संजीव कुमार

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
संजीव कुमार

वर्ष 2013 के डाक टिकट में कुमार
जन्म हरीभाई जेठालाल जरीवाला
9 जुलाई 1938
सूरत, गुजरात, ब्रिटिश भारत
मौत 6 नवम्बर 1985(1985-11-06) (उम्र 47)
मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत
उपनाम हरीभाई
पेशा अभिनेता
कार्यकाल 1960–1984
जीवनसाथी कोई नहीं
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

संजीव कुमार (मूल नाम : हरीभाई जरीवाला; जन्म: 9 जुलाई 1938, मृत्यु: 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फ़िल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फ़िल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फ़िल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ़िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फ़िल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया।

उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1985 में हृदय गति रुक जाने से मुम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फ़िल्मों में सक्रिय रहे।

उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फ़िल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा।

जीवन[संपादित करें]

संजीव कुमार का जन्म सूरत में 9 जुलाई 1938 को जेठालाल जरीवाला के एक मध्यमवर्गीय गुजराती वैश्य बनिया परिवार में हुआ था।[1] उनका जन्म का नाम हरिहर जरीवाला था किन्तु प्यार से सभी कुटुम्बी और सम्बन्धी उन्हें हरीभाई जरीवाला ही कहते थे। यद्यपि उनका पैतृक निवास सूरत में था परन्तु फ़िल्मजगत की चाह उन्हें मायानगरी मुंबई खींच लायी। यह शौक उन्हें बचपन से ही था।

फ़िल्मों में बतौर अभिनेता काम करने का सपना देखने वाले हरीभाई भारतीय फिल्म उद्योग में आकर संजीव कुमार हो गये। अपने जीवन के शुरूआती दौर में पहले वे रंगमंच से जुड़े परन्तु बाद में उन्होंने फ़िल्मालय के एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया। इसी दौरान वर्ष 1960 में उन्हें फ़िल्मालय बैनर की फ़िल्म हम हिन्दुस्तानी में एक छोटी सी भूमिका निभाने का मौका मिला। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक फ़िल्मों में अपने शानदार अभिनय से वे एक प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता बने।

संजीव कुमार ने विवाह नहीं किया परन्तु प्रेम कई बार किया था। उन्हें यह अन्धविश्वास था की इनके परिवार में बड़े पुत्र के 10 वर्ष का होने पर पिता की मृत्यु हो जाती है। इनके दादा, पिता और भाई सभी के साथ यह हो चुका था। संजीव कुमार ने अपने दिवंगत भाई के बेटे को गोद लिया और उसके दस वर्ष का होने पर उनकी मृत्यु हो गयी! संजीव कुमार लज़ीज भोजन के बहुत शौक़ीन थे।

बीस वर्ष की आयु में गरीब मध्यम वर्ग के इस युवा ने कभी भी छोटी भूमिकाओं से कोई परहेज नहीं किया। 'संघर्ष' फ़िल्म में दिलीप कुमार की बाँहों में दम तोड़ने का दृश्य इतना शानदार किया कि खुद दिलीप कुमार भी सकते में आ गये। स्टार कलाकार हो जाने के बावजूद भी उन्होंने कभी नखरे नहीं किये। उन्होने जया बच्चन के स्वसुर, प्रेमी, पिता और पति की भूमिकाएँ भी निभायीं। जब लेखक सलीम ख़ान ने इनसे त्रिशूल में अपने समकालीन अमिताभ बच्चन और शशि कपूर के पिता की भूमिका निभाने का आग्रह किया तो उन्होंने बेझिझक यह भूमिका स्वीकार कर ली और इतने शानदार ढँग से निभायी कि उन्हें ही केन्द्रीय करेक्टर मान लिया गया। हरीभाई ने बीस वर्ष की आयु में एक वृद्ध आदमी का ऐसा जीवन्त अभिनय किया था कि उसे देखकर पृथ्वीराज कपूर भी दंग रह गये।

फिल्मी सफर[संपादित करें]

संजीव कुमार ने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत 1960 में हम हिन्दुस्तानी फ़िल्म में मात्र दो मिनट की छोटी-सी भूमिका से की। वर्ष 1962 में राजश्री प्रोडक्शन की आरती के लिए उन्होंने स्क्रीन टेस्ट दिया जिसमें वह पास नहीं हो सके। इसके बाद उन्हें कई बी-ग्रेड फ़िल्में मिली। इन महत्वहीन फ़िल्मों के बावजूद अपने अभिनय के जरिये उन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया। सर्वप्रथम मुख्य अभिनेता के रूप में संजीव कुमार को वर्ष 1965 में प्रदर्शित फ़िल्म निशान में काम करने का मौका मिला। वर्ष 1960 से वर्ष 1968 तक संजीव कुमार फ़िल्म इण्डस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करते रहे। फ़िल्म हम हिन्दुस्तानी के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करते चले गये। इस बीच उन्होंने स्मगलर, पति-पत्नी, हुस्न और इश्क, बादल, नौनिहाल और गुनहगार जैसी कई फ़िल्मों में अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई।

वर्ष 1968 में प्रदर्शित फ़िल्म शिकार में वह पुलिस ऑफिसर की भूमिका में दिखायी दिये। यह फ़िल्म पूरी तरह अभिनेता धर्मेन्द्र पर केन्द्रित थी फिर भी संजीव कुमार धर्मेन्द्र जैसे अभिनेता की उपस्थिति में भी अपने अभिनय की छाप छोड़ने में कामयाब रहे। इस फ़िल्म में उनके दमदार अभिनय के लिये उन्हें सहायक अभिनेता का फ़िल्मफेयर अवार्ड भी मिला।

वर्ष 1968 में प्रदर्शित फ़िल्म संघर्ष में उनके सामने हिन्दी फ़िल्म जगत के अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे लेकिन संजीव कुमार ने अपनी छोटी-सी भूमिका के बावजूद दर्शकों की वाहवाही लूट ली। इसके बाद आशीर्वाद, राजा और रंक, सत्यकाम और अनोखी रात जैसी फ़िल्मों में मिली कामयाबी से संजीव कुमार दर्शकों के बीच अपने अभिनय की धाक जमाते हुए ऐसी स्थिति में पहुँच गये जहाँ वे फ़िल्म में अपनी भूमिका स्वयं चुन सकते थे। वर्ष 1970 में प्रदर्शित फ़िल्म खिलौना की जबर्दस्त कामयाबी के बाद संजीव कुमार ने बतौर अभिनेता अपनी अलग पहचान बना ली। वर्ष 1970 में ही प्रदर्शित फ़िल्म दस्तक में उनके लाजवाब अभिनय के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1972 में प्रदर्शित फ़िल्म कोशिश में उनके अभिनय का नया आयाम दर्शकों को देखने को मिला। फ़िल्म कोशिश में गूँगे की भूमिका निभाना किसी भी अभिनेता के लिये बहुत बड़ी चुनौती थी। बगैर संवाद बोले सिर्फ आँखों और चेहरे के भाव से दर्शकों को सब कुछ बता देना संजीव कुमार की अभिनय प्रतिभा का ऐसा उदाहरण था जिसे शायद ही कोई अभिनेता दोहरा पाये। इन्होंने दिलीप कुमार के साथ संघर्ष में काम किया। फ़िल्म खिलौना ने इन्हें स्टार का दर्जा दिलाया। इसके बाद इनकी हिट फ़िल्म सीता और गीता और मनचली प्रदर्शित हुईं। 70 के दशक में उन्होने गुलज़ार जैसे दिग्दर्शक के साथ काम किया। उन्होने गुलज़ार के साथ कुल 9 फ़िल्में कीं जिनमे आंधी (1975), मौसम (1975), अंगूर (1982), नमकीन (1982) प्रमुख है। इनके कुछ प्रशंसक इन फ़िल्मों को इनकी सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मो में से मानते हैं। फ़िल्म शोले (1975) में उनके द्वारा अभिनीत पात्र ठाकुर आज भी लोगों के दिलों में ज़िन्दा है। जो मिमिक्री कलाकारों के लिये एक मसाला है। संजीव कुमार के दौर में राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, शम्मी कपूर, दिलीप कुमार जैसे अभिनेता छाये हुए थे, फिर भी अपने सशक्त अभिनय से उन सबके बीच काम करते हुए उन्होंने फ़िल्मजगत में अपना स्थान बनाया।

प्रमुख फिल्में[संपादित करें]

वर्ष फ़िल्म चरित्र टिप्पणी
1993 प्रोफेसर की पड़ोसन प्रोफेसर विद्याधर रिलीज़ मृत्यु के बाद
1987 राही डॉक्टर प्रभात कुमार
1986 कत्ल राकेश
1986 काँच की दीवार जसवंत सिंह/दुर्जन सिंह
1986 लव एंड गॉड कैस-ए-आमरी (मजनू) रिलीज़ मृत्यु के बाद
1986 हाथों की लकीरें डॉक्टर साब
1986 बात बन जाये सूरज सिंह
1985 राम तेरे कितने नाम राम कु्मार
1985 ज़बरदस्त रतन कु्मार
1984 लाखों की बात एडवोकेट प्रेम सागर
1984 मेरा दोस्त मेरा दुश्मन गोली चाचा
1984 पाखंडी
1984 बद और बदनाम
1984 यादगार राय कल्पनाथ राय
1983 हीरो दामोदर माथुर
1982 अंगूर अशोक दोहरी भूमिका
1982 सवाल धनपतराय मेहता
1982 सुराग
1982 हथकड़ी हरिमोहन/साकिया/गोपालदास मित्तल
1982 अय्याश जसवंत सिंह
1982 खुद्दार हरी श्रीवास्तव
1982 लोग क्या कहेंगे
1982 नमकीन गेरूलाल
1982 श्रीमान श्रीमती शंकरलाल
1982 सिंदूर बने ज्वाला
1982 विधाता अबु बाबा
1981 दासी आनंद
1981 इतनी सी बात राजा
1981 बीवी ओ बीवी कर्नल मंगल सिंह/शंकर
1981 चेहरे पे चेहरा डॉक्टर विल्सन/ब्लैकस्टोन
1981 लेडीज़ टेलर महबूब
1981 वक्त की दीवार विक्रम
1981 सिलसिला डॉक्टर वी के आनन्द
1980 हम पाँच कृष्ण
1980 ज्योति बने ज्वाला अतिथि पात्र
1980 अब्दुल्ला अमीर
1980 बेरहम पुलिस कमिश्नर कुमार आनंद
1980 फ़ौजी चाचा फ़ौजी चाचा पंजाबी फ़िल्म
1980 पत्थर से टक्कर बिंद्रा
1980 स्वयंवर राम
1980 टक्कर सूरज/किशन
1979 काला पत्थर डॉक्टर रोमेश
1979 गृह प्रवेश अमर
1979 हमारे तुम्हारे जयराज वर्मा
1979 बॉम्बे एट नाइट
1979 घर की लाज
1979 जानी दुश्मन ठाकुर
1979 मान अपमान शंकर
1978 त्रिशूल राज कुमार 'आर के' गुप्ता
1978 देवता टोनी/तरुण कुमार
1978 मुकद्दर
1978 पति पत्नी और वो रंजीत चड्ढा
1978 सावन के गीत
1978 स्वर्ग नर्क पंडित सोहनलाल त्रिपाठी
1978 तृष्णा डॉक्टर सुनील गुप्ता
1978 तुम्हारे लिये प्रकाश/गंगाधर उपाध्याय
1977 मुक्ति रतन
1977 शतरंज के खिलाड़ी मिर्ज़ा सज्जाद अली
1977 यही है ज़िन्दगी आनंद नारायण
1977 ईमान धर्म कबीरदास
1977 आलाप राजा बहादुर अतिथि पात्र
1977 अंगारे
1977 अपनापन राजन रशपाल सिंह
1977 धूप छाँव डॉक्टर पारस
1977 दिल और पत्थर
1977 पापी अशोक रॉय
1977 विश्वासघात महेश/राजा
1976 ज़िन्दगी रघु शुक्ला
1976 अर्जुन पंडित
1976 दो लड़कियाँ
1975 मौसम डॉक्टर अमरनाथ गिल
1975 फ़रार इंस्पेक्टर संजय
1975 शोले ठाकुर बलदेव सिंह (ठाकुर साहब)
1975 आक्रमण मेजर अजय वर्मा
1975 आँधी जे के
1975 अपने दुश्मन डॉक्टर
1975 अपने रंग हज़ार
1975 धोती लोटा और चौपाटी इंस्पेक्टर वागले
1975 उलझन आनंद
1974 कुँवारा बाप डॉक्टर
1974 आप की कसम मोहन
1974 मनोरंजन हवलदार रतन/शेरू
1974 अर्चना
1974 चरित्रहीन
1974 चौकीदार डॉक्टर श्याम
1974 दावत
1974 ईमान
1974 नया दिन नई रात १० विभिन्न पात्र निभाए (नायक सहित)
1974 शानदार राजन
1973 अनहोनी सुनील
1973 अग्नि रेखा
1973 अनामिका देवेंद्र दत्त
1973 दूर नहीं मंज़िल
1973 मनचली सुशील कुमार
1973 सूरज और चंदा
1972 परिचय नीलेश अतिथि पात्र
1972 कोशिश हरिचरण माथुर
1972 रिवाज़ शेखर
1972 सबसे बड़ा सुख कथा वाचक
1972 सीता और गीता रवि
1972 सुबह ओ श्याम नसीर
1971 अनुभव अमर सेन
1971 एक पहेली पुलिस इंस्पेक्टर
1971 कंगन डॉक्टर सुनील 'सोनू'
1971 मन मन्दिर दीपक
1971 पारस धरम सिंह
1970 बचपन काशीराम 'काशी'
1970 दस्तक हामिद
1970 देवी डाक्टर ए एन शेखर
1970 गुनाह और कानून
1970 इंसान और शैतान
1970 खिलौना विजयकमल एस सिंह
1970 माँ का आँचल
1970 प्रिया
1969 बंधन वकील रवि शर्मा
1969 चंदा और बिजली
1969 धरती कहे पुकार के
1969 ग़ुस्ताखी माफ़
1969 इन्साफ का मन्दिर
1969 जीने की राह मनोहारी
1969 ज्योति
1969 सच्चाई किशोर दयाल
1969 सत्यकाम नरेंद्र शर्मा (नरेन)
1968 गौरी संजीव
1968 अनोखी रात बल्देव सिंह
1968 राजा और रंक सुधीर
1968 आशीर्वाद डाक्टर बीरेन
1968 संघर्ष द्वारका प्रसाद
1968 शिकार पुलिस इंस्पेक्टर
1968 साथी अशोक अतिथी पात्र
1966 हुस्न और इश्क आशिक हुसैन
1966 बादल
1966 कालपी राजकुमार सूरसिंहजी तख्तासिंहजी गोहिल
1966 स्मगलर मोहन
1966 पति पत्नी अमर

नामांकन और पुरस्कार[संपादित करें]

फ़िल्म दस्तक और कोशिश के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Salt-and-pepper memories with Sanjeev Kumar". हिन्दुस्तान टाइम्स. November 4, 2012. मूल से 15 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-09-10.