अनुप्रस्थ द्रव्यमान

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अनुप्रस्थ द्रव्यमान कण भौतिकी में उपयोग की जाने वाली एक महत्त्वपूर्ण भौतिक राशी है जिस रूप में यह z दिशा के अनुदिश लोरेन्ट्स अभिवर्धन में निश्चर रहती है। प्राकृत विमा में

जहाँ z-दिशा कीरण पूँज की दिशा में है।
और कीरण पूँज की दिशा के लम्बवत दिशा में संवेग हैं तथा
द्रव्यमान है।

हैड्रोन संघट्ट भौतिक विज्ञानी अनुप्रस्थ द्रव्यमान की अलग परिभाषा का उपयोग करते हैं, किसी कण के द्वि-कण क्षय की स्थिति में:

जहाँ प्रत्येक पुत्री कण की अनुप्रस्थ ऊर्जा है, जो इनके सत्य निश्चर द्रव्यमान की परिभाषा का उपयोग करते हुए परिभाषित की गयी धनात्मक राशी निम्न होगी:

अतः इसी प्रकार,

द्रव्यमान रहित क्षय कणों के लिए, जहाँ , अनुप्रस्थ ऊर्जा साधारण रूप से प्राप्त होती है और अनुप्रस्थ द्रव्यमान निम्न होगा

जहाँ अनुप्रस्थ समतल में पुत्री कणों के मध्य कोण है:

का वितरण, मातृ कण के सत्य द्रव्यमान पर अन्तिम बिन्दु रखता है। इसे टेवाट्रॉन में का द्रव्यमान ज्ञात करने के लिए किया जाता था।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  • जे॰ डी॰ जैक्सन (2008). "शुद्ध गतिविज्ञान (Kinematics)" (PDF). पार्टिकल डाटा ग्रुप. मूल से 25 मई 2013 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 3 जून 2013. - अनुच्छेद 38.5.2 () और 38.6.1 () निश्चर द्रव्यमान के लिए देखें।
  • जे॰ बेरिन्गेर इत्यादि (2012). "कण भौतिकी की समीक्षा (Review of Particle Physics)". पार्टिकल डाटा ग्रुप. मूल से 14 अप्रैल 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2013. - अनुच्छेद 43.5.2 () और 43.6.1 () अनुप्रस्थ द्रव्यमान की परिभाषा के लिए देखें।