जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय

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जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगविश्वविद्यालय
जगद्गुरुरामभद्राचार्यविकलांगविश्वविद्यालयः
Jagadguru Rambhadracharya Handicapped University

आदर्श वाक्य:संस्कृत: सेवाधर्मः परमगहनः
स्थापित२००१
प्रकार:राज्य निजीविश्वविद्यालय
मान्यता/सम्बन्धता:विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
अध्यक्ष:जगद्गुरु रामभद्राचार्य
कुलाधिपति:जगद्गुरु रामभद्राचार्य
कुलपति:प्रो॰ योगेश चन्द्र दूबे
अवस्थिति:चित्रकूट धाम, उत्तर प्रदेश, भारतवर्ष
(25°10′02″N 80°50′02″E / 25.16722°N 80.83389°E / 25.16722; 80.83389निर्देशांक: 25°10′02″N 80°50′02″E / 25.16722°N 80.83389°E / 25.16722; 80.83389)
परिसर:शहरी
उपनाम:चित्रकूट विकलांग विश्वविद्यालय
जराविवि
सम्बन्धन:विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग, भारतीय विश्वविद्यालय साहचर्य
जालपृष्ठ:jrhu.com

जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय (अथवा मात्र जराविवि) (संस्कृतभाषा: जगद्गुरुरामभद्राचार्यविकलांगविश्वविद्यालयः), चित्रकूट धाम, उत्तर प्रदेश, भारतवर्ष में स्थापित एक विश्वविद्यालय है।[1][2] यह भारतवर्ष में और विश्व में विकलांगों के लिए सर्वप्रथम विशिष्टविश्वविद्यालय है।[3][4] इसकी स्थापना आश्विनपूर्व २७, २००१ को जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा हुई थी और इसे जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगशिक्षण संस्थान नामक एक संस्थान द्वारा संचालित किया जाता है, जो समस्तयोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी है।[5][6] इस विश्वविद्यालय का सृजन उत्तर प्रदेश सरकार के एक अध्यादेश द्वारा किया गया था, जो पश्चात् उत्तर प्रदेश विधायिका द्वारा उत्तर प्रदेश राज्यअधिनियम ३२ (२००१) के रूप में पारित किया गया था।[7][8][9][10] अधिनियम के अनुरूप जगद्गुरु रामभद्राचार्य को विश्वविद्यालय के जीवनपर्यन्त कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया। विश्वविद्यालय में संस्कृतभाषा, हिन्दीभाषा, आंग्लभाषा, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, गानविद्या, चित्रकला, चित्रकारी, ललितकला, विशिष्टशिक्षण, शिक्षण, इतिवृत्त, संस्कृति एवं पुरातत्व, अभिकलित्र एवं सूचना विज्ञान, व्यावसायिकशिक्षा, विधि, अर्थशास्त्र, प्रोस्थेटिक्स और ओर्थोटिक्स सहित विभिन्न धाराओं में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की जाती है।[11] विश्वविद्यालय की २०१३ तक आयुर्वेद और चिकित्सवीय विज्ञान के पाठ्यक्रम के प्रदान को प्रारंभ करने की योजना है।[12]

प्रवेश चार प्रकार के विकलांग विद्यार्थीयों के लिए प्रतिबंधित किया गया है – दृष्टिबाधित, मूकबधिर, अस्थिविकलांग (पंगु अथवा भुजाहीन) और मानसिक विकलांग, जैसा कि भारतवर्ष सरकार के विकलांगता अधिनियम १९९५ में निरूपित है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, यह विश्वविद्यालय राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी और विद्युतीय अध्ययन के लिए प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है।[13] ३५४ विकलांग विद्यार्थीयों को चैत्र २०१० में आयोजित विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांतसमारोह में विभिन्न उपाधियों से सम्मानित किया गया।[14][15][16]पूर्वमाघ २०११ में आयोजित तृतीय दीक्षांतसमारोह में ३८८ विद्यार्थीयों को उपाधियों से सम्मानित किया गया।[17][18] विश्वविद्यालय का उद्देश्य विकलांग विद्यार्थीयों का स्वाधीनवृत्तिकों में रूपांतर करना और विकलांगजनसंख्या की संरक्षण करने के लिए सक्षम मानवीयसंसाधनों को उत्पन्न करना है। इस विश्वविद्यालय में समस्त सुविधाएं जैसे की कक्षाएँ, विद्यार्थीवास, क्रीड़ासुविधाएँ और प्रयोगशाला आदि अत्यंत दिव्यांग जनों के लिए अत्यंत अनुकूल है।[19]

युवा कार्यक्रम एवं खेल विकास मंत्रालय एवम् नेहरू युवा केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में 27 फरवरी 2019 को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 2019 में इस विश्वविद्यालय के छात्र सूर्यदेव सिंह[20][21] ने युवा सांसद के रूप में लोकसभा बांदा चित्रकूट का प्रतिनिधित्व किया| 25 जनवरी 2019 को आयोजित जिला युवा संसद में बांदा एवम् चित्रकूट जनपद के सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों से आए सर्वश्रेष्ठ 104 प्रतिभागियों को पीछे छोड़कर सूर्यदेव सिंह ने जिला युवा संसद में प्रथम स्थान प्राप्त किया| सूर्यदेव सिंह राष्ट्रीय युवा संसद में भाग लेने वाले देश के प्रथम दिव्यांग हैं

विश्वविद्यालय में 3 दिसंबर को दिव्यांग दिवस का कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से वार्षिक उत्सव के रूप मेंं मनाया जाता है जिसमें विभिन्न प्रकार की खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है,

इतिवृत्त[संपादित करें]

२३ श्रावण, १९९६ को स्वामी रामभद्राचार्य ने चित्रकूट धाम में तुलसी प्रज्ञाचक्षुविद्यालय की स्थापना की थी।[22][23] इसके बाद उन्होंने मात्र विकलांग विद्यार्थीयों के लिए उच्चतरअध्ययन की एक संस्थान को स्थापित करने का निर्णय लिया। इस उद्देश्य के साथ, उन्होंने २७ आश्विनपूर्व, २००१ को चित्रकूट धाम, उत्तर प्रदेश में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगविश्वविद्यालय की स्थापना की।[22][23] विश्वविद्यालय की आधारशिला को वैशाख 2, २००१ के दिन निर्धारित किया गया।[24] विश्वविद्यालय का उद्घाटन राजनाथ सिंह द्वारा २६ पूर्वश्रावण, २०११ को किया गया था।[24] विश्वविद्यालय के लिए पहले चित्रकूट विकलांग विश्वविद्यालय (सीएचयू) शीर्षक विचारित किया गया था, किन्तु तत्काल जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय को शीर्षक के रूप में निर्वाचित किया गया।[25]

स्थापना[संपादित करें]

विश्वविद्यालय सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा घोषित जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगविश्वविद्यालय अध्यादेश से स्थापित हुआ। अध्यादेश को तत्काल ५ कार्त्तिकपूर्व, २००१ को उत्तर प्रदेश विधानमंडल द्वारा पारित जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगविश्वविद्यालय अधिनियम से प्रतिस्थापित किया गया। विश्वविद्यालय में कक्षाएं 23 श्रावण, २००१ को शुरू हुई। जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगविश्वविद्यालय की पहली विधियों को 18 कार्त्तिकपूर्व, २००२ की तिथि पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया। जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय नियमावली 15 पूर्वमाघ, २००२ को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए थे। उसी वर्ष में विश्वविद्यालय को भारतीय विश्वविद्यालय साहचर्य, नई दिल्ली की सदस्यता दी गई।[26]

विकलांगों के लिए विशिष्टसुविधाएँ[संपादित करें]

"अधिकतम विकलांगअनुकूल परिसर, कक्षाएँ और पाठ्यक्रम प्रदान करके विकलांगों की उच्च और व्यावसायिक शिक्षा में अधिक से अधिक सहभागिता सुनिश्चित करना, जिससे की पारंपरिक और आधुनिक ज्ञान के साथ समृद्ध महानचरित्र के विद्यार्थी उद्यत हो।"[24]
- संकल्पनावक्तव्य

क्योंकि जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगविश्वविद्यालय को स्थापित करने का प्रधानकारण विकलांगों की उच्च और व्यावसायिक शिक्षा में अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित करना था, विद्यार्थीयों को विकलांगों के अनुकूल परिसर, कक्षाएँ और पाठ्यक्रम प्रदान किया जाता है और विकलांग विद्यार्थीयों के लिए एक सुलभ, मितव्यय और उचित शिक्षा प्रदान की जाती हैं।[26] जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगविश्वविद्यालय में मूलसंस्कृत और अभिकलित्र की शिक्षा अनिवार्य है।[1][26] दृष्टिहीन विद्यार्थीयों के लिए पाठ्यक्रम ब्रेल पद्धति में उपलब्ध हैं। विद्यार्थीवास की सुविधा जो विकलांग विद्यार्थीयों की विशेष आवश्यकताओं को पुरा करती है वो प्रदान की जाती है। वर्तमान में दृष्टिबाधित, मूक-बधिर और अस्थि-विकलांग विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे है।[26]

चिह्न[संपादित करें]

विश्वविद्यालयचिह्न सह जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगविश्वविद्यालय के प्रवेशद्वार का शीर्ष भाग

विश्वविद्यालय का चिह्न संस्कृत आदर्शवाक्य "सेवाधर्मः परमगहनः" (जिसका अर्थ इस प्रकार है: "सेवा का कर्तव्य अधिकतम कठिन है") के साथ और जीवनपर्यन्त कुलपति के छायाचित्र के साथ कलात्मकरूप से विकलांग लोगों के चार विभिन्न प्रकारों (दृष्टिबाधित, मूकबधिर, अस्थिविकलांग और मानसिक विकलांग) का प्रतिनिधित्व करता है।[26]

पाठ्यक्रम[संपादित करें]

जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय में कई डिग्री प्रदान कराई जाती है। दोनों मूल संस्कृत और कम्प्यूटर का अध्ययन अनिवार्य हैं।[26] जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय में दिया पाठ्यक्रम नीचे सूचीबद्ध हैं। [24][27][28]

विभाग का नाम कोर्स
संस्कृत विभाग बी.ए., एम.ए.
अंग्रेजी विभाग बी.ए., एम.ए.
हिंदी विभाग बी.ए., एम.ए.
समाजशास्त्र विभाग बी.ए., एम.ए.,
एमएसडबल्यू (मास्टर ऑफ सोशल वर्क)
मनोविज्ञान विभाग बी.ए.,एम.ए. गानविद्या विभाग बी.ए., एम.ए., बी.मुस.
आरेखण और चित्रकारी विभाग
ललित कला विभाग
बी.ए., एम.ए.
बीएफ़ए (ललित कला में स्नातक)
विशेष शिक्षा विभाग बी.एड., एम.एड. स्पेशल
(दृष्टिबाधित और मूक-बधिर)
शिक्षा विभाग बी.एड. (शिक्षा स्नातक)
एम.एड. (शैक्षिक मास्टर)
इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग बी.ए., एम.ए.
अभिकलित्र और सूचना विज्ञान विभाग बीसीए (अभिकलित्र अनुप्रयोग के स्नातक)
बीबीए (व्यवसाय प्रशासन स्नातक)
पीजीडीआईटी (सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर डिप्लोमा)
डीआईटी (सूचना प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा)
व्यावसायिक शिक्षा विभाग फोटोग्राफी और वीडियो शूटिंग में डिप्लोमा
हस्तनिर्मित कागज में डिप्लोमा
विधि विभाग
अर्थशास्त्र विभाग
विधि (पंचवर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम)
बी.ए.
प्रोस्थेटिक और ओर्थोटिक विभाग बीपीओ (प्रोस्थेटिक और ओर्थोटिक में स्नातक)- संक्षिप्त पाठ्यक्रम
बीपीओ (प्रोस्थेटिक और ओर्थोटिक में स्नातक)- पंचवर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम

अनुबंध अनुबोधक[संपादित करें]

जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय ने पांच संस्थानों के साथ अनुबंध अनुबोधक हस्ताक्षरित किया है। वे पाँच संस्थान "भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद"; "श्री सदगुरु सेवा ट्रस्ट, चित्रकूट धाम"; "प्रमस्तिष्क अंगघात विभाग, निजाम आयुर्विज्ञान संस्थान, हैदराबाद"; "मनोविज्ञान विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय" तथा "राष्ट्रीय दृष्टिहीन विकलांग संस्थान, देहारादून" है।[24][26]

उल्लेखनीय आगन्तुक[संपादित करें]

बहुत से उल्लेखनीय आगंतुकों ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय का दौरा किया है। उनमें से कुछ है उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा के सदस्य मुरली मनोहर जोशी, यूजीसी के अध्यक्ष अरुण निगवेकर, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, एआईयू के महासचिव दयानंद दोनागाओकर, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के भूतपूर्व प्रधान न्यायाधीश हेमंत लक्ष्मण गोखले, कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति अब्दुल वाहिद, भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू, भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश दलवीर भंडारी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री सिंह और भूतपूर्व मेजर जनरल इयान कारडोज़ों।[24]

अन्य संगठनों से समर्थन[संपादित करें]

विश्वविद्यालय के सृजन को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अत्यधिक समर्थित किया गया था।[29] विश्वविद्यालय को यूजीसी से भी समर्थन प्राप्त है।[4] विश्वविद्यालय के पंजीयक, अविनाश चंद्र मिश्र ने कहा कि वे सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम, ललित कला, गानविद्या आदि के क्षेत्रों में पाठ्यक्रम चलाने के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद से सहाय प्राप्त करते है।[30] विश्वविद्यालय को यूजीसी अधिनियम १९५६ की धारा १२ (ख) अंतर्गत केंद्रीय सहायता प्राप्त करने योग्य घोषित किया गया है।[5]

अन्य सुविधाएँ[संपादित करें]

अध्येता निवासस्थान सभामण्डप
नियुक्ति केंद्र

उपयुक्त पाठ्यक्रमों / कार्यक्रमों और उनके प्रदर्शन के आधार पर नियुक्तिया प्राप्त करने में अपने विद्यार्थीयों की सहायता करने के लिए विश्वविद्यालय का अपना स्वयं का नियुक्ति केंद्र है। युवाओं के उचित पुनर्वास हेतु सहाय के लिए केन्द्र कैप्सूल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था भी करता है।[30]

दूरस्थ शिक्षा

सीमित गतिशीलता के विद्यार्थीयों तक पहुचने के अंतर्गत विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम ऑनलाइन प्रदान करता है, जो की दूरस्थ शिक्षा परिषद, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्‍वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त है। विश्वविद्यालय के अन्य कार्यक्रमों सदृश ये सुविधाएं भी केवल विकलांगों के लिए ही उपलब्ध हैं।[26][31]

पाठ्यक्रमों के नाम पाठ्यक्रम की अवधि
बी.सी.ए. ३ वर्ष
एम.सी.ए. २ वर्ष
बी.बी.ए. ३ वर्ष
एम.बी.ए. ३ वर्ष
बी.ए. ३ वर्ष
एम.ए. २ वर्ष
पी.जी.डी.सी.ए. १ वर्ष
डी.सी.ए. १ वर्ष
पी.जी.डी.बी.एम. १ वर्ष

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "About JRHU". Jagadguru Rambhadracharya Handicapped University. मूल से 4 जुलाई 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि July 21, 2009.
  2. Shubhra (February 12, 2010). "जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय". Bhāratīya Pakṣa. मूल से पुरालेखित 21 जुलाई 2012. अभिगमन तिथि April 25, 2011.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
  3. Subhash, Tarun (July 3, 2005). "A Special University for Special Students: UP does a first – it establishes the country's first exclusive university for physically and mentally disabled students". हिन्दुस्तान टाइम्स. मूल से 23 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 23, 2011.
  4. Dikshit, Ragini (July 10, 2007). "चित्रकूट: दुनिया का प्रथम विकलांग विश्वविद्यालय". Jansatta Express.
  5. "JAGADGURU RAMBHADRACHARYA VIKLANG SEVA SANGH". मूल (DOC) से 3 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि August 29, 2011.
  6. "Education". jrhu.8m.net. मूल से 31 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि August 25, 2011.
  7. Government of Uttar Pradesh, Department of Information Technology and Electronics. "सूचना का अधिकार अधिनियम २००५: अनुक्रमणिका". मूल से 23 जनवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 25, 2011.
  8. "Home". Jagadguru Rambhadracharya Handicapped University. मूल से 8 अक्तूबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 24, 2011.
  9. Sinha, R. P. (December 1, 2006). E-Governance in India: initiatives & issues. नई दिल्ली, भारत: Concept Publishing Company. पृ॰ 104. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8180693112, 9788180693113 |isbn= के मान की जाँच करें: invalid character (मदद).
  10. Gupta, Amita; Kumar, Ashish (July 6, 2006). Handbook of universities. नई दिल्ली, भारत: Atlantic Publishers and Distributors. पृ॰ 395. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8126906081, 9788126906086 |isbn= के मान की जाँच करें: invalid character (मदद).
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  13. Government of Uttar Pradesh, Department of Information Technology and Electronics. "कम्प्यूटर शिक्षा". मूल से 26 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 24, 2011.
  14. Correspondent, Chitrakut (February 24, 2010). "विकलांग विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षात समारोह ७ मार्च को". Jagran Yahoo. मूल से 10 जुलाई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि July 2, 2011.
  15. "औपचारिकताओं के बीच संपन्न हुआ विकलांग विवि का दीक्षान्त समारोह". Bundelkhand Live. March 7, 2010. मूल से 2 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि April 25, 2011.
  16. Correspondent, Chitrakut (March 7, 2010). "अच्छी शिक्षा-दीक्षा से विकलांग बनेंगे राष्ट्र प्रगति में सहायक". Jagran Yahoo. मूल से 22 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि July 2, 2011.
  17. Indo-Asian News Service (January 15, 2011). "चित्रकूट में राजनाथ सिंह को मानद उपाधि". One India Hindi. मूल से 22 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि May 26, 2011.
  18. SNB, Chitrakut (January 15, 2011). "रामभद्राचार्य विवि का दीक्षांत समारोह - राजनाथ सिंह डीलिट की उपाधि से सम्मानित". Rashtriya Sahara. मूल से 10 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 24, 2011.
  19. "Jagadguru Rambhadracharya Handicapped University - Chitrakoot, Karwi". मूल से 21 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि August 27, 2011.
  20. "[chitrakoot] - दिव्यांग छात्र ने युवा संसद महोत्सव मे किया प्रतिनिधित्व - Chitrakootnews - Duta". duta.in. अभिगमन तिथि 2019-12-21.
  21. "दिव्यांग छात्र ने युवा संसद महोत्सव मे किया प्रतिनिधित्व". Amar Ujala. मूल से 6 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-12-21.
  22. Aneja, Mukta; Eyeway Team (2005), "Shri Ram Bhadracharyaji – A Religious Head With A Vision", Abilities Redefined – Forty Life Stories Of Courage And Accomplishment (PDF), All India Confederation of the Blind, पपृ॰ 66–68, मूल (PDF) से 3 सितंबर 2011 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि April 25, 2011
  23. Correspondent, Chitrakut (January 5, 2011). "प्रज्ञाचक्षु की आंख बन गई बुआ जी". Jagran Yahoo. मूल से 22 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 24, 2011.
  24. "Jagadguru Rambhadracharya Handicapped University" (PDF). Singapore: Shri Tulsi Peeth Seva Nyas. मार्च 7, 2011. मूल से 5 जनवरी 2012 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि August 27, 2011.
  25. Mukherjee, Sutapa (May 10, 1999). "A Blind Sage's Vision: A Varsity For The Disabled At Chitrakoot". Outlook. नई दिल्ली, भारत. 5. मूल से 6 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 21, 2011.
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  27. "Jagadguru Rambhadracharya Handicapped University, Chitrakoot". Bundelkhand.in. मूल से 3 अक्तूबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि August 28, 2011.
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  31. "Distance Education Centre (Recognized by DEC, IGNOU नई दिल्ली)". Shri Tulsi Peeth Seva Nyas. मूल से 8 अक्तूबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि August 29, 2011.

30. https://web.archive.org/web/20190306171159/https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/chitrakoot/111551807170-chitrakoot-news। सूर्यदेव सिंह युवा संसद महोत्सव