अलेक्सान्द्र अब्रामोविच कबकोव

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अलेक्सान्द्र अब्रामोविच कबकोव

अलेक्सान्द्र कबकोव (रूसी: Кабаков, Александр Абрамович) - रूसी लेखक और पत्रकार हैं।

उनका जन्म द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान १९४३ में नोवोसिबीर्स्क में हुआ, जहाँ सरकार ने उनकी माँ को युद्ध से बचाकर प्रसूति के लिए भेज दिया था। कबाकोव ने उक्राइना के द्नेप्रोपेत्रोव्स्क विश्वविद्यालय की मैकेनिकल-मैथमैटिक्स फ़ैकल्टी से एम.एससी. किया। उसके बाद वे इंजीनियर रहे और फिर पत्रकारिता करने लगे।

उन्होंने समाचार पत्र 'गुदोक' (भोंपू), साप्ताहिक पत्र 'मास्को न्यूज़' और पत्रिका 'नए गवाह' में काम किया। आजकल वे 'कोमेरसान्त' (व्यवसायी) नामक प्रकाशन गृह में काम करते हैं। अब तक वे समीक्षक, विशेष संवाददाता और सहायक संवाददाता के पद पर रह चुके हैं।

अलेक्सान्द्र कबकोव १९७५ से लिख रहे हैं लेकिन १९८९ में वे अपने एंटीयूटोपियाई उपन्यास 'अनागत' (नेवोज़्व्रशेनेत्स) से चर्चा में आए। इनकी प्रमुख रचनाओं में 'अनागत', 'किस्सागो', 'असली आदमी की मास्को और अन्य अकल्पनीय जगहों की यात्रा', 'अंतिम नायक', 'बहुरूपिया', 'एक्स्ट्रापोलेटर की यात्रा' (वैज्ञानिक पैगंबर की यात्रा), 'पलायन', 'सब ठीक कर दिया जाएगा' तथा 'मास्को की कथाएँ' आदि शामिल हैं।

'अनागत' उपन्यास का सभी यूरोपीय भाषाओं और जापानीचीनी भाषाओं में अनुवाद और प्रकाशन हो चुका है। यह उपन्यास अमरीका में भी प्रकाशित हुआ है। इसके अलावा 'चोट पर चोट' उपन्यास जर्मनी में तथा 'किस्सागो' उपन्यास जापान में प्रकाशित हुए हैं। अलेक्सान्द्र कबकोव के उपन्यासों के आधार पर 'अनागत' और 'दस वर्ष की सज़ा' के नाम से फ़िल्मों का निर्माण हो चुका है। इन्हें २००६ में रूस का राष्ट्रीय स्तर का 'बोलशाया क्नीगा' (बड़ी किताब) नामक प्रतिष्ठित पुरस्कार और अन्य कई साहित्यिक पुरस्कार मिल चुके हैं।