उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था

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उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि आधारित है और राज्य की ९०% जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है। उत्तराखण्ड का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष २००४ के लिए वर्तमान मूल्यों के आधार पर अनुमानित २८०.३२ अरब रुपए (६ अरब डॉलर) था। उत्तर प्रदेश से अलग होकर बना यह राज्य, पुराने उत्तर प्रदेश के कुल उत्पादन का ८% उत्पन्न करता है।

उत्तराखण्ड, खनिजों जैसे चूनापत्थर, रॉक फॉस्फेट, डोलोमाइट, मैग्नेसाइट, कॉपर ग्रेफाइट, सोप स्टोन, जिप्सम इत्यादि के मामले में एक धनी राज्य है। यहाँ पर लघु-उद्योगों की संख्या ४१,२१६ है और कुल सम्पत्तियाँ ३.०५५८ अरब रुपये है। इसके अतिरिक्त यहाँ १९१ बड़े स्तर के उद्योग भी हैं जिनका कुल लाभ २६.९४६६ अरब रुपये के लगभग है। अधिकान्श उद्योग वनाधारित हैं। २००३ की औद्योगिक नीति के कारण, जिसमें यहाँ निवेश करने वाले निवेशकों को कर राहत दी गई है, यहाँ पूँजी निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सिडकुल, उतराखण्ड औद्योगिक विकास निगम, ने राज्य के दक्षिणी छोर पर सात औद्योगिक भूसंपत्तियों की स्थापना की है, जबकि ऊचले स्थानों पर दर्जनों पनबिजली बाँधों का निर्माण चल रहा है।

आर्थिक सर्वेक्षण २०२१-२०२२ के अनुसार उत्तराखंड की विकास दर ६.१३ प्रतिशत रही तथा अर्थव्यवस्था के आकार में ८ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। २०२०-२०२१ में प्रचलित भावों पर राज्य सकल घरेलू उत्पाद२,५३,८३२ करोड़ रहने का अनुमान है।