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=== प्राचीन काल में राजस्थान ===
=== प्राचीन काल में राजस्थान ===
[[File:Bhabru inscription.jpg|thumb|The [[Minor Rock Edict]] 3 of Ashoka, found on the platform in front of the [[Bairat Temple]] of [[Viratnagar]], [[Rajasthan]].<ref name=ASI>{{cite book |title=Archaeological Survey Of India Four Reports Made During The Years 1862 - 63 - 64 - 65 Volume Ii |date=1871 |pages=242–248 |url=https://books.google.com/books?id=3s4OAAAAQAAJ |last1=Cunningham |first1=Sir Alexander |access-date=31 October 2023 |archive-date=31 October 2023 |archive-url=https://web.archive.org/web/20231031092627/https://books.google.com/books?id=3s4OAAAAQAAJ |url-status=live }}</ref> ]]
प्राचीन समय में राजस्थान में आदिवासी कबीलों का शासन था। 2500 ईसा पूर्व से पहले राजस्थान बसा हुआ था और उत्तरी राजस्थान में [[सिंधु घाटी सभ्यता]] की नींव रखी थी। भील और मीना जनजाति इस क्षेत्र में रहने के लिए सबसे पहले आए थे। संसार के प्राचीनतम साहित्य में अपना स्थान रखने वाले आर्यों के धर्मग्रंथ [[ऋग्वेद]] में मत्स्य जनपद का उल्लेख आया है, जो कि वर्तमान राजस्थान के स्थान पर अवस्थित था। [[महाभारत]] कथा में भी [[मत्स्य]] नरेश विराट का उल्लेख आता है, जहाँ पांडवों ने अज्ञातवास बिताया था। करीब 13 वी शताब्दी के पूर्व तक पूर्वी राजस्थान और हाड़ौती पर गुर्जर सरदारों [[मीणा]] तथा दक्षिण राजस्थान पर भील राजाओं का शासन था <ref>{{Cite book|url=https://books.google.co.in/books?id=H8cXvR2KEccC&pg=PA62&lpg=PA62&dq=rajasthan+bhil+chief&source=bl&ots=6rjBfyvClu&sig=ACfU3U0YJ0bakEi0zsDpxCheIhFhZpEh1A&hl=hi&sa=X&ved=2ahUKEwiw-Z3i5KnpAhXL4zgGHQ1KAsIQ6AEwBXoECAkQAQ|title=Sustainable Development in Tribal and Backward Areas|last=Kohli|first=Anju|last2=Shah|first2=Farida|last3=Chowdhary|first3=A. P.|date=1997|publisher=Indus Publishing|isbn=978-81-7387-072-9|language=en}}</ref> उसके बाद मध्यकाल में राजपूत जाति के विभिन्न वंशों ने इस राज्य के विविध भागों पर अपना BANAYA, तो उन भागों का नामकरण अपने-अपने वंश, क्षेत्र की प्रमुख बोली अथवा स्थान के अनुरूप कर दिया। ये राज्य थे- [[चित्तौडगढ]], [[उदयपुर]], [[डूंगरपुर]], [[बांसवाड़ा]], [[प्रतापगढ़]], [[जोधपुर]], [[बीकानेर]], [[किशनगढ़]], (जालोर) [[सिरोही]], [[कोटा]], [[बूंदी]], [[जयपुर]], [[अलवर]], [[करौली]], [[झालावाड़]] , [[मेरवाड़ा]] और [[टोंक]](मुस्लिम पिण्डारी) राजा [[महाराणा प्रताप]]<nowiki/>और [[महाराणा सांगा]],[[महाराजा सूरजमल]], [[महाराजा जवाहर सिंह]], [[तेजाजी|वीर तेजाजी]] अपनी असाधारण राज्यभक्ति और शौर्य के लिये जाने जाते है। [[पन्ना धाय]] जैसी बलिदानी माता, [[मीरां]] जैसी जोगिन यहां की एक बड़ी शान है।[[कर्मा बाई]] जैसी भक्तणी जिसने भगवान जगन नाथ जी को हाथों से खीचड़ा (खिचड़ी) खिलाया था। इन राज्यों के नामों के साथ-साथ इनके कुछ भू-भागों को स्थानीय एवं भौगोलिक विशेषताओं के परिचायक नामों से भी पुकारा जाता रहा है। पर तथ्य यह है कि राजस्थान के अधिकांश तत्कालीन क्षेत्रों के नाम वहां बोली जाने वाली प्रमुखतम बोलियों पर ही रखे गए थे। उदाहरणार्थ ढ़ूंढ़ाडी-बोली के इलाकों को [[ढ़ूंढ़ाड़]] (जयपुर) कहते हैं। 'मेवाती' बोली वाले निकटवर्ती भू-भाग अलवर को '[[मेवात]]', उदयपुर क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली 'मेवाड़ी' के कारण उदयपुर को [[मेवाड़]], ब्रजभाषा-बाहुल्य क्षेत्र को 'ब्रज', 'मारवाड़ी' बोली के कारण बीकानेर-जोधपुर इलाके को 'मारवाड़' और 'वागडी' बोली पर ही डूंगरपुर-बांसवाडा आदि को 'वागड' कहा जाता रहा है। [[डूंगरपुर]] तथा [[उदयपुर]] के दक्षिणी भाग में प्राचीन 56 गांवों के समूह को "छप्पन" नाम से जानते हैं। [[माही नदी]] के तटीय भू-भाग को 'कोयल' तथा [[अजमेर-मेरवाड़ा]] के पास वाले कुछ पठारी भाग को 'उपरमाल' की संज्ञा दी गई है।<ref name=":0">गोपीनाथ शर्मा / 'Social Life in Medivial Rajasthan' / पृष्ठ ३</ref> जरगा और रागा के पहाड़ी भाग हमेशा हरे भरे रहते हैं इसलिए इसे देशहरो कहते है। <ref name=":1">{{Cite book|title=राजस्थान का इतिहास|last=शर्मा|first=गोपीनाथ|publisher=शिवलाल अग्रवाल एंड कम्पनी|year=1971|location=आगरा|pages=7}}</ref>
प्राचीन समय में राजस्थान में आदिवासी कबीलों का शासन था। 2500 ईसा पूर्व से पहले राजस्थान बसा हुआ था और उत्तरी राजस्थान में [[सिंधु घाटी सभ्यता]] की नींव रखी थी। भील और मीना जनजाति इस क्षेत्र में रहने के लिए सबसे पहले आए थे। संसार के प्राचीनतम साहित्य में अपना स्थान रखने वाले आर्यों के धर्मग्रंथ [[ऋग्वेद]] में मत्स्य जनपद का उल्लेख आया है, जो कि वर्तमान राजस्थान के स्थान पर अवस्थित था। [[महाभारत]] कथा में भी [[मत्स्य]] नरेश विराट का उल्लेख आता है, जहाँ पांडवों ने अज्ञातवास बिताया था। करीब 13 वी शताब्दी के पूर्व तक पूर्वी राजस्थान और हाड़ौती पर गुर्जर सरदारों [[मीणा]] तथा दक्षिण राजस्थान पर भील राजाओं का शासन था <ref>{{Cite book|url=https://books.google.co.in/books?id=H8cXvR2KEccC&pg=PA62&lpg=PA62&dq=rajasthan+bhil+chief&source=bl&ots=6rjBfyvClu&sig=ACfU3U0YJ0bakEi0zsDpxCheIhFhZpEh1A&hl=hi&sa=X&ved=2ahUKEwiw-Z3i5KnpAhXL4zgGHQ1KAsIQ6AEwBXoECAkQAQ|title=Sustainable Development in Tribal and Backward Areas|last=Kohli|first=Anju|last2=Shah|first2=Farida|last3=Chowdhary|first3=A. P.|date=1997|publisher=Indus Publishing|isbn=978-81-7387-072-9|language=en}}</ref> उसके बाद मध्यकाल में राजपूत जाति के विभिन्न वंशों ने इस राज्य के विविध भागों पर अपना BANAYA, तो उन भागों का नामकरण अपने-अपने वंश, क्षेत्र की प्रमुख बोली अथवा स्थान के अनुरूप कर दिया। ये राज्य थे- [[चित्तौडगढ]], [[उदयपुर]], [[डूंगरपुर]], [[बांसवाड़ा]], [[प्रतापगढ़]], [[जोधपुर]], [[बीकानेर]], [[किशनगढ़]], (जालोर) [[सिरोही]], [[कोटा]], [[बूंदी]], [[जयपुर]], [[अलवर]], [[करौली]], [[झालावाड़]] , [[मेरवाड़ा]] और [[टोंक]](मुस्लिम पिण्डारी) राजा [[महाराणा प्रताप]]<nowiki/>और [[महाराणा सांगा]],[[महाराजा सूरजमल]], [[महाराजा जवाहर सिंह]], [[तेजाजी|वीर तेजाजी]] अपनी असाधारण राज्यभक्ति और शौर्य के लिये जाने जाते है। [[पन्ना धाय]] जैसी बलिदानी माता, [[मीरां]] जैसी जोगिन यहां की एक बड़ी शान है।[[कर्मा बाई]] जैसी भक्तणी जिसने भगवान जगन नाथ जी को हाथों से खीचड़ा (खिचड़ी) खिलाया था। इन राज्यों के नामों के साथ-साथ इनके कुछ भू-भागों को स्थानीय एवं भौगोलिक विशेषताओं के परिचायक नामों से भी पुकारा जाता रहा है। पर तथ्य यह है कि राजस्थान के अधिकांश तत्कालीन क्षेत्रों के नाम वहां बोली जाने वाली प्रमुखतम बोलियों पर ही रखे गए थे। उदाहरणार्थ ढ़ूंढ़ाडी-बोली के इलाकों को [[ढ़ूंढ़ाड़]] (जयपुर) कहते हैं। 'मेवाती' बोली वाले निकटवर्ती भू-भाग अलवर को '[[मेवात]]', उदयपुर क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली 'मेवाड़ी' के कारण उदयपुर को [[मेवाड़]], ब्रजभाषा-बाहुल्य क्षेत्र को 'ब्रज', 'मारवाड़ी' बोली के कारण बीकानेर-जोधपुर इलाके को 'मारवाड़' और 'वागडी' बोली पर ही डूंगरपुर-बांसवाडा आदि को 'वागड' कहा जाता रहा है। [[डूंगरपुर]] तथा [[उदयपुर]] के दक्षिणी भाग में प्राचीन 56 गांवों के समूह को "छप्पन" नाम से जानते हैं। [[माही नदी]] के तटीय भू-भाग को 'कोयल' तथा [[अजमेर-मेरवाड़ा]] के पास वाले कुछ पठारी भाग को 'उपरमाल' की संज्ञा दी गई है।<ref name=":0">गोपीनाथ शर्मा / 'Social Life in Medivial Rajasthan' / पृष्ठ ३</ref> जरगा और रागा के पहाड़ी भाग हमेशा हरे भरे रहते हैं इसलिए इसे देशहरो कहते है। <ref name=":1">{{Cite book|title=राजस्थान का इतिहास|last=शर्मा|first=गोपीनाथ|publisher=शिवलाल अग्रवाल एंड कम्पनी|year=1971|location=आगरा|pages=7}}</ref>


कार्य के प्राचल

प्राचलमूल्य
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'{{Infobox settlement | name = राजस्थान | type [[भारत का राज्य|राज्य]] | image_seal = | image_map = IN-RJ.svg | map_caption = भारत में राजस्थान का स्थान | image_map1 = | image_skyline = {{Photomontage | photo1a = Thar Khuri.jpg | photo2a = Baroli temple.jpg | photo2b = JodhpurIndia.jpg | photo3a = Jantar Mantar at Jaipur.jpg | photo4a = Amber palace, Jaipur.jpg | spacing = 1 | color_border = white | color = white | size = 260 | foot_montage = ''ऊपर से, बाएँ से दाएँ:'' [[थार मरुस्थल]], घाटेश्वर मंदिर, [[जोधपुर]], [[जन्तर मन्तर (जयपुर)|जंतर मंतर]], [[आमेर दुर्ग|आंबेर का किला]] }}<hr/h>[[File:Emblem Rajasthan.png|thumb|150px|center|[[भारत का राजकीय प्रतीक|प्रतीक]]]] | image_caption = | map_caption1 = | coor_pinpoint = [[जयपुर]] | coordinates = {{coord|26.6|73.8|region:IN-RJ_type:adm1st|display=inline,title}} | coordinates_footnotes = | subdivision_name = {{flag|भारत}} | subdivision_type = देश | established_date = 30 मार्च 1949 | established_title = गठन | parts_type = [[भारत के ज़िले|जिले]] | parts_style = [[राजस्थान के जिले|५०]] | seat = [[जयपुर]] | seat_type = राजधानी | government_footnotes = | governing_body = {{nowrap|[[राजस्थान सरकार]]}} | leader_title = [[राजस्थान के राज्यपालों की सूची|राज्यपाल]] | leader_name = [[कलराज मिश्र|कलराज मिश्रा]]<ref>{{cite news |last1=PTI |title=Kalraj Mishra is new governor of Rajasthan, Arif Mohd Khan gets Kerala {{!}} India News - Times of India |url=https://timesofindia.indiatimes.com/india/kalraj-mishra-is-new-governor-of-rajasthan-arif-mohd-khan-gets-kerala/articleshow/70932116.cms |access-date=1 September 2019 |work=The Times of India |date=1 September 2019 |language=en}}</ref> | leader_title1 = [[राजस्थान के मुख्यमंत्रियों की सूची|मुख्यमंत्री]] | leader_name1 = श्री भजन लाल शर्मा (भाजपा) | leader_title2 = उप मुख्यमंत्री | leader_name2 = सुश्री दिया कुमारी (भाजपा) <br/> श्री प्रेमचद्र बैरवा (भाजपा) | leader_title3 = [[चौदहवीं लोकसभा|संसदीय क्षेत्र]] | leader_name3 = [[राज्य सभा]] (10 सीटें)<br />[[लोक सभा]] (25 सीटें) | leader_title4 = [[भारत के उच्च न्यायालयों की सूची|उच्च न्यायालय]] | leader_name4 = [[राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर]] | unit_pref = Metric <!--or US or UK--> | area_total_km2 = 342239 | area_rank = [[क्षेत्रफल के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र|प्रथम ]] | area_note = | area_footnotes = | elevation_m = | elevation_footnotes = | population_total = 6,85,48,437<!--DON'T CHANGE THESE FIGURES. 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राजस्थान"<ref>{{Cite book|title=राजस्थान अध्ययन|last=सक्सेना|first=हरमोहन|publisher=राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल जयपुर|year=2014|location=जयपुर|pages=3}}</ref> में इस राज्य का नाम रायथान या राजस्थान रखा। यहां मुख्य राजपूत जाति के लोग है इस राज्य की एक अंतरराष्ट्रीय सीमा [[पाकिस्तान]] के साथ 1070 km जिसे रेड क्लिफ रेखा के नाम से जानते है, तथा 4850 km अंतर्राज्यीय सीमा जो देश के अन्य पाँच राज्यों से भी जुड़ा है।इसके दक्षिण-पश्चिम में [[गुजरात]]<ref>{{Cite book|title=Madan|last=Jat|first=Madan|last2=Jat|publisher=Jat|year=2018|isbn=|location=|pages=|language=}}</ref>, दक्षिण-पूर्व में [[मध्यप्रदेश]], उत्तर में [[पंजाब (भारत)]], उत्तर-पूर्व में [[उत्तरप्रदेश]] और [[हरियाणा]] है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132140 वर्ग मील) है। 2011 गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.1 % हैं। राज्य की [[राजधानी]] जयपुर हैं। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में [[थार]] मरुस्थल और [[घग्गर]] नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, [[माउंट आबू]] और विश्वविख्यात [[देलवाड़ा मंदिर]] सम्मिलित करती है। राजस्थान में तीन(रामगढ़ विषधारी के जुड़ने के बाद चार )बाघ अभयारण्य, मुकंदरा हिल्स<ref name="मुकंदरा हिल्स नेशनल पार्क"[[रणथम्भौर राष्ट्रीय अभयारण्य|रणथम्भौर]] एवं [[सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान|सरिस्का]] हैं और [[भरतपुर]] के समीप [[केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान]] है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। राजस्थान का सबसे नया संभाग भरतपुर है। राजस्थान का सबसे छोटा जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से [[दुदू]] है, धौलपुर का क्षेत्रफल [https://www.examraftaar.com/2023/05/rajasthan-ka-parichay.html 3034 वर्ग किमी] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20230526092028/https://www.examraftaar.com/2023/05/rajasthan-ka-parichay.html |date=26 मई 2023 }} है ।और सबसे बड़ा जिला जैसलमेर हैं। जिसका क्षेत्रफल [https://www.examraftaar.com/2023/05/rajasthan-ka-parichay.html 38401 वर्ग] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20230526092028/https://www.examraftaar.com/2023/05/rajasthan-ka-parichay.html |date=26 मई 2023 }} किमी. है ।भारत का सबसे गर्म स्थान फलोदी जोधपुर है । फलोदी में सौर ऊर्जा संयंत्र बहुत ज्यादा स्थापित हो रहे है । वर्तमान में राजस्थान में 50 जिले और 10 संभाग बनाएं गए है । <ref>{{Cite news |last=Bureau |first=The Hindu |date=2023-03-17 |title=Ahead of Assembly polls, Gehlot announces formation of 19 new districts in Rajasthan |language=en-IN |work=The Hindu |url=https://www.thehindu.com/news/national/other-states/ahead-of-assembly-polls-gehlot-announces-formation-of-19-new-districts-in-rajasthan/article66632231.ece |access-date=2023-03-17 |issn=0971-751X |archive-date=17 March 2023 |archive-url=https://web.archive.org/web/20230317180332/https://www.thehindu.com/news/national/other-states/ahead-of-assembly-polls-gehlot-announces-formation-of-19-new-districts-in-rajasthan/article66632231.ece |url-status=live }}</ref> राजस्थान में भरतपुर जिले से डीग तहसील को जिला बनाया गया ,अब डीग जिला राजस्थान का नया जिला होगा और भी [https://usatodays.info/rajasthan-ka-samanya-parichay/ नए जिले बनाए गए] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20240127113344/https://usatodays.info/rajasthan-ka-samanya-parichay/ |date=27 जनवरी 2024 }} । == इतिहास == {{मुख्य|राजस्थान का इतिहास}} === प्राचीन काल में राजस्थान === प्राचीन समय में राजस्थान में आदिवासी कबीलों का शासन था। 2500 ईसा पूर्व से पहले राजस्थान बसा हुआ था और उत्तरी राजस्थान में [[सिंधु घाटी सभ्यता]] की नींव रखी थी। भील और मीना जनजाति इस क्षेत्र में रहने के लिए सबसे पहले आए थे। संसार के प्राचीनतम साहित्य में अपना स्थान रखने वाले आर्यों के धर्मग्रंथ [[ऋग्वेद]] में मत्स्य जनपद का उल्लेख आया है, जो कि वर्तमान राजस्थान के स्थान पर अवस्थित था। [[महाभारत]] कथा में भी [[मत्स्य]] नरेश विराट का उल्लेख आता है, जहाँ पांडवों ने अज्ञातवास बिताया था। करीब 13 वी शताब्दी के पूर्व तक पूर्वी राजस्थान और हाड़ौती पर गुर्जर सरदारों [[मीणा]] तथा दक्षिण राजस्थान पर भील राजाओं का शासन था <ref>{{Cite book|url=https://books.google.co.in/books?id=H8cXvR2KEccC&pg=PA62&lpg=PA62&dq=rajasthan+bhil+chief&source=bl&ots=6rjBfyvClu&sig=ACfU3U0YJ0bakEi0zsDpxCheIhFhZpEh1A&hl=hi&sa=X&ved=2ahUKEwiw-Z3i5KnpAhXL4zgGHQ1KAsIQ6AEwBXoECAkQAQ|title=Sustainable Development in Tribal and Backward Areas|last=Kohli|first=Anju|last2=Shah|first2=Farida|last3=Chowdhary|first3=A. P.|date=1997|publisher=Indus Publishing|isbn=978-81-7387-072-9|language=en}}</ref> उसके बाद मध्यकाल में राजपूत जाति के विभिन्न वंशों ने इस राज्य के विविध भागों पर अपना BANAYA, तो उन भागों का नामकरण अपने-अपने वंश, क्षेत्र की प्रमुख बोली अथवा स्थान के अनुरूप कर दिया। ये राज्य थे- [[चित्तौडगढ]], [[उदयपुर]], [[डूंगरपुर]], [[बांसवाड़ा]], [[प्रतापगढ़]], [[जोधपुर]], [[बीकानेर]], [[किशनगढ़]], (जालोर) [[सिरोही]], [[कोटा]], [[बूंदी]], [[जयपुर]], [[अलवर]], [[करौली]], [[झालावाड़]] , [[मेरवाड़ा]] और [[टोंक]](मुस्लिम पिण्डारी) राजा [[महाराणा प्रताप]]<nowiki/>और [[महाराणा सांगा]],[[महाराजा सूरजमल]], [[महाराजा जवाहर सिंह]], [[तेजाजी|वीर तेजाजी]] अपनी असाधारण राज्यभक्ति और शौर्य के लिये जाने जाते है। [[पन्ना धाय]] जैसी बलिदानी माता, [[मीरां]] जैसी जोगिन यहां की एक बड़ी शान है।[[कर्मा बाई]] जैसी भक्तणी जिसने भगवान जगन नाथ जी को हाथों से खीचड़ा (खिचड़ी) खिलाया था। इन राज्यों के नामों के साथ-साथ इनके कुछ भू-भागों को स्थानीय एवं भौगोलिक विशेषताओं के परिचायक नामों से भी पुकारा जाता रहा है। पर तथ्य यह है कि राजस्थान के अधिकांश तत्कालीन क्षेत्रों के नाम वहां बोली जाने वाली प्रमुखतम बोलियों पर ही रखे गए थे। उदाहरणार्थ ढ़ूंढ़ाडी-बोली के इलाकों को [[ढ़ूंढ़ाड़]] (जयपुर) कहते हैं। 'मेवाती' बोली वाले निकटवर्ती भू-भाग अलवर को '[[मेवात]]', उदयपुर क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली 'मेवाड़ी' के कारण उदयपुर को [[मेवाड़]], ब्रजभाषा-बाहुल्य क्षेत्र को 'ब्रज', 'मारवाड़ी' बोली के कारण बीकानेर-जोधपुर इलाके को 'मारवाड़' और 'वागडी' बोली पर ही डूंगरपुर-बांसवाडा आदि को 'वागड' कहा जाता रहा है। [[डूंगरपुर]] तथा [[उदयपुर]] के दक्षिणी भाग में प्राचीन 56 गांवों के समूह को "छप्पन" नाम से जानते हैं। [[माही नदी]] के तटीय भू-भाग को 'कोयल' तथा [[अजमेर-मेरवाड़ा]] के पास वाले कुछ पठारी भाग को 'उपरमाल' की संज्ञा दी गई है।<ref name=":0">गोपीनाथ शर्मा / 'Social Life in Medivial Rajasthan' / पृष्ठ ३</ref> जरगा और रागा के पहाड़ी भाग हमेशा हरे भरे रहते हैं इसलिए इसे देशहरो कहते है। <ref name=":1">{{Cite book|title=राजस्थान का इतिहास|last=शर्मा|first=गोपीनाथ|publisher=शिवलाल अग्रवाल एंड कम्पनी|year=1971|location=आगरा|pages=7}}</ref> ===राजस्थान का एकीकरण=== राजस्थान भारत का एक महत्वपूर्ण प्रांत है। यह 15 मार्च 1949 को भारत का एक ऐसा प्रांत बना, जिसमें तत्कालीन राजपूताना की ताकतवर रियासतें विलीन हुईं। राजस्थान के एकीकरण के समय राजस्थान में 19 रियासतें व तीन ठिकाने लावा नीमराणा व कुशलगढ़ थे इसमें से 16 क्षत्रियों (राजपूतों)शासकों की व टोंक [[मुसलमान|मुस्लिम]] रियासत थी। भरतपुर और धौलपुर के जाट शासक ने भी अपनी रियासत के विलय राजस्थान में किया था। राजस्थान शब्द का अर्थ है: 'राजाओं का स्थान' राजाओं से रक्षित भूमि थी। इस कारण इसे राजस्थान कहा गया था। भारत के संवैधानिक-इतिहास में राजस्थान का निर्माण एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। ब्रिटिश शासकों द्वारा भारत को आजाद करने की घोषणा करने के बाद जब सत्ता-हस्तांतरण की कार्यवाही शुरू की, तभी लग गया था कि आजाद भारत का राजस्थान प्रांत बनना तत्कालीन हिस्से का भारत में विलय एक दूभर कार्य साबित हो सकता है। आजादी की घोषणा के साथ ही देशी रियासतों के मुखियाओं में स्वतंत्र राज्य में भी अपनी सत्ता बरकरार रखने की होड़ सी मच गयी थी, उस समय वर्तमान राजस्थान की भौगालिक स्थिति के नज़रिए से देखें तो इस भूभाग में कुल बाईस देशी रियासतें थी। इनमें एक रियासत अजमेर-मेरवाडा प्रांत को छोड़ कर शेष देशी रियासतों पर देशी राजा महाराजाओं का ही राज था। अजमेर-मेरवाडा प्रांत पर ब्रिटिश शासकों का कब्जा था; इस कारण यह तो सीधे ही स्वतंत्र भारत में आ जाती, मगर शेष इक्कीस रियासतों का विलय होना यानि एकीकरण कर 'राजस्थान' नामक प्रांत बनाया जाना था। सत्ता की होड़ के चलते यह बड़ा ही दूभर लग रहा था, क्योंकि इन देशी रियासतों के शासक अपनी रियासतों के स्वतंत्र भारत में विलय को दूसरी प्राथमिकता के रूप में देख रहे थे। उनकी मांग थी कि वे सालों से खुद अपने राज्यों का शासन चलाते आ रहे हैं, उन्हें इसका दीर्घकालीन अनुभव है, इस कारण उनकी रियासत को 'स्वतंत्र राज्य' का दर्जा दे दिया जाए। करीब एक दशक की ऊहापोह के बीच 18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में एक नवंबर 1956 को पूरी हुई। जिसमे राजस्थान में 26 जिले सम्मिलित थे इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री [[सरदार वल्लभ भाई पटेल]] और उनके सचिव [[वी॰ पी॰ मेनन]] की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। इनकी सूझबूझ से ही राजस्थान के वर्तमान स्वरुप का निर्माण हो सका। राजस्थान में कुल 21 राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं। == भूगोल एवं राजस्थान का क्लिक करने योग्य मानचित्र == {{राजस्थान राज्य}} राजस्थान की आकृति लगभग पतंगाकार है। राज्य २३ ३ से ३० १२ अक्षांश और ६९ ३० से ७८ १७ देशान्तर के बीच स्थित है। इसके उत्तर में पाकिस्तान, पंजाब और हरियाणा, दक्षिण में मध्यप्रदेश और गुजरात, पूर्व में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश एवं पश्चिम में पाकिस्तान हैं। सिरोही से अलवर की ओर जाती हुई ४८० कि॰मी॰ लम्बी [[अरावली]] पर्वत शृंखला प्राकृतिक दृष्टि से राज्य को दो भागों में विभाजित करती है। राजस्थान का पूर्वी सम्भाग शुरू से ही उपजाऊ रहा है। इस भाग में वर्षा का औसत ५० से.मी. से ९० से.मी. तक है। राजस्थान के निर्माण के पश्चात् चम्बल और माही नदी पर बड़े-बड़े बांध और विद्युत गृह बने हैं, जिनसे राजस्थान को सिंचाई और बिजली की सुविधाएं उपलब्ध हुई है। अन्य नदियों पर भी मध्यम श्रेणी के बांध बने हैं, जिनसे हजारों हैक्टर सिंचाई होती है। इस भाग में ताम्बा, जस्ता, अभ्रक, पन्ना, घीया पत्थर और अन्य खनिज पदार्थों के विशाल भण्डार पाये जाते हैं। राज्य का पश्चिमी भाग देश के सबसे बड़े रेगिस्तान "थार" या 'थारपाकर' का भाग है। इस भाग में वर्षा का औसत १२ से.मी. से ३० से.मी. तक है। इस भाग में लूनी, बांड़ी आदि नदियां हैं, जो वर्षा के कुछ दिनों को छोड़कर प्राय: सूखी रहती हैं। देश की स्वतंत्रता से पूर्व बीकानेर राज्य गंगानहर द्वारा पंजाब की नदियों से पानी प्राप्त करता था। स्वतंत्रता के बाद राजस्थान इंडस बेसिन से रावी और व्यास नदियों से ५२.६ प्रतिशत पानी का भागीदार बन गया। उक्त नदियों का पानी राजस्थान में लाने के लिए सन् १९५८ में 'राजस्थान नहर' (अब [[इंदिरा गांधी नहर]]) की विशाल परियोजना शुरू की गई। जोधपुर, बीकानेर, चूरू एवं बाड़मेर जिलों के नगर और कई गांवों को नहर से विभिन्न लिफ्ट परियोजनाओं से पहुंचाये गये पीने का पानी उपलब्ध होगा। खारी नदी उदयपुर और अजमेर मेरवाङा की सीमा रेखा थी। पश्चिमी राजस्थान यानी मारवाड़ को मरूकान्इतर भी कहा जाता है। <ref name=":0" />इस प्रकार राजस्थान के रेगिस्तान का एक बड़ा भाग अन्तत: शस्य श्यामला भूमि में बदल जायेगा। सूरतगढ़ जैसे कई इलाको में यह नजारा देखा जा सकता है। गंगा बेसिन की नदियों पर बनाई जाने वाली जल-विद्युत योजनाओं में भी राजस्थान भी भागीदार है। इसे इस समय भाखरा-नांगल और अन्य योजनाओं के कृषि एवं औद्योगिक विकास में भरपूर सहायता मिलती है। राजस्थान नहर परियोजना के अलावा इस भाग में जवाई नदी पर निर्मित एक बांध है, जिससे न केवल विस्तृत क्षेत्र में सिंचाई होती है, वरन् जोधपुर नगर को पेयजल भी प्राप्त होता है। यह सम्भाग अभी तक औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। पर उम्मीद है, इस क्षेत्र में ज्यो-ज्यों बिजली और पानी की सुविधाएं बढ़ती जायेंगी औद्योगिक विकास भी गति पकड़ लेगा। इस बाग में [[लिग्नाइट]], फुलर्सअर्थ, [[टंगस्टन]], बैण्टोनाइट, [[जिप्सम]], [[संगमरमर]] आदि खनिज प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। [[बाड़मेर]] क्षेत्र में सिलिसियस अर्थ और कच्चा तेल के भंडार प्रचुर मात्रा में हैं। हाल ही की खुदाई से पता चला है कि इस क्षेत्र में उच्च किस्म की प्राकृतिक गैस भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। अब वह दिन दूर नहीं, जबकि राजस्थान का यह भाग भी समृद्धिशाली बन जाएगा। राज्य का क्षेत्रफल ३.४२ लाख वर्ग कि.मी है जो भारत के कुल क्षेत्रफल का १०.४० प्रतिशत है। यह भारत का सबसे बड़ा राज्य है। वर्ष १९९६-९७ में राज्य में गांवों की संख्या ३७८८९ और नगरों तथा कस्बों की संख्या २२२ थी। राज्य में ३३ जिला परिषदें, २३५ पंचायत समितियां और ९१२५ ग्राम पंचायतें हैं। नगर निगम ४ और सभी श्रेणी की नगरपालिकाएं १८० हैं। सन् १९९१ की जनगणना के अनुसार राज्य की जनसंख्या ४.३९ करोड़ थी। जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग कि॰मी॰ १२६ है। इसमें पुरुषों की संख्या २.३० करोड़ और महिलाओं की संख्या २.०९ करोड़ थी। राज्य में दशक वृद्धि दर २८.४४ प्रतिशत थी, जबकि भारत में यह औसत दर २३.५६ प्रतिशत थी। राज्य में साक्षरता ३८.८१ प्रतिशत थी। जबकि भारत की साक्षरता तो केवल २०.८ प्रतिशत थी जो देश के अन्य राज्यों में सबसे कम थी। राज्य में [[अनुसूचित जाति]] एवं अनुसूचित जनजाति राज्य की कुल जनसंख्या का क्रमश: १७.२९ प्रतिशत और १२.४४ प्रतिशत है। ==राजस्थान की जलवायु== राजस्थान की जलवायु शुष्क से उप-आर्द्र मानसूनी जलवायु है। अरावली के पश्चिम में न्यून वर्षा, उच्च दैनिक एवं वार्षिक तापान्तर, निम्न आर्द्रता तथा तीव्र हवाओं युक्त शुष्क जलवायु है। दूसरी ओर अरावली के पूर्व में अर्धशुष्क एवं उप-आर्द्र जलवायु है। अक्षांशीय स्थिति, समुद्र से दूरी, समुद्र तल से ऊंचाई, अरावली पर्वत श्रेणियों की स्थिति एवं दिशा, वनस्पति आवरण आदि सभी यहाँ की जलवायु को प्रभावित करते हैं। राजस्थान के प्रथम व्यक्तित्व:- # राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री : हीरा लाल शास्त्री (30 मार्च 1948 से 5 जनवरी 1951 तक # राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री : टीकाराम पालीवाल (3 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1952 तक) राजस्थान के चौथे मुख्यमंत्री # राजस्थान के प्रथम राज्यपाल : [[गुरुमुख निहाल सिंह|श्री गुरुमुख निहाल सिंह]] (1 नवंबर 1956 से 16 अप्रैल 1962 तक) # राजस्थान के प्रथम मुख्य न्यायाधीश : कमलकांत वर्मा # राजस्थान के प्रथम सबसे युवा सांसद: सचिन पायलट # राजस्थान के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष : नरोत्तम जोशी # राजस्थान के प्रथम पुलिस महानिरीक्षक (IGP) : के. बनर्जी # राजस्थान के प्रथम पुलिस महानिदेशक (DGP) : रघुनाथ सिंह # राजस्थान की प्रथम महिला मुख्यमंत्री : [[वसुन्धरा राजे सिंधिया|वसुन्धरा राजे]] (8 दिसम्बर 2003 से 11 दिसम्बर 2008 तक) # राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल : [[प्रतिभा देवीसिंह पाटिल|प्रतिभा पाटिल]] (8 नवंबर 2004 से 21 जून 2007 तक) # राजस्थान की प्रथम महिला विधानसभा अध्यक्ष: सुमित्रा सिंह == शिक्षण संस्थान == # [[राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर]] # राजस्थान वि. वि जयपुर # [[राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय]] # [[राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय]] # [[जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय]], [[जोधपुर]] # [[मोदी प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान संस्थान]], [[लक्ष्मणगढ़]],[[सीकर जिला]] (मानद विश्‍वविद्यालय) # [[वनस्थली विद्यापीठ]] (मानद विश्‍वविद्यालय),(निवाई) टोंक # [[राजस्थान विद्यापीठ]] (मानद विश्‍वविद्यालय), उदयपुर # [[बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी]] (मानद विश्‍वविद्यालय), # आई. आई. एस. विश्‍वविद्यालय (मानद विश्‍वविद्यालय) # एलएनएम सूचना प्रौद्योगिकी संस्‍थान (मानद विश्‍वविद्यालय) # मालवीय राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (मानद विश्‍वविद्यालय) जयपुर # [[मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय]] उदयपुर # राष्‍ट्रीय विधि विश्‍वविद्यालय, जोधपुर # राजस्‍थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर # [[राजस्‍थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय]] # [[राजस्‍थान संस्‍कृत विश्वविद्यालय]] जयपुर # [[बीकानेर विश्वविद्यालय, बीकानेर]] # [[कोटा विश्वविद्यालय]] कोटा # [[वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय]] कोटा # महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर<!-- यह विश्वविध्यालय अजमेर में उपस्थित है --> # [[मौलाना अबुल कलाम आजाद विश्वविद्यालय]] जोधपुर # [[पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय|शेखावाटी विश्वविद्यालय]] सीकर ==राजस्थान की महत्वपूर्ण कला-संस्कृति इकाइयां== मुख्य लेख : [[राजस्थान की महत्वपूर्ण कला-संस्कृति इकाइयां]] [[File:Rajasthani Artists.jpg|500px|centre| राजस्थानी कलाकार]] आरटीडीसी - [[राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड]] राजस्थान की सभी पर्यटन सम्बंधित जानकारी एवं सेवा उपलब्धि कराती है | पूरे [[भारत]] वर्ष में सबसे ज्यादा पह्माणे में विदेशी पर्यटन सिर्फ [[राजस्थान]] आते है जो की भारत देश की [[संस्कृति]], [[कला]] , [[वेश भूषा]] , आस्था का रूप है | राजस्थान पर्यटन विभाग राजस्थान के सभी प्रसिद्द राज महल, मंदिर, लोक कला, टाइगर रिसॉर्ट्स , होटल्स जैसी सभी सेवाएं पर्यटकों को उपलब्ध कराती है । चन्द्रशेखर के सुर्जनचरित्र से चौहान वंश के इतिहास पर प्रकाश डाला गया है। ब्रह्मगुप्त ने ध्यान गृह की रचना थी। अलउतबी के तारीखएयामिनी,मिनहाज उस सिराज के तबकात ए नासिरी मे यमन -राजपूत संघर्ष का वर्णन है। <ref name=":1" /> == राजस्थान के प्रसिद्ध स्थल == ===[[जयपुर]]=== [[File:Hawa Mahal east facade (14-07-2022).jpg|thumb|[[हवामहल]],[[जयपुर]].]] # जयपुर <ref>http://hindi.mapsofindia.com/rajasthan/jaipur/places-of-interest/ {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20160919164844/http://hindi.mapsofindia.com/rajasthan/jaipur/places-of-interest/ |date=19 सितंबर 2016 }} जयपुर के दर्शनीय स्थल</ref> इसके भव्य किलों, महलों और सुंदर झीलों के लिए प्रसिद्ध है, जो विश्वभर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। # चन्द्रमहल (सिटी पैलेस) [[महाराजा जयसिंह]] (द्वितीय) द्वारा बनवाया गया था और [[मुगल]] और राजस्थानी स्थापत्य का एक संयोजन है। # महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने [[हवामहल]] 1799 ई. में बनवाया जिसके वास्तुकार लालचन्द उस्ता थे। # [[आमेर]] [[दुर्ग]] में महलों, विशाल कक्षों, स्तंभदार दर्शक-दीर्घाओं, बगीचों और मंदिरों सहित कई भवन-समूह हैं। # [[आमेर]] महल मुगल और हिन्दू स्थापत्य शैलियों के मिश्रण का उत्कृष्ट उदाहरण है। # एल्बर्ट हॉल नामक म्यूजियम 1876 में, प्रिंस ऑफ वेल्स के जयपुर आगमन पर सवाई रामसिंह द्वारा बनवाया गया था और 1886 में जनता के लिए खोला गया। # गवर्नमेंट सेन्ट्रल म्यूजियम में हाथीदांत कृतियों, वस्त्रों, आभूषणों, नक्काशीदार काष्ठ कृतियों, लघुचित्रों, संगमरमर प्रतिमाओं, शस्त्रों और हथियारों का समृद्ध संग्रह है। # [[सवाई जयसिंह]] (द्वितीय) ने अपनी सिसोदिया रानी के निवास के लिए '[[सिसोदिया रानी बाग|सिसोदिया रानी का बाग]]' भी बनवाया। # [[जलमहल]], शाही बत्तख-शिकार के लिए बनाया गया मानसागर [[झील]] के बीच स्थित एक [[महल]] है। # '[[कनक वृंदावन]]' अपने प्राचीन गोविन्देव विग्रह के लिए प्रसिद्ध जयपुर में एक लोकप्रिय मंदिर-समूह है। # जयपुर के बाजार जीवंत हैं और दुकानें रंग बिरंगे सामानों से भरी है, जिसमें हथकरघा-उत्पाद, बहुमूल्य रत्नाभूषण, वस्त्र, मीनाकारी-सामान, राजस्थानी चित्र आदि शामिल हैं। # जयपुर [[संगमरमर]] की प्रतिमाओं, [[ब्लू पॉटरी]] और राजस्थानी जूतियों के लिए भी प्रसिद्ध है। # जयपुर के प्रमुख बाजार, जहां से आप कुछ उपयोगी सामान खरीद सकते हैं, जौहरी बाजार, बापू बाजार, नेहरू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार और एम.आई. रोड़ हैं। # [[राजस्थान परिवहन निगम|राजस्थान राज्य परिवहन निगम]] (RSRTC) की उत्तर भारत के सभी प्रसुख गंतव्यों के लिए बस सेवाएं हैं। # जयपुर के निकट [[विराट नगर]] (पुराना नाम बैराठ) जहाँ [[पांडव|पांडवों]] ने अज्ञातवास किया था, में पंचखंड पर्वत पर [[वज्रांग मंदिर]] नामक एक अनोखा देवालय है जहाँ हनुमान जी की बिना बन्दर की मुखाकृति और बिना पूंछ वाली मूर्ति स्थापित है जिसकी स्थापना अमर स्वतंत्रता सेनानी, यशस्वी लेखक [[महात्मा रामचन्द्र वीर]] ने की थी। # पन्ना मीणा की बावड़ी : सवाई जयसिंह के शासन काल में बनवाई गई प्रसिद्ध बावड़ी। === [[भरतपुर]] === # ‘पूर्वी राजस्थान का द्वार’ '''भरतपुर''', भारत के पर्यटन [[मानचित्र]] में अपना महत्त्व रखता है। # भारत के वर्तमान मानचित्र में एक प्रमुख पर्यटक गंतव्य, भरतपुर पांचवी सदी ईसा पूर्व से कई अवस्थाओं से गुजर चुका है। # 18 वीं सदी का [[घना पक्षी अभयारण्य ]], जो [[केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान]] के रूप में भी जाना जाता है। # [[लोहागढ़]] आयरन फोर्ट के रूप में भी जाना जाता है, लोहागढ़ भरतपुर के प्रमुख ऐतिहासिक आकर्षणों में से एक है। जिसको कोई नहीं जीत पाया # भरतपुर संग्रहालय राजस्थान के विगत शाही वैभव के साथ शौर्यपूर्ण अतीत के साक्षात्कार का एक प्रमुख स्रोत है। # एक सुंदर बगीचा, नेहरू पार्क, जो भरतपुर संग्रहालय के पास है। # [[डीग]] जलमहल एक आकर्षक राजमहल है, जो भरतपुर के [[जाट]] शासकों ने बनवाया था। === [[जोधपुर]] === # राठौड़ों के रूप में प्रसिद्ध एक वंश के प्रमुख, राव जोधा ने जिस जोधपुर की सन 1459 में स्थापना की थी, राजस्थान के पश्चिमी भाग में केन्द्र में स्थित राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और दर्शनीय महलों, दुर्गों औऱ मंदिरों के कारण एक लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य है। # शहर की अर्थव्यस्था में हथकरघा, वस्त्र उद्योग और धातु आधारित उद्योगों का योगदान है। # [[मेहरानगढ़ दुर्ग]], 125 मीटर ऊंचा और 5 किमी के क्षेत्रफल में फैला हुआ, भारत के बड़े दुर्गों में से एक है जिसमें कई सुसज्जित महल जैसे [[मोती महल]], [[फूल महल]], [[शीश महल]] स्थित हैं। अन्दर संग्रहालय में भी लघुचित्रो, संगीत वाद्य यंत्रों, पोशाकों, शस्त्रागार आदि का एक समृद्ध संग्रह है। # [[जोधपुर रियासत]], मारवाड़ क्षेत्र में १२५० से १९४९ तक चली रियासत थी। इसकी राजधानी वर्ष १९५० से जोधपुर नगर में रही। === [[सवाई माधोपुर]] === # सवाई माधोपुर शहर की स्थापना जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम ने 1765 ईस्वी में की थी और इन्हीं के नाम पर 15 मई, 1949 ई. को सवाई माधोपुर जिला बनाया गया। मीणा बाहुल्य इस जिले का ऐतिहासिकता के तौर पर काफी महत्त्व है। # राजस्थान राज्य का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान इसी जिले में स्थित है, जिसे [[रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान]] के नाम से जाना जाता है। इस उद्यान के कारण सवाई माधोपुर को 'टाइगर सिटी' के नाम से भी राजस्थान में पहचान मिली हुई है। # सवाई माधोपुर जिले में चौहान वंश का ऐतिहासिक [[रणथंभोर दुर्ग]] विश्व धरोहर में शामिल है, अपनी प्राकृतिक बनावट व सुरक्षात्मक दृष्टि से अभेद्य यह दुर्ग विश्व में अनूठा है। इस दुर्ग का सबसे प्रसिद्ध शासक महाराजा गुर्जर [[हम्मीर देव चौहान]] राजस्थान के इतिहास में अपने हठ के कारण काफी प्रसिद्ध रहा है। # सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर बाघों की चित्रकारी की विश्व में एक अलग पहचान है, इसलिए इसे वन्यजीव फ्रेंडली स्टेशन कहा जा सकता है। # चौथ माता का प्रसिद्ध मंदिर चौथ का बरवाड़ा में स्थित जिसे जयपुर नरेश भीम सिंह के काल में बनाया गया था। # [[मीन भगवान का मन्दिर, राजस्थान|मीन भगवान का मंदिर]] : चौथ का बरवाड़ा में मीणा समाज द्वारा सात करोड़ रुपए से निर्मित महा मंदिर। # यहाँ पर चौबीस बगड़ावत प्रसिद्ध है और और आगे चलकर इसी गुर्जर वंश में भगवान् देवनारायण ने जन्म लिया [[बूँदी|'''बूंदी''']] 1. इस शहर की स्थापना महाराजा बूंदा मीणा द्वारा की गई थी। 2. जैत सागर झील : बूंदी के शासक जैता मीणा द्वारा बनवाई गई थी। बनवाई गई झील बाड़मेर १. गुर्जर शैली किराडू मंदिर २.जूना ३.विरात्रा माता मंदिर ==उद्योग== ===सूती वस्त्र उद्योग=== '''यह राजस्थान का सबसे प्राचीन एवं सुसंगठित उद्योग है। राजस्थान''' में सबसे पहले १८८९ में ''द कृष्णा मिल्स लिमिटेड'' की स्थापना देशभक्त सेठ दामोदर दास ने [[ब्यावर नगर]] में की थी। यह '''राजस्थान''' की पहली [[सूती वस्त्र]] मिल थी। '''सार्वजनिक क्षेत्र में तीन मिल है-''' # महालक्ष्मी मिल्स लिमिटेड, ब्यावर अजमेर # एडवर्ड मिल्स लिमिटेड, ब्यावर अजमेर # विजय काटन मिल्स लिमिटेड, विजयनगर अजमेर राजस्थान में सहकारी सूती मिल है - # गंगापुर - भीलवाड़ा में # गुलाबपुरा - भीलवाडा में # हनुमानगढ़ में '''प्रमुख निजी सूती मिल''' # द कृष्णा मिल्स लिमिटेड, ब्यावर, अजमेर (राजस्थान की प्रथम सुती मिल, 1889 में) # मेवाड़ टैक्सटाइल मिल्स लिमिटेड - भीलवाड़ा(1938) # महाराजा उम्मेद मिल्स लिमिटेड - पाली(1942) # राजस्थान स्पीनिंग एण्ड विविंग मिल्स लिमिटेड - भीलवाड़ा(1960) ===चीनी उद्योग=== '''राजस्थान''' में सर्वप्रथम [[चित्तौड़गढ़]] ज़िले में भोपालसागर नगर में [[शक्कर|चीनी मिल]] ''द मेवाड़ सुगर मिल्स'' के नाम से सन् १९३२ में प्रारम्भ की गई। दूसरा कारखाना सन् १९३७ में [[श्रीगंगानगर]] में ''द श्रीगंगानगर सुगर मिल्स'' के नाम से स्थापित हुआ। इसमें मिल में [[शक्कर]] बनाने का कार्य १९४६ में प्रारम्भ हुआ। १९५६ में इस [[शक्कर|चीनी मिल]] को [[राज्य सरकार]] ने अधिगृहीत कर लिया तथा यह सार्वजनिक क्षेत्र में आ गई। १९६५ में [[बूंदी]] ज़िले के केशोराय पाटन में चीनी मिल सहकारी क्षेत्र में स्थापित की गई। वर्तमान में बंद है सन् १९७६ में [[उदयपुर]] में चीनी मिल निजी क्षेत्र में स्थापित की गई। चुकन्दर से [[शक्कर|चीनी]] बनाने के लिए ''[[श्रीगंगानगर]] सुगर मिल्स लिमिटेड'' में एक योजना १९६८ में आरम्भ की गई थी। चीनी उद्योग # द मेवाड़ शुगर मिल्स लिमिटेड - भोपाल सागर, चित्तौड़गढ़ निजी क्षेत्र में कार्यरत, राजस्थान की प्रथम चीनी मिल्स - 1932 # गंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड - कमिनपुरा, गंगानगर # केशवरायपाटन सहकारी शुगर मिल्स लिमिटेड - केशवरायपाटन, बूंदी(सहकारी क्षेत्र में) ===सीमेन्ट उद्योग=== {{Main|सीमेन्ट}} [[सीमेन्ट]] उद्योग की दृष्टि से '''राजस्थान'' का पूरे [[भारत]] में प्रथम स्थान है। यहां पर सर्वप्रथम १९०४ में समुद्री सीपियों से [[सीमेन्ट]] बनाने का प्रयास किया गया था। १९१५ ई. '''राजस्थान''' में [[लाखेरी]], [[बूंदी]] में क्लिक निक्सन कम्पनी द्वारा सर्वप्रथम एक सीमेन्ट संयंत्र स्थापित किया गया। १९१७ में इस कारखाने में [[सीमेन्ट]] बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया। ===काँच उद्योग=== {{Main|काँच}} '''राजस्थान''' में [[काँच]] प्राप्ति के मुख्य स्थल [[जयपुर]], [[बीकानेर]], [[बूंदी]] तथा [[धौलपुर]] ज़िले है जहां उपयुक्त रूप से काँच की प्राप्ति होती है। ''द हाई टेक्निकल प्रीसीजन ग्लास वर्क्स'' सार्वजनिक क्षेत्र में [[धौलपुर]] में [[राजस्थान सरकार]] का उपक्रम है जो [[श्रीगंगानगर]] सुगर मिल्स के अधीन है। काँच उद्योग के मामले में ''' राजस्थान''' [[उत्तर प्रदेश]] के बाद दुसरे स्थान पर है। ===ऊन उद्योग=== {{Main|ऊन}} संपूर्ण [[भारत|भारतवर्ष]] में 42% [[ऊन]] '''राजस्थान''' से उत्पादित होती है। इस कारण '''राजस्थान''' भर में कई ऊन उद्योग की मिलें विद्यमान है जिसमें स्टेट वूलन मिल्स ([[बीकानेर]] ), जोधपुर ऊन फैक्ट्री, विदेशी आयात - निर्यात संस्था, [[कोटा]] इत्यादि है। == राजस्थान का भूगोल == [[चित्र:राजस्थान एक परिचय.jpg|केंद्र|पाठ=|बॉर्डर|500x500पिक्सेल]] '''नामकरण :''' *'''ऋग्वेद''' में राजस्थान प्रदेश के लिए '''ब्रह्मवर्त''' शब्द का प्रयोग किया गया है * '''वाल्मीकि''' ने राजस्थान प्रदेश को '''‘मरुकान्तार‘''' कहा है। * '''राजपूताना''' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1800 ई. में '''जॉर्ज थॉमस''' ने किया। * विलियम फ्रेंकलिन ने 1805 में '''‘मिल्ट्री मेमोयर्स ऑफ मिस्टर जार्ज थॉमस‘''' नामक पुस्तक प्रकाशित की। उसमें उसने कहा कि जार्ज थॉमस सम्भवतः पहला व्यक्ति था, जिसने '''राजपूताना''' शब्द का प्रयोग इस भू-भाग के लिए किया था। * '''कर्नल जेम्स टॉड''' ने इस प्रदेश का नाम '''‘रायथान‘''' रखा क्योंकि स्थानीय साहित्य एवं बोलचाल में राजाओं के निवास के प्रान्त को '''‘रायथान‘''' कहते थे। उन्होंने 1829 ई. में लिखित अपनी प्रसिद्ध ऐतिहासिक पुस्तक '''<nowiki/>'Annals & Antiquities of Rajas'than' (or Central and Western Rajpoot States of India)''' में सर्वप्रथम इस भौगोलिक प्रदेश के लिए '''राजस्थान''' शब्द का प्रयोग किया। * '''30 मार्च,1949 से हर वर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है।''' * '''26 जनवरी, 1950''' को इस प्रदेश का नाम '''राजस्थान''' स्वीकृत किया गया। * यद्यपि राजस्थान के प्राचीन ग्रन्थों में राजस्थान शब्द का उल्लेख मिलता है। लेकिन वह शब्द क्षेत्र विशेष के रूप में प्रयुक्त न होकर रियासत या राज्य क्षेत्र के रूप में प्रयुक्त हुआ है। जैसे :- - राजस्थान शब्द का प्राचीनतम प्रयोग '''‘राजस्थानीयादित्य‘''' वि.सं. 682 में उत्कीर्ण '''बसंतगढ़ (सिरोही) के शिलालेख''' में मिलता है। - ‘मुहणोत नैणसी की ख्यात‘ व वीरभान के ‘राजरूपक‘ में '''राजस्थान''' शब्द का प्रयोग हुआ। यह शब्द भौगोलिक प्रदेश '''राजस्थान''' के लिए प्रयुक्त हुआ नहीं लगता। अर्थात् राजस्थान शब्द के प्रयोग के रूप में कर्नल जेम्स टॉड को ही श्रेय दिया जाता है। '''स्थिति :''' * उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित। * 23(degree)3' उत्तरी अंक्षाश से 30(degree)12' उत्तरी अंक्षाश एवं 69(degree)30' पूर्वी देशान्तर से 78(degree)17' पूर्वी देशान्तर के मध्य। विस्तार - उ. से द. तक लम्बाई 826 कि.मी. तथा विस्तार उतर में कोणा गाँव (गंगानगर) से दक्षिण में बोरकुंड गाँव (बांवाङ़ा) तक है। * '''अक्षांश रेखाएँ-''' ग्लोब को 180 अक्षांशों में बांटा गया है। \(0^\circ\)&nbsp; से 90(degree)उत्तरी अक्षांश, उत्तरी गोलार्द्ध तथा \(0^\circ\) से 90(degree) &nbsp;दक्षिणी अक्षांश, दक्षिणी गोलार्द्ध कहलाते हैं। अक्षांश रेखायें ग्लोब पर खींची जाने वाली काल्पनिक रेखायें हैं। जो ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची जाती है, ये जलवायु, तापमान व स्थान (दूरी) का ज्ञान कराती है। * दो अक्षांश रेखाओं के बीच में 111 km. का अन्तर होता है। * '''देशान्तर रेखाएँ -''' वे काल्पनिक रेखाएँ जो ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची जाती है। ये '''360''' होती हैं। ये समय का ज्ञान कराती है। अतः इन्हें सामयिक रेखाएँ * 0(degree) देशान्तर रेखा को ग्रीनविच मीन Time/ग्रीन विच मध्या।न रेखा कहते हैं। दो देशान्तर रेखाओं के बीच दूरी सभी जगह समान नहीं होती है, भूमध्य रेखा पर दो देशान्तर रेखाओं के बीच 111.31 किमी. का अन्तर होता है। * 180(degree) देशान्तर रेखा को अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं जो बेरिंग सागर में से होकर जापान के पूर्व में से गुजरती हुई प्रशांत महासागर को काटती हुई दक्षिण की ओर जाती है। * भारत Indian Standard Time (IST) &nbsp; '''पूर्वी देशान्तर रेखा''' को मानता है। यह उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद के पास नैनी से गुजरती है। * राजस्थान के देशान्तरीय विस्तार के कारण पूर्वी सीमा से पश्चिमी सीमा में समय का 36 मिनिट (4(degree) × 9 देशान्तर = 36 मिनिट) का अन्तर आता है अर्थात् धौलपुर में सूर्योदय के लगभग 36 मिनिट बाद जैसलमेर में सूर्योदय होता है। * '''कर्क रेखा (21° 30' उत्तरी अक्षांश)''' राजस्थान के डूंगरपुर जिले के चिखली गांव के दक्षिण से तथा बाँसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ तहसील लगभग मध्य में से गुजरती है। * कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा) में 21 जून को सूर्य की किरणें '''कर्क रेखा पर लम्बवत्''' पड़ती है। * गंगानगर में सूर्य की किरणें '''सर्वाधिक तिरछी''' व बाँसवाड़ा में सूर्य की किरणें '''सर्वाधिक सीधी''' पड़ती है। * राजस्थान में सूर्य की लम्बवत् किरणें केवल बाँसवाड़ा में पड़ती है। राजस्थान (जिला) राजस्थान के नए जिलों की सूची अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन सिटी, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर शहरी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर शहरी, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपुतली- बहरोड़, खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचौर, शाहपुरा (भीलवाड़ा)। बांसवाड़ा, पाली, सीकर नए संभाग बनाए गए हैं । ==दिशावार राजस्थान के जिले== *उत्तरी राजस्थान के जिले - गंगानगर-हनुमानगढ-चुरू-बीकानेर-अनूपगढ़ *दक्षिण राजस्थान के जिले - उदयपुर-डूंगरपुर-बांसवाड़ा-प्रतापगढ-राजसमंद-चितौड़गढ-भीलवाड़ा-सलूम्बर-शाहपुरा *पूर्वी राजस्थान के जिले - अजमेर- जयपुर उत्तर-जयपुर दक्षिण-दौसा-सीकर-झुंझुनू-अलवर-भरतपुर-धौलपुर-सवाईमाधोपुर-करौली-टोंक-केकडी-ब्यावर-गंगापुर-डीग-कोटपुतली_बहरोड़,खैरथल-भिवाडी,अलवर *पश्चिमी राजस्थान के जिले - जोधपुर-नागौर-पाली-जैसलमेर-बाड़मेर-जालोर-सिरोही *दक्षिण-पूर्व राजस्थान के जिले - कोटा-बूंदी-बारां-झालावाड़<ref>[https://www.facebook.com/Sultan1600/posts/919301301436159/]बेरोजगार सेवा केन्द्र सीकर</ref><ref>{{cite web|url=https://akresult.com/rajasthan-gk/|title=राजस्थान जनरल नॉलेज|website=akresult.com}}</ref> == इन्हें भी देखें == * [[टीन का पुरा]] * * [[राजस्थान सरकार]] * [[जोधपुर]] * [[राजस्थान के शहर]] * [[राजस्थान के लोकसभा सदस्य]] * [[राजस्थानी भाषा]] * [[सूरतगढ़|भीलवाड़ा]] * [[ओसियाँ|उदयपुर]] * [[पीलीबंगा]] * [[जयपुर]] * [[मीणा|आसींद]] * [[अनूपगढ़]] ==सन्दर्भ== {{टिप्पणीसूची|2}} {{राजस्थान}} {{भारत के राज्य और संघ राज्यक्षेत्र }} [[श्रेणी:भारत के राज्य]] [[श्रेणी:राजस्थान]] [[श्रेणी:भारत]] For secondary data and photo contact [Mob.9414498867]'
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'{{Infobox settlement | name = राजस्थान | type [[भारत का राज्य|राज्य]] | image_seal = | image_map = IN-RJ.svg | map_caption = भारत में राजस्थान का स्थान | image_map1 = | image_skyline = {{Photomontage | photo1a = Thar Khuri.jpg | photo2a = Baroli temple.jpg | photo2b = JodhpurIndia.jpg | photo3a = Jantar Mantar at Jaipur.jpg | photo4a = Amber palace, Jaipur.jpg | spacing = 1 | color_border = white | color = white | size = 260 | foot_montage = ''ऊपर से, बाएँ से दाएँ:'' [[थार मरुस्थल]], घाटेश्वर मंदिर, [[जोधपुर]], [[जन्तर मन्तर (जयपुर)|जंतर मंतर]], [[आमेर दुर्ग|आंबेर का किला]] }}<hr/h>[[File:Emblem Rajasthan.png|thumb|150px|center|[[भारत का राजकीय प्रतीक|प्रतीक]]]] | image_caption = | map_caption1 = | coor_pinpoint = [[जयपुर]] | coordinates = {{coord|26.6|73.8|region:IN-RJ_type:adm1st|display=inline,title}} | coordinates_footnotes = | subdivision_name = {{flag|भारत}} | subdivision_type = देश | established_date = 30 मार्च 1949 | established_title = गठन | parts_type = [[भारत के ज़िले|जिले]] | parts_style = [[राजस्थान के जिले|५०]] | seat = [[जयपुर]] | seat_type = राजधानी | government_footnotes = | governing_body = {{nowrap|[[राजस्थान सरकार]]}} | leader_title = [[राजस्थान के राज्यपालों की सूची|राज्यपाल]] | leader_name = [[कलराज मिश्र|कलराज मिश्रा]]<ref>{{cite news |last1=PTI |title=Kalraj Mishra is new governor of Rajasthan, Arif Mohd Khan gets Kerala {{!}} India News - Times of India |url=https://timesofindia.indiatimes.com/india/kalraj-mishra-is-new-governor-of-rajasthan-arif-mohd-khan-gets-kerala/articleshow/70932116.cms |access-date=1 September 2019 |work=The Times of India |date=1 September 2019 |language=en}}</ref> | leader_title1 = [[राजस्थान के मुख्यमंत्रियों की सूची|मुख्यमंत्री]] | leader_name1 = श्री भजन लाल शर्मा (भाजपा) | leader_title2 = उप मुख्यमंत्री | leader_name2 = सुश्री दिया कुमारी (भाजपा) <br/> श्री प्रेमचद्र बैरवा (भाजपा) | leader_title3 = [[चौदहवीं लोकसभा|संसदीय क्षेत्र]] | leader_name3 = [[राज्य सभा]] (10 सीटें)<br />[[लोक सभा]] (25 सीटें) | leader_title4 = [[भारत के उच्च न्यायालयों की सूची|उच्च न्यायालय]] | leader_name4 = [[राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर]] | unit_pref = Metric <!--or US or UK--> | area_total_km2 = 342239 | area_rank = [[क्षेत्रफल के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र|प्रथम ]] | area_note = | area_footnotes = | elevation_m = | elevation_footnotes = | population_total = 6,85,48,437<!--DON'T CHANGE THESE FIGURES. 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34–35 |publisher = Commissioner for Linguistic Minorities, Ministry of Minority Affairs, Government of India |access-date = 16 February 2016 |df = dmy-all |archive-url = https://web.archive.org/web/20171228171523/http://www.nclm.nic.in/shared/linkimages/NCLM52ndReport.pdf |archive-date = 28 December 2017}}</ref> | demographics2_title1 = राजभाषा | demographics2_info1 = [[हिन्दी]] | demographics2_title2 = अतिरिक्त आधिकारिक | demographics2_info2 = [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] | demographics2_title3 = क्षेत्रीय | demographics2_info3 = [[मारवाड़ी]] [[राजस्थानी भाषा|राजस्थानी]],[[मेवाड़ी ]], बागड़ी, [[मेवाती भाषा|मेवाती]], [[हाड़ौती]], [[ढूंढ़ाडी]], | website = [http://rajasthan.gov.in/ Rajasthan.gov.in] | footnotes = | प्रमुख समुदाय = [[जाट]], [[गुर्जर]], [[मीणा]], [[राजपूत]], [[भील]], [[कुम्हार]] | प्राचीनतम निवासी = [[मीणा]], [[भील]], [[कुम्हार]] }} '''राजस्थान''' [[भारत]] गणराज्य का [[क्षेत्रफल]] के आधार पर सबसे बड़ा [[राज्य]] है। प्रसिद्ध इतिहासकार जेम्स टाड ने "एनलस एंड एन्टीक्वीटीज आफ राजस्थान"<ref>{{Cite book|title=राजस्थान अध्ययन|last=सक्सेना|first=हरमोहन|publisher=राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल जयपुर|year=2014|location=जयपुर|pages=3}}</ref> में इस राज्य का नाम रायथान या राजस्थान रखा। यहां मुख्य राजपूत जाति के लोग है इस राज्य की एक अंतरराष्ट्रीय सीमा [[पाकिस्तान]] के साथ 1070 km जिसे रेड क्लिफ रेखा के नाम से जानते है, तथा 4850 km अंतर्राज्यीय सीमा जो देश के अन्य पाँच राज्यों से भी जुड़ा है।इसके दक्षिण-पश्चिम में [[गुजरात]]<ref>{{Cite book|title=Madan|last=Jat|first=Madan|last2=Jat|publisher=Jat|year=2018|isbn=|location=|pages=|language=}}</ref>, दक्षिण-पूर्व में [[मध्यप्रदेश]], उत्तर में [[पंजाब (भारत)]], उत्तर-पूर्व में [[उत्तरप्रदेश]] और [[हरियाणा]] है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132140 वर्ग मील) है। 2011 गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.1 % हैं। राज्य की [[राजधानी]] जयपुर हैं। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में [[थार]] मरुस्थल और [[घग्गर]] नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, [[माउंट आबू]] और विश्वविख्यात [[देलवाड़ा मंदिर]] सम्मिलित करती है। राजस्थान में तीन(रामगढ़ विषधारी के जुड़ने के बाद चार )बाघ अभयारण्य, मुकंदरा हिल्स<ref name="मुकंदरा हिल्स नेशनल पार्क"[[रणथम्भौर राष्ट्रीय अभयारण्य|रणथम्भौर]] एवं [[सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान|सरिस्का]] हैं और [[भरतपुर]] के समीप [[केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान]] है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। राजस्थान का सबसे नया संभाग भरतपुर है। राजस्थान का सबसे छोटा जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से [[दुदू]] है, धौलपुर का क्षेत्रफल [https://www.examraftaar.com/2023/05/rajasthan-ka-parichay.html 3034 वर्ग किमी] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20230526092028/https://www.examraftaar.com/2023/05/rajasthan-ka-parichay.html |date=26 मई 2023 }} है ।और सबसे बड़ा जिला जैसलमेर हैं। जिसका क्षेत्रफल [https://www.examraftaar.com/2023/05/rajasthan-ka-parichay.html 38401 वर्ग] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20230526092028/https://www.examraftaar.com/2023/05/rajasthan-ka-parichay.html |date=26 मई 2023 }} किमी. है ।भारत का सबसे गर्म स्थान फलोदी जोधपुर है । फलोदी में सौर ऊर्जा संयंत्र बहुत ज्यादा स्थापित हो रहे है । वर्तमान में राजस्थान में 50 जिले और 10 संभाग बनाएं गए है । <ref>{{Cite news |last=Bureau |first=The Hindu |date=2023-03-17 |title=Ahead of Assembly polls, Gehlot announces formation of 19 new districts in Rajasthan |language=en-IN |work=The Hindu |url=https://www.thehindu.com/news/national/other-states/ahead-of-assembly-polls-gehlot-announces-formation-of-19-new-districts-in-rajasthan/article66632231.ece |access-date=2023-03-17 |issn=0971-751X |archive-date=17 March 2023 |archive-url=https://web.archive.org/web/20230317180332/https://www.thehindu.com/news/national/other-states/ahead-of-assembly-polls-gehlot-announces-formation-of-19-new-districts-in-rajasthan/article66632231.ece |url-status=live }}</ref> राजस्थान में भरतपुर जिले से डीग तहसील को जिला बनाया गया ,अब डीग जिला राजस्थान का नया जिला होगा और भी [https://usatodays.info/rajasthan-ka-samanya-parichay/ नए जिले बनाए गए] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20240127113344/https://usatodays.info/rajasthan-ka-samanya-parichay/ |date=27 जनवरी 2024 }} । == इतिहास == {{मुख्य|राजस्थान का इतिहास}} === प्राचीन काल में राजस्थान === [[File:Bhabru inscription.jpg|thumb|The [[Minor Rock Edict]] 3 of Ashoka, found on the platform in front of the [[Bairat Temple]] of [[Viratnagar]], [[Rajasthan]].<ref name=ASI>{{cite book |title=Archaeological Survey Of India Four Reports Made During The Years 1862 - 63 - 64 - 65 Volume Ii |date=1871 |pages=242–248 |url=https://books.google.com/books?id=3s4OAAAAQAAJ |last1=Cunningham |first1=Sir Alexander |access-date=31 October 2023 |archive-date=31 October 2023 |archive-url=https://web.archive.org/web/20231031092627/https://books.google.com/books?id=3s4OAAAAQAAJ |url-status=live }}</ref> ]] प्राचीन समय में राजस्थान में आदिवासी कबीलों का शासन था। 2500 ईसा पूर्व से पहले राजस्थान बसा हुआ था और उत्तरी राजस्थान में [[सिंधु घाटी सभ्यता]] की नींव रखी थी। भील और मीना जनजाति इस क्षेत्र में रहने के लिए सबसे पहले आए थे। संसार के प्राचीनतम साहित्य में अपना स्थान रखने वाले आर्यों के धर्मग्रंथ [[ऋग्वेद]] में मत्स्य जनपद का उल्लेख आया है, जो कि वर्तमान राजस्थान के स्थान पर अवस्थित था। [[महाभारत]] कथा में भी [[मत्स्य]] नरेश विराट का उल्लेख आता है, जहाँ पांडवों ने अज्ञातवास बिताया था। करीब 13 वी शताब्दी के पूर्व तक पूर्वी राजस्थान और हाड़ौती पर गुर्जर सरदारों [[मीणा]] तथा दक्षिण राजस्थान पर भील राजाओं का शासन था <ref>{{Cite book|url=https://books.google.co.in/books?id=H8cXvR2KEccC&pg=PA62&lpg=PA62&dq=rajasthan+bhil+chief&source=bl&ots=6rjBfyvClu&sig=ACfU3U0YJ0bakEi0zsDpxCheIhFhZpEh1A&hl=hi&sa=X&ved=2ahUKEwiw-Z3i5KnpAhXL4zgGHQ1KAsIQ6AEwBXoECAkQAQ|title=Sustainable Development in Tribal and Backward Areas|last=Kohli|first=Anju|last2=Shah|first2=Farida|last3=Chowdhary|first3=A. P.|date=1997|publisher=Indus Publishing|isbn=978-81-7387-072-9|language=en}}</ref> उसके बाद मध्यकाल में राजपूत जाति के विभिन्न वंशों ने इस राज्य के विविध भागों पर अपना BANAYA, तो उन भागों का नामकरण अपने-अपने वंश, क्षेत्र की प्रमुख बोली अथवा स्थान के अनुरूप कर दिया। ये राज्य थे- [[चित्तौडगढ]], [[उदयपुर]], [[डूंगरपुर]], [[बांसवाड़ा]], [[प्रतापगढ़]], [[जोधपुर]], [[बीकानेर]], [[किशनगढ़]], (जालोर) [[सिरोही]], [[कोटा]], [[बूंदी]], [[जयपुर]], [[अलवर]], [[करौली]], [[झालावाड़]] , [[मेरवाड़ा]] और [[टोंक]](मुस्लिम पिण्डारी) राजा [[महाराणा प्रताप]]<nowiki/>और [[महाराणा सांगा]],[[महाराजा सूरजमल]], [[महाराजा जवाहर सिंह]], [[तेजाजी|वीर तेजाजी]] अपनी असाधारण राज्यभक्ति और शौर्य के लिये जाने जाते है। [[पन्ना धाय]] जैसी बलिदानी माता, [[मीरां]] जैसी जोगिन यहां की एक बड़ी शान है।[[कर्मा बाई]] जैसी भक्तणी जिसने भगवान जगन नाथ जी को हाथों से खीचड़ा (खिचड़ी) खिलाया था। इन राज्यों के नामों के साथ-साथ इनके कुछ भू-भागों को स्थानीय एवं भौगोलिक विशेषताओं के परिचायक नामों से भी पुकारा जाता रहा है। पर तथ्य यह है कि राजस्थान के अधिकांश तत्कालीन क्षेत्रों के नाम वहां बोली जाने वाली प्रमुखतम बोलियों पर ही रखे गए थे। उदाहरणार्थ ढ़ूंढ़ाडी-बोली के इलाकों को [[ढ़ूंढ़ाड़]] (जयपुर) कहते हैं। 'मेवाती' बोली वाले निकटवर्ती भू-भाग अलवर को '[[मेवात]]', उदयपुर क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली 'मेवाड़ी' के कारण उदयपुर को [[मेवाड़]], ब्रजभाषा-बाहुल्य क्षेत्र को 'ब्रज', 'मारवाड़ी' बोली के कारण बीकानेर-जोधपुर इलाके को 'मारवाड़' और 'वागडी' बोली पर ही डूंगरपुर-बांसवाडा आदि को 'वागड' कहा जाता रहा है। [[डूंगरपुर]] तथा [[उदयपुर]] के दक्षिणी भाग में प्राचीन 56 गांवों के समूह को "छप्पन" नाम से जानते हैं। [[माही नदी]] के तटीय भू-भाग को 'कोयल' तथा [[अजमेर-मेरवाड़ा]] के पास वाले कुछ पठारी भाग को 'उपरमाल' की संज्ञा दी गई है।<ref name=":0">गोपीनाथ शर्मा / 'Social Life in Medivial Rajasthan' / पृष्ठ ३</ref> जरगा और रागा के पहाड़ी भाग हमेशा हरे भरे रहते हैं इसलिए इसे देशहरो कहते है। <ref name=":1">{{Cite book|title=राजस्थान का इतिहास|last=शर्मा|first=गोपीनाथ|publisher=शिवलाल अग्रवाल एंड कम्पनी|year=1971|location=आगरा|pages=7}}</ref> ===राजस्थान का एकीकरण=== राजस्थान भारत का एक महत्वपूर्ण प्रांत है। यह 15 मार्च 1949 को भारत का एक ऐसा प्रांत बना, जिसमें तत्कालीन राजपूताना की ताकतवर रियासतें विलीन हुईं। राजस्थान के एकीकरण के समय राजस्थान में 19 रियासतें व तीन ठिकाने लावा नीमराणा व कुशलगढ़ थे इसमें से 16 क्षत्रियों (राजपूतों)शासकों की व टोंक [[मुसलमान|मुस्लिम]] रियासत थी। भरतपुर और धौलपुर के जाट शासक ने भी अपनी रियासत के विलय राजस्थान में किया था। राजस्थान शब्द का अर्थ है: 'राजाओं का स्थान' राजाओं से रक्षित भूमि थी। इस कारण इसे राजस्थान कहा गया था। भारत के संवैधानिक-इतिहास में राजस्थान का निर्माण एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। ब्रिटिश शासकों द्वारा भारत को आजाद करने की घोषणा करने के बाद जब सत्ता-हस्तांतरण की कार्यवाही शुरू की, तभी लग गया था कि आजाद भारत का राजस्थान प्रांत बनना तत्कालीन हिस्से का भारत में विलय एक दूभर कार्य साबित हो सकता है। आजादी की घोषणा के साथ ही देशी रियासतों के मुखियाओं में स्वतंत्र राज्य में भी अपनी सत्ता बरकरार रखने की होड़ सी मच गयी थी, उस समय वर्तमान राजस्थान की भौगालिक स्थिति के नज़रिए से देखें तो इस भूभाग में कुल बाईस देशी रियासतें थी। इनमें एक रियासत अजमेर-मेरवाडा प्रांत को छोड़ कर शेष देशी रियासतों पर देशी राजा महाराजाओं का ही राज था। अजमेर-मेरवाडा प्रांत पर ब्रिटिश शासकों का कब्जा था; इस कारण यह तो सीधे ही स्वतंत्र भारत में आ जाती, मगर शेष इक्कीस रियासतों का विलय होना यानि एकीकरण कर 'राजस्थान' नामक प्रांत बनाया जाना था। सत्ता की होड़ के चलते यह बड़ा ही दूभर लग रहा था, क्योंकि इन देशी रियासतों के शासक अपनी रियासतों के स्वतंत्र भारत में विलय को दूसरी प्राथमिकता के रूप में देख रहे थे। उनकी मांग थी कि वे सालों से खुद अपने राज्यों का शासन चलाते आ रहे हैं, उन्हें इसका दीर्घकालीन अनुभव है, इस कारण उनकी रियासत को 'स्वतंत्र राज्य' का दर्जा दे दिया जाए। करीब एक दशक की ऊहापोह के बीच 18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में एक नवंबर 1956 को पूरी हुई। जिसमे राजस्थान में 26 जिले सम्मिलित थे इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री [[सरदार वल्लभ भाई पटेल]] और उनके सचिव [[वी॰ पी॰ मेनन]] की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। इनकी सूझबूझ से ही राजस्थान के वर्तमान स्वरुप का निर्माण हो सका। राजस्थान में कुल 21 राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं। == भूगोल एवं राजस्थान का क्लिक करने योग्य मानचित्र == {{राजस्थान राज्य}} राजस्थान की आकृति लगभग पतंगाकार है। राज्य २३ ३ से ३० १२ अक्षांश और ६९ ३० से ७८ १७ देशान्तर के बीच स्थित है। इसके उत्तर में पाकिस्तान, पंजाब और हरियाणा, दक्षिण में मध्यप्रदेश और गुजरात, पूर्व में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश एवं पश्चिम में पाकिस्तान हैं। सिरोही से अलवर की ओर जाती हुई ४८० कि॰मी॰ लम्बी [[अरावली]] पर्वत शृंखला प्राकृतिक दृष्टि से राज्य को दो भागों में विभाजित करती है। राजस्थान का पूर्वी सम्भाग शुरू से ही उपजाऊ रहा है। इस भाग में वर्षा का औसत ५० से.मी. से ९० से.मी. तक है। राजस्थान के निर्माण के पश्चात् चम्बल और माही नदी पर बड़े-बड़े बांध और विद्युत गृह बने हैं, जिनसे राजस्थान को सिंचाई और बिजली की सुविधाएं उपलब्ध हुई है। अन्य नदियों पर भी मध्यम श्रेणी के बांध बने हैं, जिनसे हजारों हैक्टर सिंचाई होती है। इस भाग में ताम्बा, जस्ता, अभ्रक, पन्ना, घीया पत्थर और अन्य खनिज पदार्थों के विशाल भण्डार पाये जाते हैं। राज्य का पश्चिमी भाग देश के सबसे बड़े रेगिस्तान "थार" या 'थारपाकर' का भाग है। इस भाग में वर्षा का औसत १२ से.मी. से ३० से.मी. तक है। इस भाग में लूनी, बांड़ी आदि नदियां हैं, जो वर्षा के कुछ दिनों को छोड़कर प्राय: सूखी रहती हैं। देश की स्वतंत्रता से पूर्व बीकानेर राज्य गंगानहर द्वारा पंजाब की नदियों से पानी प्राप्त करता था। स्वतंत्रता के बाद राजस्थान इंडस बेसिन से रावी और व्यास नदियों से ५२.६ प्रतिशत पानी का भागीदार बन गया। उक्त नदियों का पानी राजस्थान में लाने के लिए सन् १९५८ में 'राजस्थान नहर' (अब [[इंदिरा गांधी नहर]]) की विशाल परियोजना शुरू की गई। जोधपुर, बीकानेर, चूरू एवं बाड़मेर जिलों के नगर और कई गांवों को नहर से विभिन्न लिफ्ट परियोजनाओं से पहुंचाये गये पीने का पानी उपलब्ध होगा। खारी नदी उदयपुर और अजमेर मेरवाङा की सीमा रेखा थी। पश्चिमी राजस्थान यानी मारवाड़ को मरूकान्इतर भी कहा जाता है। <ref name=":0" />इस प्रकार राजस्थान के रेगिस्तान का एक बड़ा भाग अन्तत: शस्य श्यामला भूमि में बदल जायेगा। सूरतगढ़ जैसे कई इलाको में यह नजारा देखा जा सकता है। गंगा बेसिन की नदियों पर बनाई जाने वाली जल-विद्युत योजनाओं में भी राजस्थान भी भागीदार है। इसे इस समय भाखरा-नांगल और अन्य योजनाओं के कृषि एवं औद्योगिक विकास में भरपूर सहायता मिलती है। राजस्थान नहर परियोजना के अलावा इस भाग में जवाई नदी पर निर्मित एक बांध है, जिससे न केवल विस्तृत क्षेत्र में सिंचाई होती है, वरन् जोधपुर नगर को पेयजल भी प्राप्त होता है। यह सम्भाग अभी तक औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। पर उम्मीद है, इस क्षेत्र में ज्यो-ज्यों बिजली और पानी की सुविधाएं बढ़ती जायेंगी औद्योगिक विकास भी गति पकड़ लेगा। इस बाग में [[लिग्नाइट]], फुलर्सअर्थ, [[टंगस्टन]], बैण्टोनाइट, [[जिप्सम]], [[संगमरमर]] आदि खनिज प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। [[बाड़मेर]] क्षेत्र में सिलिसियस अर्थ और कच्चा तेल के भंडार प्रचुर मात्रा में हैं। हाल ही की खुदाई से पता चला है कि इस क्षेत्र में उच्च किस्म की प्राकृतिक गैस भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। अब वह दिन दूर नहीं, जबकि राजस्थान का यह भाग भी समृद्धिशाली बन जाएगा। राज्य का क्षेत्रफल ३.४२ लाख वर्ग कि.मी है जो भारत के कुल क्षेत्रफल का १०.४० प्रतिशत है। यह भारत का सबसे बड़ा राज्य है। वर्ष १९९६-९७ में राज्य में गांवों की संख्या ३७८८९ और नगरों तथा कस्बों की संख्या २२२ थी। राज्य में ३३ जिला परिषदें, २३५ पंचायत समितियां और ९१२५ ग्राम पंचायतें हैं। नगर निगम ४ और सभी श्रेणी की नगरपालिकाएं १८० हैं। सन् १९९१ की जनगणना के अनुसार राज्य की जनसंख्या ४.३९ करोड़ थी। जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग कि॰मी॰ १२६ है। इसमें पुरुषों की संख्या २.३० करोड़ और महिलाओं की संख्या २.०९ करोड़ थी। राज्य में दशक वृद्धि दर २८.४४ प्रतिशत थी, जबकि भारत में यह औसत दर २३.५६ प्रतिशत थी। राज्य में साक्षरता ३८.८१ प्रतिशत थी। जबकि भारत की साक्षरता तो केवल २०.८ प्रतिशत थी जो देश के अन्य राज्यों में सबसे कम थी। राज्य में [[अनुसूचित जाति]] एवं अनुसूचित जनजाति राज्य की कुल जनसंख्या का क्रमश: १७.२९ प्रतिशत और १२.४४ प्रतिशत है। ==राजस्थान की जलवायु== राजस्थान की जलवायु शुष्क से उप-आर्द्र मानसूनी जलवायु है। अरावली के पश्चिम में न्यून वर्षा, उच्च दैनिक एवं वार्षिक तापान्तर, निम्न आर्द्रता तथा तीव्र हवाओं युक्त शुष्क जलवायु है। दूसरी ओर अरावली के पूर्व में अर्धशुष्क एवं उप-आर्द्र जलवायु है। अक्षांशीय स्थिति, समुद्र से दूरी, समुद्र तल से ऊंचाई, अरावली पर्वत श्रेणियों की स्थिति एवं दिशा, वनस्पति आवरण आदि सभी यहाँ की जलवायु को प्रभावित करते हैं। राजस्थान के प्रथम व्यक्तित्व:- # राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री : हीरा लाल शास्त्री (30 मार्च 1948 से 5 जनवरी 1951 तक # राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री : टीकाराम पालीवाल (3 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1952 तक) राजस्थान के चौथे मुख्यमंत्री # राजस्थान के प्रथम राज्यपाल : [[गुरुमुख निहाल सिंह|श्री गुरुमुख निहाल सिंह]] (1 नवंबर 1956 से 16 अप्रैल 1962 तक) # राजस्थान के प्रथम मुख्य न्यायाधीश : कमलकांत वर्मा # राजस्थान के प्रथम सबसे युवा सांसद: सचिन पायलट # राजस्थान के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष : नरोत्तम जोशी # राजस्थान के प्रथम पुलिस महानिरीक्षक (IGP) : के. बनर्जी # राजस्थान के प्रथम पुलिस महानिदेशक (DGP) : रघुनाथ सिंह # राजस्थान की प्रथम महिला मुख्यमंत्री : [[वसुन्धरा राजे सिंधिया|वसुन्धरा राजे]] (8 दिसम्बर 2003 से 11 दिसम्बर 2008 तक) # राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल : [[प्रतिभा देवीसिंह पाटिल|प्रतिभा पाटिल]] (8 नवंबर 2004 से 21 जून 2007 तक) # राजस्थान की प्रथम महिला विधानसभा अध्यक्ष: सुमित्रा सिंह == शिक्षण संस्थान == # [[राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर]] # राजस्थान वि. वि जयपुर # [[राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय]] # [[राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय]] # [[जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय]], [[जोधपुर]] # [[मोदी प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान संस्थान]], [[लक्ष्मणगढ़]],[[सीकर जिला]] (मानद विश्‍वविद्यालय) # [[वनस्थली विद्यापीठ]] (मानद विश्‍वविद्यालय),(निवाई) टोंक # [[राजस्थान विद्यापीठ]] (मानद विश्‍वविद्यालय), उदयपुर # [[बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी]] (मानद विश्‍वविद्यालय), # आई. आई. एस. विश्‍वविद्यालय (मानद विश्‍वविद्यालय) # एलएनएम सूचना प्रौद्योगिकी संस्‍थान (मानद विश्‍वविद्यालय) # मालवीय राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (मानद विश्‍वविद्यालय) जयपुर # [[मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय]] उदयपुर # राष्‍ट्रीय विधि विश्‍वविद्यालय, जोधपुर # राजस्‍थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर # [[राजस्‍थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय]] # [[राजस्‍थान संस्‍कृत विश्वविद्यालय]] जयपुर # [[बीकानेर विश्वविद्यालय, बीकानेर]] # [[कोटा विश्वविद्यालय]] कोटा # [[वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय]] कोटा # महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर<!-- यह विश्वविध्यालय अजमेर में उपस्थित है --> # [[मौलाना अबुल कलाम आजाद विश्वविद्यालय]] जोधपुर # [[पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय|शेखावाटी विश्वविद्यालय]] सीकर ==राजस्थान की महत्वपूर्ण कला-संस्कृति इकाइयां== मुख्य लेख : [[राजस्थान की महत्वपूर्ण कला-संस्कृति इकाइयां]] [[File:Rajasthani Artists.jpg|500px|centre| राजस्थानी कलाकार]] आरटीडीसी - [[राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड]] राजस्थान की सभी पर्यटन सम्बंधित जानकारी एवं सेवा उपलब्धि कराती है | पूरे [[भारत]] वर्ष में सबसे ज्यादा पह्माणे में विदेशी पर्यटन सिर्फ [[राजस्थान]] आते है जो की भारत देश की [[संस्कृति]], [[कला]] , [[वेश भूषा]] , आस्था का रूप है | राजस्थान पर्यटन विभाग राजस्थान के सभी प्रसिद्द राज महल, मंदिर, लोक कला, टाइगर रिसॉर्ट्स , होटल्स जैसी सभी सेवाएं पर्यटकों को उपलब्ध कराती है । चन्द्रशेखर के सुर्जनचरित्र से चौहान वंश के इतिहास पर प्रकाश डाला गया है। ब्रह्मगुप्त ने ध्यान गृह की रचना थी। अलउतबी के तारीखएयामिनी,मिनहाज उस सिराज के तबकात ए नासिरी मे यमन -राजपूत संघर्ष का वर्णन है। <ref name=":1" /> == राजस्थान के प्रसिद्ध स्थल == ===[[जयपुर]]=== [[File:Hawa Mahal east facade (14-07-2022).jpg|thumb|[[हवामहल]],[[जयपुर]].]] # जयपुर <ref>http://hindi.mapsofindia.com/rajasthan/jaipur/places-of-interest/ {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20160919164844/http://hindi.mapsofindia.com/rajasthan/jaipur/places-of-interest/ |date=19 सितंबर 2016 }} जयपुर के दर्शनीय स्थल</ref> इसके भव्य किलों, महलों और सुंदर झीलों के लिए प्रसिद्ध है, जो विश्वभर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। # चन्द्रमहल (सिटी पैलेस) [[महाराजा जयसिंह]] (द्वितीय) द्वारा बनवाया गया था और [[मुगल]] और राजस्थानी स्थापत्य का एक संयोजन है। # महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने [[हवामहल]] 1799 ई. में बनवाया जिसके वास्तुकार लालचन्द उस्ता थे। # [[आमेर]] [[दुर्ग]] में महलों, विशाल कक्षों, स्तंभदार दर्शक-दीर्घाओं, बगीचों और मंदिरों सहित कई भवन-समूह हैं। # [[आमेर]] महल मुगल और हिन्दू स्थापत्य शैलियों के मिश्रण का उत्कृष्ट उदाहरण है। # एल्बर्ट हॉल नामक म्यूजियम 1876 में, प्रिंस ऑफ वेल्स के जयपुर आगमन पर सवाई रामसिंह द्वारा बनवाया गया था और 1886 में जनता के लिए खोला गया। # गवर्नमेंट सेन्ट्रल म्यूजियम में हाथीदांत कृतियों, वस्त्रों, आभूषणों, नक्काशीदार काष्ठ कृतियों, लघुचित्रों, संगमरमर प्रतिमाओं, शस्त्रों और हथियारों का समृद्ध संग्रह है। # [[सवाई जयसिंह]] (द्वितीय) ने अपनी सिसोदिया रानी के निवास के लिए '[[सिसोदिया रानी बाग|सिसोदिया रानी का बाग]]' भी बनवाया। # [[जलमहल]], शाही बत्तख-शिकार के लिए बनाया गया मानसागर [[झील]] के बीच स्थित एक [[महल]] है। # '[[कनक वृंदावन]]' अपने प्राचीन गोविन्देव विग्रह के लिए प्रसिद्ध जयपुर में एक लोकप्रिय मंदिर-समूह है। # जयपुर के बाजार जीवंत हैं और दुकानें रंग बिरंगे सामानों से भरी है, जिसमें हथकरघा-उत्पाद, बहुमूल्य रत्नाभूषण, वस्त्र, मीनाकारी-सामान, राजस्थानी चित्र आदि शामिल हैं। # जयपुर [[संगमरमर]] की प्रतिमाओं, [[ब्लू पॉटरी]] और राजस्थानी जूतियों के लिए भी प्रसिद्ध है। # जयपुर के प्रमुख बाजार, जहां से आप कुछ उपयोगी सामान खरीद सकते हैं, जौहरी बाजार, बापू बाजार, नेहरू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार और एम.आई. रोड़ हैं। # [[राजस्थान परिवहन निगम|राजस्थान राज्य परिवहन निगम]] (RSRTC) की उत्तर भारत के सभी प्रसुख गंतव्यों के लिए बस सेवाएं हैं। # जयपुर के निकट [[विराट नगर]] (पुराना नाम बैराठ) जहाँ [[पांडव|पांडवों]] ने अज्ञातवास किया था, में पंचखंड पर्वत पर [[वज्रांग मंदिर]] नामक एक अनोखा देवालय है जहाँ हनुमान जी की बिना बन्दर की मुखाकृति और बिना पूंछ वाली मूर्ति स्थापित है जिसकी स्थापना अमर स्वतंत्रता सेनानी, यशस्वी लेखक [[महात्मा रामचन्द्र वीर]] ने की थी। # पन्ना मीणा की बावड़ी : सवाई जयसिंह के शासन काल में बनवाई गई प्रसिद्ध बावड़ी। === [[भरतपुर]] === # ‘पूर्वी राजस्थान का द्वार’ '''भरतपुर''', भारत के पर्यटन [[मानचित्र]] में अपना महत्त्व रखता है। # भारत के वर्तमान मानचित्र में एक प्रमुख पर्यटक गंतव्य, भरतपुर पांचवी सदी ईसा पूर्व से कई अवस्थाओं से गुजर चुका है। # 18 वीं सदी का [[घना पक्षी अभयारण्य ]], जो [[केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान]] के रूप में भी जाना जाता है। # [[लोहागढ़]] आयरन फोर्ट के रूप में भी जाना जाता है, लोहागढ़ भरतपुर के प्रमुख ऐतिहासिक आकर्षणों में से एक है। जिसको कोई नहीं जीत पाया # भरतपुर संग्रहालय राजस्थान के विगत शाही वैभव के साथ शौर्यपूर्ण अतीत के साक्षात्कार का एक प्रमुख स्रोत है। # एक सुंदर बगीचा, नेहरू पार्क, जो भरतपुर संग्रहालय के पास है। # [[डीग]] जलमहल एक आकर्षक राजमहल है, जो भरतपुर के [[जाट]] शासकों ने बनवाया था। === [[जोधपुर]] === # राठौड़ों के रूप में प्रसिद्ध एक वंश के प्रमुख, राव जोधा ने जिस जोधपुर की सन 1459 में स्थापना की थी, राजस्थान के पश्चिमी भाग में केन्द्र में स्थित राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और दर्शनीय महलों, दुर्गों औऱ मंदिरों के कारण एक लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य है। # शहर की अर्थव्यस्था में हथकरघा, वस्त्र उद्योग और धातु आधारित उद्योगों का योगदान है। # [[मेहरानगढ़ दुर्ग]], 125 मीटर ऊंचा और 5 किमी के क्षेत्रफल में फैला हुआ, भारत के बड़े दुर्गों में से एक है जिसमें कई सुसज्जित महल जैसे [[मोती महल]], [[फूल महल]], [[शीश महल]] स्थित हैं। अन्दर संग्रहालय में भी लघुचित्रो, संगीत वाद्य यंत्रों, पोशाकों, शस्त्रागार आदि का एक समृद्ध संग्रह है। # [[जोधपुर रियासत]], मारवाड़ क्षेत्र में १२५० से १९४९ तक चली रियासत थी। इसकी राजधानी वर्ष १९५० से जोधपुर नगर में रही। === [[सवाई माधोपुर]] === # सवाई माधोपुर शहर की स्थापना जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम ने 1765 ईस्वी में की थी और इन्हीं के नाम पर 15 मई, 1949 ई. को सवाई माधोपुर जिला बनाया गया। मीणा बाहुल्य इस जिले का ऐतिहासिकता के तौर पर काफी महत्त्व है। # राजस्थान राज्य का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान इसी जिले में स्थित है, जिसे [[रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान]] के नाम से जाना जाता है। इस उद्यान के कारण सवाई माधोपुर को 'टाइगर सिटी' के नाम से भी राजस्थान में पहचान मिली हुई है। # सवाई माधोपुर जिले में चौहान वंश का ऐतिहासिक [[रणथंभोर दुर्ग]] विश्व धरोहर में शामिल है, अपनी प्राकृतिक बनावट व सुरक्षात्मक दृष्टि से अभेद्य यह दुर्ग विश्व में अनूठा है। इस दुर्ग का सबसे प्रसिद्ध शासक महाराजा गुर्जर [[हम्मीर देव चौहान]] राजस्थान के इतिहास में अपने हठ के कारण काफी प्रसिद्ध रहा है। # सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर बाघों की चित्रकारी की विश्व में एक अलग पहचान है, इसलिए इसे वन्यजीव फ्रेंडली स्टेशन कहा जा सकता है। # चौथ माता का प्रसिद्ध मंदिर चौथ का बरवाड़ा में स्थित जिसे जयपुर नरेश भीम सिंह के काल में बनाया गया था। # [[मीन भगवान का मन्दिर, राजस्थान|मीन भगवान का मंदिर]] : चौथ का बरवाड़ा में मीणा समाज द्वारा सात करोड़ रुपए से निर्मित महा मंदिर। # यहाँ पर चौबीस बगड़ावत प्रसिद्ध है और और आगे चलकर इसी गुर्जर वंश में भगवान् देवनारायण ने जन्म लिया [[बूँदी|'''बूंदी''']] 1. इस शहर की स्थापना महाराजा बूंदा मीणा द्वारा की गई थी। 2. जैत सागर झील : बूंदी के शासक जैता मीणा द्वारा बनवाई गई थी। बनवाई गई झील बाड़मेर १. गुर्जर शैली किराडू मंदिर २.जूना ३.विरात्रा माता मंदिर ==उद्योग== ===सूती वस्त्र उद्योग=== '''यह राजस्थान का सबसे प्राचीन एवं सुसंगठित उद्योग है। राजस्थान''' में सबसे पहले १८८९ में ''द कृष्णा मिल्स लिमिटेड'' की स्थापना देशभक्त सेठ दामोदर दास ने [[ब्यावर नगर]] में की थी। यह '''राजस्थान''' की पहली [[सूती वस्त्र]] मिल थी। '''सार्वजनिक क्षेत्र में तीन मिल है-''' # महालक्ष्मी मिल्स लिमिटेड, ब्यावर अजमेर # एडवर्ड मिल्स लिमिटेड, ब्यावर अजमेर # विजय काटन मिल्स लिमिटेड, विजयनगर अजमेर राजस्थान में सहकारी सूती मिल है - # गंगापुर - भीलवाड़ा में # गुलाबपुरा - भीलवाडा में # हनुमानगढ़ में '''प्रमुख निजी सूती मिल''' # द कृष्णा मिल्स लिमिटेड, ब्यावर, अजमेर (राजस्थान की प्रथम सुती मिल, 1889 में) # मेवाड़ टैक्सटाइल मिल्स लिमिटेड - भीलवाड़ा(1938) # महाराजा उम्मेद मिल्स लिमिटेड - पाली(1942) # राजस्थान स्पीनिंग एण्ड विविंग मिल्स लिमिटेड - भीलवाड़ा(1960) ===चीनी उद्योग=== '''राजस्थान''' में सर्वप्रथम [[चित्तौड़गढ़]] ज़िले में भोपालसागर नगर में [[शक्कर|चीनी मिल]] ''द मेवाड़ सुगर मिल्स'' के नाम से सन् १९३२ में प्रारम्भ की गई। दूसरा कारखाना सन् १९३७ में [[श्रीगंगानगर]] में ''द श्रीगंगानगर सुगर मिल्स'' के नाम से स्थापित हुआ। इसमें मिल में [[शक्कर]] बनाने का कार्य १९४६ में प्रारम्भ हुआ। १९५६ में इस [[शक्कर|चीनी मिल]] को [[राज्य सरकार]] ने अधिगृहीत कर लिया तथा यह सार्वजनिक क्षेत्र में आ गई। १९६५ में [[बूंदी]] ज़िले के केशोराय पाटन में चीनी मिल सहकारी क्षेत्र में स्थापित की गई। वर्तमान में बंद है सन् १९७६ में [[उदयपुर]] में चीनी मिल निजी क्षेत्र में स्थापित की गई। चुकन्दर से [[शक्कर|चीनी]] बनाने के लिए ''[[श्रीगंगानगर]] सुगर मिल्स लिमिटेड'' में एक योजना १९६८ में आरम्भ की गई थी। चीनी उद्योग # द मेवाड़ शुगर मिल्स लिमिटेड - भोपाल सागर, चित्तौड़गढ़ निजी क्षेत्र में कार्यरत, राजस्थान की प्रथम चीनी मिल्स - 1932 # गंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड - कमिनपुरा, गंगानगर # केशवरायपाटन सहकारी शुगर मिल्स लिमिटेड - केशवरायपाटन, बूंदी(सहकारी क्षेत्र में) ===सीमेन्ट उद्योग=== {{Main|सीमेन्ट}} [[सीमेन्ट]] उद्योग की दृष्टि से '''राजस्थान'' का पूरे [[भारत]] में प्रथम स्थान है। यहां पर सर्वप्रथम १९०४ में समुद्री सीपियों से [[सीमेन्ट]] बनाने का प्रयास किया गया था। १९१५ ई. '''राजस्थान''' में [[लाखेरी]], [[बूंदी]] में क्लिक निक्सन कम्पनी द्वारा सर्वप्रथम एक सीमेन्ट संयंत्र स्थापित किया गया। १९१७ में इस कारखाने में [[सीमेन्ट]] बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया। ===काँच उद्योग=== {{Main|काँच}} '''राजस्थान''' में [[काँच]] प्राप्ति के मुख्य स्थल [[जयपुर]], [[बीकानेर]], [[बूंदी]] तथा [[धौलपुर]] ज़िले है जहां उपयुक्त रूप से काँच की प्राप्ति होती है। ''द हाई टेक्निकल प्रीसीजन ग्लास वर्क्स'' सार्वजनिक क्षेत्र में [[धौलपुर]] में [[राजस्थान सरकार]] का उपक्रम है जो [[श्रीगंगानगर]] सुगर मिल्स के अधीन है। काँच उद्योग के मामले में ''' राजस्थान''' [[उत्तर प्रदेश]] के बाद दुसरे स्थान पर है। ===ऊन उद्योग=== {{Main|ऊन}} संपूर्ण [[भारत|भारतवर्ष]] में 42% [[ऊन]] '''राजस्थान''' से उत्पादित होती है। इस कारण '''राजस्थान''' भर में कई ऊन उद्योग की मिलें विद्यमान है जिसमें स्टेट वूलन मिल्स ([[बीकानेर]] ), जोधपुर ऊन फैक्ट्री, विदेशी आयात - निर्यात संस्था, [[कोटा]] इत्यादि है। == राजस्थान का भूगोल == [[चित्र:राजस्थान एक परिचय.jpg|केंद्र|पाठ=|बॉर्डर|500x500पिक्सेल]] '''नामकरण :''' *'''ऋग्वेद''' में राजस्थान प्रदेश के लिए '''ब्रह्मवर्त''' शब्द का प्रयोग किया गया है * '''वाल्मीकि''' ने राजस्थान प्रदेश को '''‘मरुकान्तार‘''' कहा है। * '''राजपूताना''' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1800 ई. में '''जॉर्ज थॉमस''' ने किया। * विलियम फ्रेंकलिन ने 1805 में '''‘मिल्ट्री मेमोयर्स ऑफ मिस्टर जार्ज थॉमस‘''' नामक पुस्तक प्रकाशित की। उसमें उसने कहा कि जार्ज थॉमस सम्भवतः पहला व्यक्ति था, जिसने '''राजपूताना''' शब्द का प्रयोग इस भू-भाग के लिए किया था। * '''कर्नल जेम्स टॉड''' ने इस प्रदेश का नाम '''‘रायथान‘''' रखा क्योंकि स्थानीय साहित्य एवं बोलचाल में राजाओं के निवास के प्रान्त को '''‘रायथान‘''' कहते थे। उन्होंने 1829 ई. में लिखित अपनी प्रसिद्ध ऐतिहासिक पुस्तक '''<nowiki/>'Annals & Antiquities of Rajas'than' (or Central and Western Rajpoot States of India)''' में सर्वप्रथम इस भौगोलिक प्रदेश के लिए '''राजस्थान''' शब्द का प्रयोग किया। * '''30 मार्च,1949 से हर वर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है।''' * '''26 जनवरी, 1950''' को इस प्रदेश का नाम '''राजस्थान''' स्वीकृत किया गया। * यद्यपि राजस्थान के प्राचीन ग्रन्थों में राजस्थान शब्द का उल्लेख मिलता है। लेकिन वह शब्द क्षेत्र विशेष के रूप में प्रयुक्त न होकर रियासत या राज्य क्षेत्र के रूप में प्रयुक्त हुआ है। जैसे :- - राजस्थान शब्द का प्राचीनतम प्रयोग '''‘राजस्थानीयादित्य‘''' वि.सं. 682 में उत्कीर्ण '''बसंतगढ़ (सिरोही) के शिलालेख''' में मिलता है। - ‘मुहणोत नैणसी की ख्यात‘ व वीरभान के ‘राजरूपक‘ में '''राजस्थान''' शब्द का प्रयोग हुआ। यह शब्द भौगोलिक प्रदेश '''राजस्थान''' के लिए प्रयुक्त हुआ नहीं लगता। अर्थात् राजस्थान शब्द के प्रयोग के रूप में कर्नल जेम्स टॉड को ही श्रेय दिया जाता है। '''स्थिति :''' * उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित। * 23(degree)3' उत्तरी अंक्षाश से 30(degree)12' उत्तरी अंक्षाश एवं 69(degree)30' पूर्वी देशान्तर से 78(degree)17' पूर्वी देशान्तर के मध्य। विस्तार - उ. से द. तक लम्बाई 826 कि.मी. तथा विस्तार उतर में कोणा गाँव (गंगानगर) से दक्षिण में बोरकुंड गाँव (बांवाङ़ा) तक है। * '''अक्षांश रेखाएँ-''' ग्लोब को 180 अक्षांशों में बांटा गया है। \(0^\circ\)&nbsp; से 90(degree)उत्तरी अक्षांश, उत्तरी गोलार्द्ध तथा \(0^\circ\) से 90(degree) &nbsp;दक्षिणी अक्षांश, दक्षिणी गोलार्द्ध कहलाते हैं। अक्षांश रेखायें ग्लोब पर खींची जाने वाली काल्पनिक रेखायें हैं। जो ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची जाती है, ये जलवायु, तापमान व स्थान (दूरी) का ज्ञान कराती है। * दो अक्षांश रेखाओं के बीच में 111 km. का अन्तर होता है। * '''देशान्तर रेखाएँ -''' वे काल्पनिक रेखाएँ जो ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची जाती है। ये '''360''' होती हैं। ये समय का ज्ञान कराती है। अतः इन्हें सामयिक रेखाएँ * 0(degree) देशान्तर रेखा को ग्रीनविच मीन Time/ग्रीन विच मध्या।न रेखा कहते हैं। दो देशान्तर रेखाओं के बीच दूरी सभी जगह समान नहीं होती है, भूमध्य रेखा पर दो देशान्तर रेखाओं के बीच 111.31 किमी. का अन्तर होता है। * 180(degree) देशान्तर रेखा को अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं जो बेरिंग सागर में से होकर जापान के पूर्व में से गुजरती हुई प्रशांत महासागर को काटती हुई दक्षिण की ओर जाती है। * भारत Indian Standard Time (IST) &nbsp; '''पूर्वी देशान्तर रेखा''' को मानता है। यह उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद के पास नैनी से गुजरती है। * राजस्थान के देशान्तरीय विस्तार के कारण पूर्वी सीमा से पश्चिमी सीमा में समय का 36 मिनिट (4(degree) × 9 देशान्तर = 36 मिनिट) का अन्तर आता है अर्थात् धौलपुर में सूर्योदय के लगभग 36 मिनिट बाद जैसलमेर में सूर्योदय होता है। * '''कर्क रेखा (21° 30' उत्तरी अक्षांश)''' राजस्थान के डूंगरपुर जिले के चिखली गांव के दक्षिण से तथा बाँसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ तहसील लगभग मध्य में से गुजरती है। * कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा) में 21 जून को सूर्य की किरणें '''कर्क रेखा पर लम्बवत्''' पड़ती है। * गंगानगर में सूर्य की किरणें '''सर्वाधिक तिरछी''' व बाँसवाड़ा में सूर्य की किरणें '''सर्वाधिक सीधी''' पड़ती है। * राजस्थान में सूर्य की लम्बवत् किरणें केवल बाँसवाड़ा में पड़ती है। राजस्थान (जिला) राजस्थान के नए जिलों की सूची अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन सिटी, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर शहरी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर शहरी, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपुतली- बहरोड़, खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचौर, शाहपुरा (भीलवाड़ा)। बांसवाड़ा, पाली, सीकर नए संभाग बनाए गए हैं । ==दिशावार राजस्थान के जिले== *उत्तरी राजस्थान के जिले - गंगानगर-हनुमानगढ-चुरू-बीकानेर-अनूपगढ़ *दक्षिण राजस्थान के जिले - उदयपुर-डूंगरपुर-बांसवाड़ा-प्रतापगढ-राजसमंद-चितौड़गढ-भीलवाड़ा-सलूम्बर-शाहपुरा *पूर्वी राजस्थान के जिले - अजमेर- जयपुर उत्तर-जयपुर दक्षिण-दौसा-सीकर-झुंझुनू-अलवर-भरतपुर-धौलपुर-सवाईमाधोपुर-करौली-टोंक-केकडी-ब्यावर-गंगापुर-डीग-कोटपुतली_बहरोड़,खैरथल-भिवाडी,अलवर *पश्चिमी राजस्थान के जिले - जोधपुर-नागौर-पाली-जैसलमेर-बाड़मेर-जालोर-सिरोही *दक्षिण-पूर्व राजस्थान के जिले - कोटा-बूंदी-बारां-झालावाड़<ref>[https://www.facebook.com/Sultan1600/posts/919301301436159/]बेरोजगार सेवा केन्द्र सीकर</ref><ref>{{cite web|url=https://akresult.com/rajasthan-gk/|title=राजस्थान जनरल नॉलेज|website=akresult.com}}</ref> == इन्हें भी देखें == * [[टीन का पुरा]] * * [[राजस्थान सरकार]] * [[जोधपुर]] * [[राजस्थान के शहर]] * [[राजस्थान के लोकसभा सदस्य]] * [[राजस्थानी भाषा]] * [[सूरतगढ़|भीलवाड़ा]] * [[ओसियाँ|उदयपुर]] * [[पीलीबंगा]] * [[जयपुर]] * [[मीणा|आसींद]] * [[अनूपगढ़]] ==सन्दर्भ== {{टिप्पणीसूची|2}} {{राजस्थान}} {{भारत के राज्य और संघ राज्यक्षेत्र }} [[श्रेणी:भारत के राज्य]] [[श्रेणी:राजस्थान]] [[श्रेणी:भारत]] For secondary data and photo contact [Mob.9414498867]'
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'@@ -97,4 +97,5 @@ === प्राचीन काल में राजस्थान === +[[File:Bhabru inscription.jpg|thumb|The [[Minor Rock Edict]] 3 of Ashoka, found on the platform in front of the [[Bairat Temple]] of [[Viratnagar]], [[Rajasthan]].<ref name=ASI>{{cite book |title=Archaeological Survey Of India Four Reports Made During The Years 1862 - 63 - 64 - 65 Volume Ii |date=1871 |pages=242–248 |url=https://books.google.com/books?id=3s4OAAAAQAAJ |last1=Cunningham |first1=Sir Alexander |access-date=31 October 2023 |archive-date=31 October 2023 |archive-url=https://web.archive.org/web/20231031092627/https://books.google.com/books?id=3s4OAAAAQAAJ |url-status=live }}</ref> ]] प्राचीन समय में राजस्थान में आदिवासी कबीलों का शासन था। 2500 ईसा पूर्व से पहले राजस्थान बसा हुआ था और उत्तरी राजस्थान में [[सिंधु घाटी सभ्यता]] की नींव रखी थी। भील और मीना जनजाति इस क्षेत्र में रहने के लिए सबसे पहले आए थे। संसार के प्राचीनतम साहित्य में अपना स्थान रखने वाले आर्यों के धर्मग्रंथ [[ऋग्वेद]] में मत्स्य जनपद का उल्लेख आया है, जो कि वर्तमान राजस्थान के स्थान पर अवस्थित था। [[महाभारत]] कथा में भी [[मत्स्य]] नरेश विराट का उल्लेख आता है, जहाँ पांडवों ने अज्ञातवास बिताया था। करीब 13 वी शताब्दी के पूर्व तक पूर्वी राजस्थान और हाड़ौती पर गुर्जर सरदारों [[मीणा]] तथा दक्षिण राजस्थान पर भील राजाओं का शासन था <ref>{{Cite book|url=https://books.google.co.in/books?id=H8cXvR2KEccC&pg=PA62&lpg=PA62&dq=rajasthan+bhil+chief&source=bl&ots=6rjBfyvClu&sig=ACfU3U0YJ0bakEi0zsDpxCheIhFhZpEh1A&hl=hi&sa=X&ved=2ahUKEwiw-Z3i5KnpAhXL4zgGHQ1KAsIQ6AEwBXoECAkQAQ|title=Sustainable Development in Tribal and Backward Areas|last=Kohli|first=Anju|last2=Shah|first2=Farida|last3=Chowdhary|first3=A. P.|date=1997|publisher=Indus Publishing|isbn=978-81-7387-072-9|language=en}}</ref> उसके बाद मध्यकाल में राजपूत जाति के विभिन्न वंशों ने इस राज्य के विविध भागों पर अपना BANAYA, तो उन भागों का नामकरण अपने-अपने वंश, क्षेत्र की प्रमुख बोली अथवा स्थान के अनुरूप कर दिया। ये राज्य थे- [[चित्तौडगढ]], [[उदयपुर]], [[डूंगरपुर]], [[बांसवाड़ा]], [[प्रतापगढ़]], [[जोधपुर]], [[बीकानेर]], [[किशनगढ़]], (जालोर) [[सिरोही]], [[कोटा]], [[बूंदी]], [[जयपुर]], [[अलवर]], [[करौली]], [[झालावाड़]] , [[मेरवाड़ा]] और [[टोंक]](मुस्लिम पिण्डारी) राजा [[महाराणा प्रताप]]<nowiki/>और [[महाराणा सांगा]],[[महाराजा सूरजमल]], [[महाराजा जवाहर सिंह]], [[तेजाजी|वीर तेजाजी]] अपनी असाधारण राज्यभक्ति और शौर्य के लिये जाने जाते है। [[पन्ना धाय]] जैसी बलिदानी माता, [[मीरां]] जैसी जोगिन यहां की एक बड़ी शान है।[[कर्मा बाई]] जैसी भक्तणी जिसने भगवान जगन नाथ जी को हाथों से खीचड़ा (खिचड़ी) खिलाया था। इन राज्यों के नामों के साथ-साथ इनके कुछ भू-भागों को स्थानीय एवं भौगोलिक विशेषताओं के परिचायक नामों से भी पुकारा जाता रहा है। पर तथ्य यह है कि राजस्थान के अधिकांश तत्कालीन क्षेत्रों के नाम वहां बोली जाने वाली प्रमुखतम बोलियों पर ही रखे गए थे। उदाहरणार्थ ढ़ूंढ़ाडी-बोली के इलाकों को [[ढ़ूंढ़ाड़]] (जयपुर) कहते हैं। 'मेवाती' बोली वाले निकटवर्ती भू-भाग अलवर को '[[मेवात]]', उदयपुर क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली 'मेवाड़ी' के कारण उदयपुर को [[मेवाड़]], ब्रजभाषा-बाहुल्य क्षेत्र को 'ब्रज', 'मारवाड़ी' बोली के कारण बीकानेर-जोधपुर इलाके को 'मारवाड़' और 'वागडी' बोली पर ही डूंगरपुर-बांसवाडा आदि को 'वागड' कहा जाता रहा है। [[डूंगरपुर]] तथा [[उदयपुर]] के दक्षिणी भाग में प्राचीन 56 गांवों के समूह को "छप्पन" नाम से जानते हैं। [[माही नदी]] के तटीय भू-भाग को 'कोयल' तथा [[अजमेर-मेरवाड़ा]] के पास वाले कुछ पठारी भाग को 'उपरमाल' की संज्ञा दी गई है।<ref name=":0">गोपीनाथ शर्मा / 'Social Life in Medivial Rajasthan' / पृष्ठ ३</ref> जरगा और रागा के पहाड़ी भाग हमेशा हरे भरे रहते हैं इसलिए इसे देशहरो कहते है। <ref name=":1">{{Cite book|title=राजस्थान का इतिहास|last=शर्मा|first=गोपीनाथ|publisher=शिवलाल अग्रवाल एंड कम्पनी|year=1971|location=आगरा|pages=7}}</ref> '
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[ 0 => '[[File:Bhabru inscription.jpg|thumb|The [[Minor Rock Edict]] 3 of Ashoka, found on the platform in front of the [[Bairat Temple]] of [[Viratnagar]], [[Rajasthan]].<ref name=ASI>{{cite book |title=Archaeological Survey Of India Four Reports Made During The Years 1862 - 63 - 64 - 65 Volume Ii |date=1871 |pages=242–248 |url=https://books.google.com/books?id=3s4OAAAAQAAJ |last1=Cunningham |first1=Sir Alexander |access-date=31 October 2023 |archive-date=31 October 2023 |archive-url=https://web.archive.org/web/20231031092627/https://books.google.com/books?id=3s4OAAAAQAAJ |url-status=live }}</ref> ]]' ]
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