उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय

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उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय

स्थापित1998
प्रकार:सार्वजनिक विश्वविद्यालय
कुलाधिपति:आनंदीबेन पटेल, राज्यपाल,उत्तरप्रदेश
कुलपति:आचार्य सीमा सिंह
अवस्थिति:इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश, भारत
परिसर:शहरी क्षेत्र
सम्बन्धन:यू जी सी
जालपृष्ठ:www.uprtou.ac.in

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University) इलाहाबाद में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। यह राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के नाम पर है। इसका स्थायी परिसर इलाहाबाद स्थित फाफामऊ में है।[1]

इस विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, अधिनियम 1999 उत्तर प्रदेश (अधिनियम संख्या-10, 1999) के अन्तर्गत हुई। इस विश्वविद्यालय को दूरस्थ शिक्षा योजना के अन्तर्गत एक मुक्त विश्वविद्यालय, बनाया गया, जिससे पूरे उत्तर प्रदेश में सुनियोजित ढंग से उच्च शिक्षा का प्रचार एवं प्रसार दूरस्थ प्रणाली के माध्यम से संचालित हो सके। आबादी के एक बड़े क्षेत्र में काम कर रहे लोगों, गृहणियों और अन्य वयस्कों को उच्च शिक्षा से जोड़ने तथा उनके उन्नत भविष्य के लिए ज्ञानार्जन हेतु विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। विश्वविद्यालय का प्रथम शैक्षणिक सत्र जुलाई, 1999 से प्रारम्भ हुआ।

खासकर दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, विशेषकर उच्च शिक्षा से वंचित तथा उन लोगों के लिए जो पढ़ाई के माध्यम से स्वतंत्र रूप से ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए इस विश्वविद्यालय में कई योजनाएँ संचालित है। इसके पाठ्यक्रम दूरस्थ पद्धति द्वारा संचालित होते हैं। ग्रामीण विकास डिप्लोमा पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए उम्मीदवार का स्नातक होना अनिवार्य है। लेकिन उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने बारहवीं कक्षा में भी इसे मान्यता दी है। ग्रामीण विकास में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की अवधि एक वर्ष की है लेकिन उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में एक से तीन वर्ष तक का पाठ्यक्रम है। पाठ्यक्रम का माध्यम केवल हिन्दी और अंग्रेजी ही हैं।[2]

विश्वविद्यालय स्थापना का उद्देश्य[संपादित करें]

बढ़ती हुई जनसंख्या के अनुपात में उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थाओं का अभाव है। माध्यमिक शिक्षा पास करने वाले छात्र/छात्राओं को शिक्षा का अवसर नहीं मिल पा रहा है। परम्परागत विश्वविद्यालय के माध्यम से सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना एक दुरूह कार्य हो गया है। तमाम शिक्षाविदो ने इस समस्या को दूर करने के लिए विचार/मंथन शुरू किया और वे इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि परम्परागत शिक्षा प्रणाली के विकल्प को तैयार किया जाए। इस कड़ी में दूरस्थ शिक्षा परिषद की स्थापना हुई जिसके अन्तर्गत केन्द्र एवं प्रत्येक राज्य में एक मुक्त विश्वविद्यालय खोलने की अनुशंसा की गयी। उत्तर प्रदेश में भी उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना हुई जिसका मुख्य उद्देश्य परम्परागत प्रणली में प्रवेश न पाने वाले छात्रों का प्रवेश, घरेलू महिलाओं के लिये शिक्षा का अवसर, सरकारी एवं गैर सरकारी सेवारत व्यक्तियों के लिये शिक्षा का अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास मुक्त विश्वविद्यालय करा रहा है।

पाठ्यक्रम[संपादित करें]

  • फर्स्ट डिग्री कार्यक्रम
  • स्नातकोत्तर कार्यक्रम
  • जनरल डिप्लोमा कार्यक्रम
  • सार्टिफिकेट कार्यक्रम
  • कंप्यूटर कार्यक्रम
  • वोकेशनल कार्यक्रम
  • प्रोफेशनल कार्यक्रम
  • जागरूकता कार्यक्रम
  • प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा कार्यक्रम

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. दैनिक हिन्दुस्तान, दिनांक : 7.7.11 मुक्त विश्वविद्यालय को मिलेगी यूजीसी की मान्यता
  2. "विकास के रास्ते पर गाँव, उभरते नए कॅरिअर". मूल से 12 अप्रैल 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अप्रैल 2013.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]