भटनागर

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महाराज चित्रगुप्त के परिवार में भटनागरों का स्थान

भटनागर उत्तर भारत में प्रयुक्त होने वाला एक जातिनाम है, जो कि हिन्दुओं की कायस्थ जाति में आते है। इनका प्रादुर्भाव यमराज, मृत्यु के देवता, के पप पुण्य के अभिलेखक, श्री चित्रगुप्त जी की प्रथम पत्नी दक्षिणा नंदिनी के द्वितीय पुत्र विभानु के वंश से हुआ है।[1][2] विभानु को चित्राक्ष नाम से भी जाना जाता है। महाराज चित्रगुप्त ने इन्हें भट्ट देश में मालवा क्षेत्र में भट नदी के पास भेजा था। इन्होंने वहां चित्तौर और चित्रकूट बसाये। ये वहीं बस गये और इनका वंश भटनागर कहलाया।

भटनागरों की मुख्य अल्लें[संपादित करें]

भटनागर मुखयतः १०१ अल्लों में बंटे हुए हैं, जो कि इस प्रकर हैं:

प्रमुख भटनागर[संपादित करें]

बाहरी कड़ियां[संपादित करें]

प्रमुख भटनागरों ए के अन्य योगदान देखने हेतु देखें भटनागर समाचार - हीरक जयंती संस्करण, डॉ॰वीरेन्द्र मुमार भटनागर (2002-03-01), भटनागर समाचार, कायस्थ भटनागर सदर सभा हिंद

सन्दर्भ्[संपादित करें]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 दिसंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2008.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2008.