषावेधशाला 59-AAF-q
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भाषा विज्ञान के आधार पर हिन्दी और उर्दू एक ही भाषा है। नस्तालीक़ लिपि में लिखी गई हिन्दी भाषा को उर्दू कहा जाता है। उर्दू का स्वतन्त्र व्याकरण नहीं है। उर्दू ज़बान हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है।[1] इस के अतिरिक्त भारत के राज्य जम्मू और कश्मीर की मुख्य प्रशासनिक भाषा है। साथ ही तेलंगाना, दिल्ली, बिहार[2] और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय[3]भाषा है।

'उर्दू' शब्द की व्युत्पत्ति[संपादित करें]

उर्दू नाम का प्रयोग सबसे पहले 1780 के आसपास कवि गुलाम हमदानी मुशाफी ने हिंदुस्तानी भाषा के लिए किया था। हालांकि उन्होंने ख़ुद भी भाषा को परिभाषित करने के लिए अपनी शायरी में हिंदवी शब्द का इस्तेमाल किया था।[4] तुर्क भाषा में (ordu ओर्दू) का मतलब सेना होता है। 18वीं शताब्दी के अंत में, इसे ज़बाने उर्दूए मुअ़ल्ला زبانِ اُرْدُوئے مُعَلّٰی‎ के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ है ऊंचे खेमे की भाषा। पहले इसे हिंदवी, हिंदी और हिंदोस्तानी के नाम से जाना जाता था।

13वीं शताब्दी से 19वीं शताब्दी के अंत तक आज के उर्दू भाषा को हिन्दी[5] हिन्दवी, हिंदोस्तानी[6] के नाम से जाना जाता था।

मुहम्मद हुसैन आज़ाद, उर्दू की उत्पत्ति ब्रजभाषा से मानते हैं। 'आबे हयात' में वे लिखते हैं कि 'हमारी ज़बान ब्रजभाषा से निकली है।'[7]

साहित्य[संपादित करें]

उर्दू में साहित्य का प्राङ्गण विशाल है। अमीर खुसरो[8] उर्दू के आद्यकाल के कवियों में एक हैं। उर्दू-साहित्य के इतिहासकार वली औरंगाबादी (रचनाकाल 1700 ई. के बाद) के द्वारा उर्दू साहित्य में क्रान्तिकारक रचनाओं का आरम्भ हुआ। शाहजहाँ ने अपनी राजधानी, आगरा के स्थान पर, दिल्ली बनाई और अपने नाम पर सन् 1648 ई. में शाहजहाँनाबाद वसाया, लालकिला बनाया। ऐसा प्रतीत होता है कि इसके पश्चात राजदरबारों में फ़ारसी के साथ-साथ 'ज़बान-ए-उर्दू-ए-मुअल्ला' में भी रचनाएँ तीव्र होने लगीं। यह प्रमाण मिलता है कि शाहजहाँ के समय में पण्डित चन्द्रभान (ब्राह्मण)ने बाज़ारों में बोली जाने वाली इस जनभाषा को आधार बनाकर रचनाएँ कीं। ये फ़ारसी लिपि जानते थे। अपनी रचनाओं को इन्होंने फ़ारसी लिपि में लिखा। धीरे-धीरे दिल्ली के शाहजहाँनाबाद की उर्दू-ए-मुअल्ला का महत्त्व बढ़ने लगा।

भले ही आज उर्दू को एक अलग ज़ुबान की हैसियत मिला, लेकिन मश्हूर उर्दु लेखक और कातिबों ने 19 वीं सदी की पहली कुच दशकों तक अपनी ज़ुबान को हिन्दी या हिन्दवी के रूप पर शनाख़त करते आये है।[9]

जैसे ग़ुलाम हमदान मुस्हफ़ी ने अपनी एक शायरी में लिखा -

मुस्हफ़ी फ़ार्सी को ताक़ पह रख,

अब है अशयार-इ-हिन्दवी का रिव़ाज[10]

और शायर मीर तक़ी मीर ने कहा है:-

ना जाने लोग कहते हैं किस को सुरूर-इ-क़ल्ब,

आया नहीं यह लफ़्ज़ तो हिन्दी ज़ुबान के वीच।[11]

उन्होंने दूसरी और एक जगह में लिखा -

दर फ़ने रेख़ता कि शेरस्त बतौर शेर फ़ार्सी ब ज़बाने

उर्दू-ए-मोअल्ला शाहजहाँनाबाद देहली

भाषा तथा लिपि का भेद रहा है क्योंकि राज्यसभाओं की भाषा फ़ारसी थी तथा लिपि भी फ़ारसी थी। उन्होंने अपनी रचनाओं को जनता तक पहुँचाने के लिए भाषा तो जनता की अपना ली, लेकिन उन्हें फ़ारसी लिपि में लिखते रहे।

व्याकरण[संपादित करें]

उर्दू भाषा का व्याकरण पूर्णतः हिन्दी भाषा के व्याकरण जैसा है तथा यह अनेक भारतीय भाषाओं से मेल खाता है।

लिपि[संपादित करें]

उर्दू नस्तालीक़ वर्णमाला, देवनागरी और लैटिन वर्णमाला के नामों के साथ

उर्दू नस्तालीक़ लिपि में लिखी जाती है, जो फ़ारसी-अरबी लिपि का एक रूप है। उर्दू दाएँ से बाएँ लिखी जाती है।

उर्दू की उपभाषाएँ[संपादित करें]

आधुनिक उर्दू[संपादित करें]

मातृभाषा के स्तर पर उर्दू बोलने वालों की संख्या[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Urdu". Ethnologue. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  2. "Urdu in Bihar". Language in India. अभिगमन तिथि 17 मई 2008.
  3. "Report of the Commissioner for linguistic minorities: 50th report (July 2012 to June 2013)" (PDF). Commissioner for Linguistic Minorities, Ministry of Minority Affairs, Government of India. मूल (PDF) से 8 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जुलाई 2017.
  4. "A Historical Perspective of Urdu | National Council for Promotion of Urdu Language". web.archive.org. 2022-10-15. मूल से पुरालेखित 15 अक्तूबर 2022. अभिगमन तिथि 2022-10-17.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
  5. Rahman, Tariq (2011). From Hindi to Urdu : a social and political history. Karachi. OCLC 731974235. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-906313-0.
  6. Bhat, M. Ashraf (2017). The changing language roles and linguistic identities of the Kashmiri speech community. Newcastle upon Tyne, UK. OCLC 991595607. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4438-6260-8.
  7. Prasāda, Vinoda Kumāra (1 मार्च 1999). "Bhāshā aura praudyogikī". Vāṇī Prakāśana. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019 – वाया Google Books.
  8. "कहाँ से आई थीं पद्मावती?". मूल से 25 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2017.
  9. "A Historical Perspective of Urdu National Council for Promotion of …". 2022-10-15. मूल से 2022-10-15 को पुरालेखित.
  10. "A Historical Perspective of Urdu National Council for Promotion of …". 2022-10-15. मूल से 2022-10-15 को पुरालेखित.
  11. "A Historical Perspective of Urdu National Council for Promotion of …". 2022-10-15. मूल से 2022-10-15 को पुरालेखित.
  12. https://thewire.in/culture/urdu-census-language-2011-north-india

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

[[श्रेणी:हिन्द-आर्य भाषाwgr एँ]] hu tu