एनएचपीसी लिमिटेड

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एनएचपीसी लिमिटेड
उद्योग विद्युत उत्पादन Edit this on Wikidata
नियति सक्रिय
स्थापना फरीदाबाद Edit this on Wikidata 1975 Edit this on Wikidata
मुख्यालय फरीदाबाद Edit this on Wikidata

एनएचपीसी लिमिटेड (पूर्वनाम नैशनल हाइड्रोइलैक्ट्रिक पावर कारपोरेशन लिमिटेड) वर्ष 1975 में स्थापित भारत सरकार का एक सार्वजनिक उपक्रम है। इसका उद्देश्य सभी रूपों में हाइड्रोइलैक्ट्रिक पावर के समेकित एवं दक्ष विकास की योजना बनाना तथा पर्यावरण संतुलन को ध्यान मे रखते हुए इसे विकसित और संगठित करना है। लगभग ३१७०० करोड़ रुपए से अधिक के निवेश आधार वाली एनएचपीसी लिमिटेड भारत की सर्वोपरि दस कम्पनी में से एक है। वर्तमान में जलविद्युत विकास के क्षेत्र में यह सबसे बड़ा संगठन है। एनएचपीसी लिमिटेड जलविद्युत परियोजनाओं का संकल्पना से संचालन तक सभी कार्यों को करने में सक्षम है।

कंपनी की स्थापना[संपादित करें]

एनएचपीसी लिमिटेड की स्थापना वर्ष 1975 में 200 करोड़ रुपए की प्राधिकृत पूँजी के साथ किया गया। इस समय एनएचपीसी लिमिटेड भारत सरकार का अनुसूची उधम है जिसकी प्राधिकृत शेयर पूँजी 15000 करोड़ रुपए है। मूलरुप से जलविद्युत का दोहन करने की नीति का अनुपालन करनेवाली एनएचपीसी लिमिटेड ने अपने ध्येयों को विस्तृत कर अपने उद्देश्यों में भूतापीय. ज्वारीय एवं पवन जैसे ऊर्जा के अन्य स्त्रोतों को भी सम्मिलित कर लिया। कंपनी ने जलविद्युत एवं विविध व्यावसायिक क्षेत्रों मे अन्तराष्ट्रीय स्तर की उत्कृष्ट प्राप्त करना अपना लक्ष्य रखा है।

स्थापित परियोजनाएँ[संपादित करें]

वर्तमान में एनएचपीसी की कुल संस्थापित क्षमता 5702 मेगावाट है। अधिकांश परियोजनाएँ हिमालयी क्षेत्रों में है जबकि कुछ मध्य भारत में। विभिन्न परियोजनाओं की संस्थापित क्षमता तथा अन्य विवरण इस प्रकार है:

परियोजना (राज्य) कुल संस्थापित क्षमता संचालन वर्ष
बैरास्यूल हिमाचल प्रदेश 180 मेगावाट 1981
लोकटक मणिपुर 105 मेगावाट 1983
सलाल जम्मू एवं कश्मीर 690 मेगावाट 1987
टनकपुर उत्तराखण्ड 120 मेगावाट 1992
चमेरा- I हिमाचल प्रदेश 540 मेगावाट 1994
उड़ी- I जम्मू एवं कश्मीर 480 मेगावाट 1997
रंगित सिक्किम 60 मेगावाट 1999
चमेरा- II हिमाचल प्रदेश 300 मेगावाट 2003
इंदिरा सागर* मध्य प्रदेश 1000 मेगावाट 2005
धौलीगंगा- I उत्तराखण्ड 280 मेगावाट 2005-06
दुलहस्ती जम्मू एवं कश्मीर 390 मेगावाट 2006-07
ओमकारेश्वर* मध्य प्रदेश 520 मेगावाट 2007
तीस्ता - V सिक्किम 510 मेगावाट 2008
सेवा - II जम्मू एवं कश्मीर 120 मेगावाट 2010
चमेरा - III हिमाचल प्रदेश 231 मेगावाट 2012
चूटक जम्मू एवं कश्मीर 44 मेगावाट 2012-13
तीस्ता लो डैम - III पश्चिम बंगाल 132 मेगावाट 2013
पारबती II हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश 800 MW 2024
दिबांग हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट अरुणाचल प्रदेश 2,880 MW upcoming

तारांकित परियोजनाएँ नर्मदा हाइड्रोडेवेलॉपमेंट कॉरपोरेशन के साथ संयुक्त उपक्रम के अंतर्गत है।

निर्माणाधीन परियोजनाएँ[संपादित करें]

इस समय एनएचपीसी लिमिटेड 4095 मेगावाट की संस्थापित क्षमता वाली 07 परियोजनाओं के निर्माण में लगी है। भारत के विभिन्न राज्यों में एनएचपीसी के निर्माणाधीन परियोजनाओं की सूची इस प्रकार है:

परियोजना राज्य कुल संस्थापित क्षमता (मेगावाट)
सुबानसिरि (लोअर)* आसाम 2000
तीस्ता लो डैम -IV पश्चिम बंगाल 160
पार्बती -II हिमाचल प्रदेश 800
पार्बती -III हिमाचल प्रदेश 520
निम्मो-बाजगो जम्मू एवं कश्मीर 45
उड़ी - II जम्मू एवं कश्मीर 240
किशनगंगा जम्मू एवं कश्मीर 330

तारांकित परियोजना भारत में स्थापित की जानेवाली सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है।

इसके अतिरिक्त 8801 मेगावाट क्षमता की 10 परियोजनायें भारत सरकार द्वारा मंजूरी/स्वीकृती की प्रतीक्षा में है तथा 1530 मेगावाट क्षमता की 03 परियोजनाओं पर सर्वेक्षण एवं अन्वेषण का कार्य चल रहा है।

कंपनी की उपलब्धियाँ[संपादित करें]

एनएचपीसी ने वित्तीय वर्ष २००८-२००९ में अब तक का सर्वाधिक बिक्री कारोबार 2672 करोड़ रुपए (पिछले वर्ष 2244 करोड़ रुपए) तथा अब तक का सर्वाधिक लाभ 1075 करोड़ रुपए (पिछले वर्ष 1004 करोड़ रुपए) प्राप्त किया है। वर्ष २००८ के विद्युत उत्‍पादन 14813 मिलियन यूनिट की तुलना में वर्ष २००९ में 16690 मिलियन यूनिट विद्युत उत्‍पादन कर 12.69 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। अच्छे कार्य निष्पादन हेतु एनएचपीसी को भारत सरकार द्वारा वर्ष २००८ में ‘मिनी रत्‍न’ की उपाधि प्रदान की गई है। स्‍वदेशी ऋण के लिए मैसर्स फिच से सर्वोच्‍च रेटिंग ‘एएए’ प्राप्‍त हुई है तथा विदेशी ऋण के लिए भी मैसर्स फिच एवं मैसर्स एस एंड पी से ‘बीबीबी-’ रेटिंग प्राप्‍त हुई है जो सोवरिन रेटिंग के समतुल्‍य है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]