आरएनए वायरस

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कोरोनावायरस एक प्रकार के आरएनए वायरस होते हैं

आरएनए वायरस (virus) ऐसा वायरस (विषाणु ) होता है जिसका अनुवांशिक जीनोम का निर्माण आरएनए नाभिकीय अम्ल से हुआ हो। यह नाभिकीय अम्ल आमतौर पर एक रेशे में संगठित होता है, यानि एकरेशीय आरएनए (single-stranded RNA, ssRNA) होता है, हालांकि कुछ आरएनए वायरस में द्विरेशीय आरएनए (double-stranded RNA, dsRNA) भी मिलता है। आरएनए वायरस जातियों द्वारा मानवों में उत्पन्न रोगों में इबोला वायरस रोग, सार्स , रेबीज़, ज़ुकाम, इनफ़्लुएंज़ा, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस ई, पोलियो, खसरा और वूहान कोरोनावायरस रोग शामिल हैं।[1][2]

विशेषताएँ[संपादित करें]

उत्परिवर्तन दर[संपादित करें]

आरएनए वायरस की उत्परिवर्तन दर (Mutation rate) डीएनए वायरस की तुलना में काफी ज्यादा होती है। जिसके कारण इनमें आनुवंशिक विविधता आ जाती है और इसके खिलाफ प्रभावी टीके का निर्माण काफी कठिन हो जाता है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. MeSH Archived 2010-06-16 at the वेबैक मशीन, retrieved on 12 April 2008.
  2. Drake JW, Holland JJ (November 1999). "Mutation rates among RNA viruses". Proc. Natl. Acad. Sci. U.S.A. 96 (24): 13910–13. PMID 10570172. डीओआइ:10.1073/pnas.96.24.13910. पी॰एम॰सी॰ 24164. बिबकोड:1999PNAS...9613910D.