शैलविज्ञान

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ज्वालामुखी की धूल के दानों का सूक्ष्मदर्शी से अध्ययन ; (१) ऊपरी चित्र प्लेन-पोलराइज्ड प्रकाश द्वारा, तथा (२) निचले चित्र में क्रॉस-पोलराइज्ड प्रकाश द्वारा ; स्केल-बॉक्स 0.25 mm का है।

शैलविज्ञान या शैलिकी (Petrology) शैलों का, अर्थात् जिन निश्चित इकाइयों से पृथ्वी न्यूनाधिक निर्मित है उनका, अध्ययन है।

परिचय[संपादित करें]

यद्यपि उल्काओं में हमें पृथ्वी के आभ्यन्तर (Interior) का निर्माण करनेवाले शैलों के सदृश एवं समरूप शैलों के नमूने प्राप्त हो जाते हैं, तो भी जैसा अब तक संभव है, यह अध्ययन पृथ्वी की अभिगम्य पर्पटी (aceessible crust) तक ही सीमित है। इसके अध्ययनक्षेत्र में शैलों की प्राप्ति, आकार, प्रकार, रचना, उत्पत्ति तथा उनका भूतात्विक प्रक्रियाओं एवं इंतिहास से संबंध आ जाते हैं। इस प्रकार शैल विज्ञान भूविज्ञान का आधारभूत भाग है, जिसमें उन सबका अध्ययन है जिनके इतिहास का उद्घाटन करना भूविज्ञान की समस्या है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]