दक्षिण त्रिपुरा जिला

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दक्षिण त्रिपुरा ज़िला
South Tripura district
मानचित्र जिसमें दक्षिण त्रिपुरा ज़िला South Tripura district हाइलाइटेड है
सूचना
राजधानी : बेलोनिया
क्षेत्रफल : 1,514 किमी²
जनसंख्या(2011):
 • घनत्व :
4,46,764
 295/किमी²
उपविभागों के नाम: विधान सभा सीटें
उपविभागों की संख्या: ?
मुख्य भाषा(एँ): कोक बोरोक, बंगाली


दक्षिण त्रिपुरा जिला भारतीय राज्य त्रिपुरा का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बेलोनिया है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है। त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के लिए प्रसिद्ध इस स्थान पर अन्य पर्यटन स्थल जैसे शिव बरी, भुवनेशवरी मंदिर, देवतामुर और तीर्थमुख आदि भी विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस कारण से यह स्थान धार्मिक दृष्टि से काफी से काफी महत्व रखता है। काफी संख्या में पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं।[1][2]

परिचय[संपादित करें]

दक्षिणी त्रिपुरा का जिला मुख्यालय उदयपुर पर स्थित है। यह जिला दो प्रमुख पर्वतों बारामुरा देवतामुरा और अथरमुरा-कलारी के मध्य स्थित है। यह जिला अगरतला से साठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

प्रमुख आकर्षण[संपादित करें]

त्रिपुरा सुंदरी मंदिर[संपादित करें]

त्रिपुरा सुंदरी मंदिर अगरतला-सबरूम मार्ग पर उदयपुर शहर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण महाराजा धन्य माणिक्य के शासनकाल में 1501 ई. के दौरान करवाया गया था। यह मंदिर भारत के 51 महापीठों में से एक है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस स्थान पर माता सती के सीधे पैर के अंगुलियों के निशान आज भी मौजूद है। यह मंदिर राज्य के प्रमुख पयर्टन स्थलों में से एक है। हजारों की संख्या में भक्त प्रतिदिन मंदिर में माता के दर्शनों के लिए आते हैं। दिवाली के दौरान माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में भव्‍य स्तर पर दीवाली मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या लोग इस मेले में सम्मिलित होते हैं। राजमाला के अनुसार, मंदिर का निर्माण करने के पश्चात् मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित की गई थी। लेकिन एक रात महाराजा धन्य माणिक्य के सपने में महा माया आई और उससे कहा कि वह उनकी मूर्ति को चित्तौंग से इस स्थान पर रख दें। इसके बाद माता त्रिपुरा सुंदरी की स्थापना इस मंदिर में कर दी गई।

भुवनेशवरी मंदिर[संपादित करें]

भुवनेशवरी मंदिर गुमटी के उत्तरी तट पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण महाराजा गोविन्द माणिक्य के शासनकाल के दौरान 1667 से 1676 ई. के मध्य करवाया गया था। यह मंदिर ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। माना जाता है कि रविन्द्रनाथ टैगोर ने प्रसिद्ध उपन्यास राजर्षि और नाटक बिसराजन की रचना यहीं पर की था।

शिव बरी[संपादित करें]

शिव बरी मंदिर उदयपुर शहर में स्थित है। पीठमाला के अनुसार, यह त्रिपुरेश भैरव का निवास स्थान है। इसके अतिरिक्त मंदिर के भीतर एक शिवलिंग भी है। इस मंदिर का निर्माण महाराजा धन्य माणिक्य ने करवाया था। मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम दिशा की ओर है। सन् 1651 ई. में मंदिर का महाराजा कल्याण माणिक्य द्वारा पुनर्निर्माण करवाया गया। और वर्तमान समय में महाराजा राधा किशोर माणिक्य द्वारा इनकी मरम्मत करवाई गई।

देवतामुर[संपादित करें]

देवतामुर उदयपुर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देवतामुर का अर्थ देवता पर्वत होता है। यह जगह विशेष रूप से यहां मौजूद भगवान शिव, देवी दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं के चित्रों के लिए प्रसिद्ध है। यह चित्र काफी खूबसूरत है। यह जगह पूरी तरह से जंगलों से घिरा हुआ है।

तीर्थमुख[संपादित करें]

तीर्थमुख जिला मुख्यालय से लगभग 62 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह विशेष रूप से अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध डुमबुर हैदल परियोजना यहीं पर स्थित है। जो कि दक्षिण त्रिपुरा जिले की शक्ति का प्रमुख स्रोत है। इसके अतिरिक्त तीर्थमुख स्थित डुमबुर कुण्ड भी काफी प्रसिद्ध है। यहां विश्व की विभिन्न पक्षियों की प्रजातियां देखी जा सकती है। प्रत्येक वर्ष पूस संक्राति के दिन यहां प्रसिद्ध मेले तीर्थमुख का आयोजन किया जाता है। काफी संख्या में लोग देश-विदेश से इस मेले में सम्मिलित होते हैं। इसके पश्चात् गोमती नदी में स्नान कर धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार अपने पित्रों को पिण्ड-दान करते हैं।

तीन मंदिर[संपादित करें]

तीन मंदिर जगन्नाथ डिघी के पूर्व तट पर स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी के मध्य में करवाया गया था।

तृष्णा वन्य जीव अभ्यारण[संपादित करें]

यह अभ्यारण जिला मुख्यालय से करीबन 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पक्षियों की अनेक प्रजांतिया देखी जा सकती है।

आवागमन[संपादित करें]

वायु मार्ग

सबसे निकटतम हवाई अड्डा अगरतला है। अगरतला से उत्तर त्रिपुरा 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रेल मार्ग

सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन कुमारघाट है। यह स्थान जिला मुख्यालय से लगभग 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

सड़क मार्ग

उत्तर त्रिपुरा से अगरतला साठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अत: यह स्थान सड़क मार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Four new districts, six subdivisions for Tripura". CNN-IBN. 26 October 2011. मूल से 26 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 April 2012.
  2. "Tripura Gazette - Creation of New Khowai district" (PDF). मूल से 24 जनवरी 2019 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 24 January 2019.