अरविन्द विष्णु गोखले

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अरविन्द विष्णु गोखले (१९१९-१९९२) मराठी नव-कथा के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। पुणे के कृषि महाविद्यालय में वनस्पित शास्त्र का अध्यापन किए एवं १९४० से कहानी लेखन प्रारम्भ किए। इन्होंने ६०० से अधिक कहानियाँ लिखीं, जो चालीस से अधिक संग्रहों में संकलित हैं। इसके अलावा कथा और कथाकार विषय से सम्बद्द तीन अन्य कृतियाँ प्रकाशित हुई। इनकी कहानियाँ गुजराती, हिन्दी और अंग्रेजी में अनूदित हुई हैं। महाराष्ट्र तथा बिहार राज्य सरकार एवं एन्काउण्टर पत्रिका (लंदन) द्वारा विशेष रूप से पुरस्कृत एवं सम्मानित हुए। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा एमिरेटस फेलोशिप से गौरवान्वित किए गये। बस यात्र के दौरान सिर में चोट आ जाने के कारण निधन।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. वागर्थ (पत्रिका). कोलकाता: भारतीय भाषा परिषद प्रकाशन. सितम्बर–अक्टूबर 2000. पृ॰ १०५. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)सीएस1 रखरखाव: तिथि प्रारूप (link)