जिब्राल्टर में हिन्दू धर्म

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जिब्राल्टर में हिन्दू धर्म के अनुयायी मुख्यतः सिंधी मूल के हैं। जिब्राल्टर औबेरियन प्रायद्वीप और यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार पर स्थित एक स्वशासी ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश है। 6.843 वर्ग किलोमीटर (2.642 वर्ग मील) में फैले इस देश की सीमा उत्तर में स्पेन से मिलती है। जिब्राल्टर ऐतिहासिक रूप से ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रहा है और शाही नौसेना का एक आधार है।[1]

1869 में स्वेज नहर के खुलने के पश्चात सिंध राज्य के हैदराबाद शहर के व्यापारीयों ने जिब्राल्टर के साथ व्यापार शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे भारत और जिब्राल्टर के बीच व्यापार में बढ़ोतरी होती गई परन्तु भारतवासी जिब्राल्टर में आकर नहीं बसे। 1967 में आयोजित हुए जिब्राल्टर संप्रभुता जनमत संग्रह के बाद की घटनाओं के परिणामस्वरूप स्पेन में ब्रिटेन की नागरिकता के साथ रह रहे कई भारतीय मूल के हिन्दुओ ने जिब्राल्टर को अपना घर बना लिया। 1 मार्च 2000 के दिन जिब्राल्टर हिन्दू मंदिर का इंजीनियर्स लेन पर उद्घाटन हुआ तथा यह जिब्राल्टर का एकमात्र हिन्दू मंदिर है।

2004 में स्थानीय वकील हरेश बुधरानी हाउस ऑफ़ असेम्बली में स्पीकर चुने गए तथा बाद में जाकर ये जिब्राल्टर संसद के सबसे पहले स्पीकर बने। 2012 में जिब्राल्टर के महापौर ने जिब्राल्टर के हिन्दू समाज को जिब्राल्टर सिटी हॉल में हिन्दुओ के सबसे बड़े त्योहार दीपावली को मनाने के लिए आमंत्रित किया।

इतिहास[संपादित करें]

जिब्राल्टर हिन्दू मंदिर

सबसे पुराने उपलब्ध प्रमाणों के अनुसार जिब्राल्टर में सबसे पहले किसी हिन्दू ने उन्नीसवी सदी में कदम रखा था। 1869 में स्वेज नहर का उद्घाटन हुआ जिसके एक वर्ष पश्चात भारतीय व्यापारी जिब्राल्टर के साथ कारोबार करने लगे। हालांकि वे लोग यहाँ आकर नहीं बसे। इनमें से ज्यादातर व्यापारी वर्तमान पाकिस्तान के सिंध राज्य के मूल निवासी थे।[2]

1967 में आयोजित हुए जिब्राल्टर संप्रभुता जनमत संग्रह जिब्राल्टेरियन लोगो ने अत्यधिक रूप से ब्रिटेन की संप्रभुता के अंतर्गत रहने का ही निर्णय लिया। जिसके परिणामस्वरूप 1969 में जिब्राल्टर संविधान ऑर्डर पारित किया गया। जिसके जवाब में स्पेन ने जिब्राल्टर के साथ अपनी सीमा पूर्ण रूप से बंद कर दी तथा संचार की सभी कड़ियाँ तोड़ दीं।[3] परिणामस्वरूप स्पेन में ब्रिटिश नागरिकता के साथ रह रहे हिंदुओं ने जिब्राल्टर में पलायन शुरू कर दिया। 1961 में जिब्राल्टर की हिन्दू आबादी केवल 26 थी जो 1970 में बढ़कर 293 तक पहुँच गई।

ज्यादातर जिब्राल्टर के हिन्दू सिंधी मूल के हैं। हिंदुओं ने एकीकृत शिक्षा को अपनाया और धीर-धीरे समाज के अंदर की तयशुदा विवाहों की संख्या में भी गिरावट आ गई।[2] 1 मार्च 2000 के दिन जिब्राल्टर हिन्दू मंदिर का इंजीनियर्स लेन पर उद्घाटन हुआ तथा यह जिब्राल्टर का एकमात्र हिन्दू मंदिर है।[4] मंदिर का आधिकारिक तौर पर उद्घाटन उस समय के जिब्राल्टर के राज्यपाल रिचर्ड लूस, बैरन लूस, ने किया था।[5]

वर्ष 2004 में सिंधी मूल के स्थानीय वकील हरेश बुधरानी हाउस ऑफ़ असेम्बली में स्पीकर चुने गए तथा बाद में जाकर ये जिब्राल्टर संसद के सबसे पहले स्पीकर बने।[6] 2012 में जिब्राल्टर के महापौर ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जिब्राल्टर के हिन्दू समाज को जिब्राल्टर सिटी हॉल में हिन्दुओ के सबसे बड़े त्योहार दीपावली को मनाने के लिए आमंत्रित किया।[7]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Gibraltar". CIA. मूल से 12 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 दिसम्बर 2012.
  2. Archer, Edward G. (2006). Gibraltar, identity and empire. लंदन: Routledge. पृ॰ 45. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780415347969.
  3. Cahoon, Ben (2000). "Gibraltar". WorldStatesmen. मूल से 30 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 दिसम्बर 2012.
  4. "Gibraltar Attractions – Historical Places of Worship". gibraltarinformation.com. मूल से 25 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 दिसम्बर 2012.
  5. User:Toromedia (23 नवम्बर 2012), Gibraltar Hindu Temple inauguration plaque, विकिमीडिया कॉमन्स, अभिगमन तिथि 23 दिसम्बर 2012
  6. "Composition of Parliament". जिब्राल्टर संसद. मूल से 1 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 दिसम्बर 2012.
  7. "Hindu laud Gibraltar Mayor". Bharat Press. नवम्बर 2012. मूल से 18 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 दिसम्बर 2012.