वैश्य

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हिंदू धर्म के चार वर्णों में से एक है वैश्य जैसा की हमारे धर्म ग्रंथो में बताया जाता है कि जन्म से नहीं बल्कि कर्म के आधार पर वर्णों को विभाजित किया गया है तो वैसे वह व्यक्ति को माना गया है जो व्यापार कृषि के कार्य साहुकारिता इत्यादि कार्य करते हैं वह वैश्या की श्रेणी में आते हैं कोई भी वर्ण जन्मगत नहीं है परंतु आज के परिवेश में जातिगत धार्मिक मान्यताएं हैं जो कि गलत है

वर्ण

वैश्य हिंदू वर्णाश्रम व्यवस्था के तहत एक वर्ण है।

"शतपथ ब्राह्मण 13.8.3.11" के अनुसार राजन्य, ब्राह्मण व वैश्य के बाद दूसरे क्रम पर आते हैं। शतपथ ब्राह्मण में वर्ण क्रम -ब्राह्मण, वैश्य, राजन्य व शूद्र है। वर्तमान ब्राह्मणवादी परंपरा का क्रम - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र, धर्मशास्त्र काल के बाद स्थिर हो गया।

जाति

वैश्य शब्द के अंतर्गत कई भारतीय जातियाँ आती हैं।[उद्धरण चाहिए]

व्यवसाय (बनिया), कृषि(कुर्मी) , गौ पालन (यादव),