अगम्यगमन

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अगम्यगमन (incest) अथवा कौटुम्बिक व्यभिचार वो होता है जब कोई पुरुष किसी ऐसी महिला से यौन सम्बन्ध बनाता है जो उसके ख़ून के रिश्ते में आती हो या उसके विवाह से सम्बंधित हो जैसे माँ, बहन, पुत्री, भतीजी, सास, चाची, बुआ, मौसी, भाभी, बहू इत्यादि। कौटुुम्बिक व्यभिचार न केवल कुछ देशों में कानूनी दृष्टि से अपितु नैतिक दृष्टि से भी एक जघन्य अपराध माना जाता है।

कौटुम्भिक व्यभिचार में किसी बालक के साथ किये गए यौन गतिविधियों को भी रखा जाता है (जब निष्क्रिय माध्यम (पीड़ित) अपराधी के रिश्तेदार हो)। आजकल घर की स्त्री छोटे बच्चे को छोटा समझ कर उसके सामने कपड़े बदल लेती है या । पति पत्नी को संबंध बनाते हुए बालक या बालिका देखे तब उसके अंदर ये घर कर जाती है और बो जब अपने मन में संभोग कल्पना करता है तब उसकी कल्पना में उसी को सोचता है । और । उसको ये पता है कि ये गलत हैं पर खुद पर काबू नहीं कर पाता और इस के अंदर फस जाता है ।

विश्व में स्थिति

इंग्लैंड तथा दूसरे कुछ पश्चिमी देशों में इसे गंभीर अपराध अब नहीं माना जाता है। इस अपराध में निष्क्रिय सहमति देना भी कोई मायने नहीं रखता। अपराधी पर मुकदमा चलता है।

भारत में स्थिति

इंग्लैंड की तरह भारत में इस तरह के अपराध के लिए कोई अलग से कानून नहीं बनाया गया है। भारत में इस तरह के अपराध अब कोई मायने नहीं रखते जब तक वो धारा 376 (बलात्कार की श्रेणी ), धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) में न आते हो । धारा 497 के निष्प्रभावी होने के उपरांत अब ऐसे रिश्ते बढ़ रहे हैं और अगर दोनों वयस्क हैं और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाना चाहते हैं तो वह स्वेच्छा से हमबिस्तरी कर सकते हैं भले ही वह दोनों किसी भी क़रीबी रिश्ते में हो. आजकल कौटुंबिक संभोग की घटनाएँ ज्यादा ही सामने आने लगी हैं जिससे अन्य लोगों का भी रूझान कौटुंबिक सम्भोग की ओर बढ़ रहा है