ग्रांडी श्रेणी

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गणित में 1 − 1 + 1 − 1 + · · · को निम्न प्रकार भी लिखा जाता है

जिसे ग्रांडी श्रेणी भी कहा जाता है, यह नामकरण इतालवी गणितज्ञ, दार्शनिक और पादरी लुइगी गुइडो ग्रांडी के नाम से किया गया जिन्होंने इसे 1703 में प्रतिपादित किया था। यह एक अपसारी श्रेणी श्रेणी है, अर्थात सामन्य शब्दों में एसका मान प्राप्त नहीं किया जा सकता। दूसरी तरफ इसका सिसैरा योग 1/2 प्राप्त है।

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ये भी देखें[संपादित करें]

टिप्पणी[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  • डेविस, हैरी एफ॰ (1989). Fourier Series and Orthogonal Functions. Dover. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-486-65973-9. नामालूम प्राचल |month= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  • डेल्विन, कैथ (1994). Mathematics, the science of patterns: the search for order in life, mind, and the universe. Scientific American Library. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-7167-6022-3.
  • क्लाइन, मोरिस (1983). "ऑयलर और अनन्त श्रेणी (Euler and Infinite Series)". मैथमेटिक्स मैगज़ीन. 56 (5): 307–314. JSTOR 2690371. डीओआइ:10.2307/2690371. नामालूम प्राचल |month= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  • Knopp, Konrad (1990) [1922]. Theory and Application of Infinite Series. Dover. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-486-66165-2.